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नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। आज सावन माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का त्यौहार पूरे देश में मनाया जा रहा है। सनातन धर्म में इस त्यौहार का बड़ा महत्व है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था इसलिए हर वर्ष सुहागिन महिलाएं भगवान शिव-पार्वती की विधि-विधान से पूजा करती हैं।
ऐसे करें पूजा-अर्चना
हरियाली तीज के दिन सुबह जल्दी उठे और घर की साफ-साफई करें। फिर स्नान करके व्रत का संकल्प लेते हुए घर को तोरण और मंडप से सजाएं। इसके बाद पूजा स्थल पर चौकी पर मिट्टी में गंगाजल मिलाकर भगवान शिव और माता पार्वती, भगवान गणेश, नंदी और भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा बनाएं।
मूर्ति की स्थापना हो जाने के बाद सुहाग की सभी पूजा सामग्री को एकत्रित करते हुए पूजा आरंभ करें और माता को श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें। इसके बाद भगवान शंकर को भी वस्त्र इत्यादि समर्पित करें। इसके बाद विधि विधान के साथ भगवान शिव और माता पार्वती पूजा-आराधना आरंभ करें। अंत में हरियाली तीज की कथा सुनें।
हरियाली तीज का महत्व
सनातन धर्म में हरियाली तीज का विशेष महत्व होता है। पौराणिक कथाओं में बताया जाता है कि मां पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए 108 जन्मों तक कठोर तपस्या की थी जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था।
इसलिए तीज पर्व पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। यह हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका के रूप में मनाई जाती है।
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