- लंबे समय से मेडा के लिए ये एसटीपी बन हुए थे सफेद हाथी
- अब नगर निगम को सिर्फ विकल्प का करना है चयन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बोर्ड बैठक में मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने सभी 13 एसटीपी को नगर निगम को हस्तांतरित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गई है। लंबे समय से मेडा के लिए ये एसटीपी सफेद हाथी बने हुए थे। अब निगम को सिर्फ विकल्प का चयन करना है। हाल ही में प्रदेश सरकार ने पार्किंग रखने वालों के लिए एक अतिरिक्त मंजिल देने का प्रविधान भवन उपविधि में संशोधन से किया है, उस प्रविधान को मेडा ने अंगीकृत कर लिया।
एलआइजी और ईडब्ल्यूएस के लिए एक हजार प्लाट काटने का निर्णय हुआ है तो वहीं वेदव्यासपुरी के सेक्टर चार स्थित अंसल टाउन के 400 आवंटियों की समस्या का भी समाधान कर दिया गया है। ये बड़े फैसले बोर्ड बैठक में किये गए हैं। अब यहां के लोगों की रजिस्ट्री हो सकेगी। तय हुआ कि आडिट से संबंधित शुल्क आवंटी से लिया जाएगा। कंकरखेड़ा तिराहे पर रोटरी बनेगी। यहां जाम की बड़ी समस्या बनी रहती हैं। इनर रिंग रोड में बाधा थी, उसका भी समाधान खोज लिया गया हैं।
प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि एसटीपी के लिए हाल ही में जल निगम से सर्वे कराया गया था। सर्वे के साथ ही विभिन्न कार्य के लिए जल निगम ने 19.09 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार किया है। अब नगर निगम को यह तय करना है कि वह यह धनराशि लेकर स्वयं से संबंधित कार्य कराएगा या फिर मेडा उसमें संबंधित कार्य कराने के बाद हस्तांतरित करे। बोर्ड बैठक के निर्णय के अनुसार अब एसटीपी का हस्तांतरण जल्द से जल्द किया जाना है।
उन्होंने बताया कि हाल ही में लैंड मोनेटाइजेशन सर्वे कराया गया था। प्राधिकरण की 12 कालोनियों में 120 हेक्टेयर भूमि ऐसी मिली है जिसका आवंटन अब तक नहीं हो सका है। विभिन्न सरकारी परियोजनाओं के लिए प्लाटों का आरक्षण किया गया था लेकिन उसकी खरीद का प्रस्ताव नहीं आया। ऐसे में अब लेआउट संशोधित करते हुए उन्हें आवासीय प्लाट कर दिया जाएगा। इनमें 120 वर्ग मीटर तक के लगभग एक हजार प्लाट विकसित हो जाएंगे। इसकी प्रक्रिया नीलामी या लकी ड्रा से होगी इस पर निर्णय जल्द लिया जाएगा।
स्मार्ट सिटी बस के अंतर्गत अब इलेक्ट्रिक बसें चलाई जानी हैं। इसके लिए चार्जिंग स्टेशन की आवश्यकता है। इसके लिए वेदव्यासपुरी में मेडा एक हजार वर्ग मीटर जमीन उपलब्ध कराएगा। ये जमीन मेडा निशुल्क देगा। इसकी कीमत चार करोड़ से अधिक है। यह भी तय हुआ कि शहर के 10 प्रमुख बस स्टाप का मेडा सौंदर्यीकरण करायेगा। इस पर अभी धनराशि तय नहीं की गई है। संबंधित विभाग इसके लिए एस्टीमेट बनाकर प्राधिकरण को देगा। कालोनियों को नगर निगम को हस्तांतरित करने से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय पर भी सहमति बन गई।
इसमें वे निजी कालोनियां शामिल होंगी जिन्हें पूर्णता प्रमाण पत्र मिल चुका है या फिर आरडब्ल्यूए की तरफ से निवेदन आएगा। 32 कालोनियों को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी हो चुका है। फरवरी तक 50 कालोनियों को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने का लक्ष्य मेडा ने बनाया है। लगभग 10 कालोनियां ऐसी हैं जिनकी देखरेख विकासकर्ता के बजाय आरडब्ल्यूए कर रहा है लेकिन उन्हें पूर्णता प्रमाण पत्र हासिल नहीं है। इस तरह की कालोनियों के लिए भी आरडब्ल्यूए से आवेदन लेकर हस्तांतरण प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी।
दिल्ली रोड किनारे मोहिउद्दीनपुर व अन्य तीन गांवों की 300 हेक्टेयर भूमि खरीद कर इंटीग्रेटेड टीओडी टाउनशिप विकसित की जाएगी। इसके लिए प्रदेश सरकार से 200 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं। इसकी जमीन खरीदने के लिए सर्किल रेट से चार गुणा मुआवजा देने का प्रविधान है। इस दर पर बोर्ड की सहमति हो गई। वैसे जमीन की खरीद समझौते के आधार पर बैनामा से होगी। फिर भी धारा-चार लागू की जाएगी। यदि कोई बैनामा से नहीं तैयार होगा तो उससे अधिग्रहण कानून के तहत जमीन ली जाएगी।
बोर्ड बैठक के अहम फैसले
- कंकरखेड़ा में जाम की समस्या के समाधान के अंतर्गत 40 लाख रुपये से गोल चक्कर व सुंदरीकरण होगा।
- 25 परिषदीय विद्यालयों में मेडा कायाकल्प कराएगा। इसके लिए 1.25 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।
- वैशाली व मित्रलोक कालोनी का लेआउट निरस्त हो गया था, लेकिन अब उसे पुनर्जीवित किया जाएगा। हालांकि यह निर्णय राजस्व विभाग, सिंचाई विभाग व नगर निगम की रिपोर्ट पर होगा।
- देहरादून बाइपास और वेदव्यासपुरी के बीच कुछ स्थानों पर जमीन को लेकर विवाद है। मेडा इसका जल्द निस्तारण करेगा ताकि पूरी तरह से सड़क से वेदव्यासपुरी जुड़ सके।
- हवाई पट्टी के लिए 53 आवंटियों के प्लाट मेडा ने दे दिए थे। वहीं 12 ऐसे आवंटी हैं जिनके प्लाट किसी अन्य को आवंटित हो गए। ऐसे आवंटियों को दूसरे स्थान पर प्लाट दिया जाएगा।
- संशोधित बजट को भी स्वीकृति दी गई। मेडा ने पहली बार 120 करोड़ रुपये शुद्ध लाभ कमाया।