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गुरुग्राम जाते ट्रक को रोककर ओएमआर शीटों में की थी छेड़छाड़
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2021 से अब तक सात परीक्षाओं में कर चुके धांधली
जनवाणी संवाददाता |
देहरादून: एसटीएफ ने इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (आईलेट्स) की परीक्षा में धांधली पकड़ी है। इस धांधली में पंजाब के गिरोह से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें एक कुरियर कंपनी का मैनेजर और दूसरा ट्रक का चालक है।
यह परीक्षा देहरादून के सेंटर पर कराई गई थी, जिसके बाद ओएमआर शीटों को गुरुग्राम ले जाना होता था। ये आरोपी ट्रक को रास्ते में रुकवाकर ओमएआर शीटों में छेड़छाड़ कर अभ्यर्थियों को पास कराते थे। प्रत्येक अभ्यर्थी से तीन से चार लाख रुपये लिए जाते थे। गिरोह का सरगना फरार बताया जा रहा है।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि कनाडा, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों के वीजा के लिए आईलेट्स की परीक्षा पास करना जरूरी होता है। यह परीक्षा भारत में गुरुग्राम की संस्था इंटरनेशनल डवलपमेंट प्रोग्राम (आईडीपी) कराती है।
इसका एक सेंटर देहरादून में भी है। पिछले दिनों दिल्ली के ट्रांसपोर्टर कुलदीप सिंह दीगरा ने एसटीएफ को शिकायत की गई थी कि 25 फरवरी को देहरादून में हुई आईलेट्स परीक्षा में धांधली हुई है।
परीक्षा में 171 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों की ओएमआर शीटों को कुरियर के माध्यम से आईडीपी गुरुग्राम भेजा गया था। कुलदीप ने एसटीएफ को बताया कि उनका ट्रक ब्लू डार्ट कुरियर का सामान देहरादून से दिल्ली-गुरुग्राम लाता था। इसी में ओएमआर शीटों का सूटकेस भी रखा था। कुलदीप सिंह ने आशंका जताई है कि रास्ते में ट्रक को रोककर ओमएमआर शीटों में गड़बड़ी की गई थी।
एसटीएफ ने जब पड़ताल की तो ट्रक चालक जितेंद्र निवासी सांडी, हरदोई की भूमिका संदिग्ध मिली। उसके खाते में पंजाब के लुधियाना से यूपीआई के जरिये कुछ रकम भेजी गई थी। एसटीएफ ने जितेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि परीक्षा से कुछ दिन पहले समिंदर मंडी, साहिल कुमार और एक अन्य व्यक्ति उससे मिले थे।
तीनों ने उससे गुरुग्राम भेजी जाने वाली ओएमआर शीट कुछ देर के लिए उनके सुपुर्द करने को कहा था। इसके एवज में उन्होंने जितेंद्र को तीन लाख रुपये देने की बात कही थी। लालच में आकर जितेंद्र ने कुरियर कंपनी के मैनेजर शब्बीर खान को भी प्लान में शामिल कर लिया।
जितेंद्र ने बताया कि 25 फरवरी को परीक्षा के बाद जब वह ट्रक लेकर निकला तो मोहंड के पास उसे साहिल और समिंदर मंडी अपने साथियों के साथ मिला। यहां पर उन्होंने ट्रक के पीछे लगा लॉक पेंचकस के माध्यम से खोलकर ओएमआर शीटों का सूटकेस निकाल लिया और फिर दिल्ली बॉर्डर पर मिलने के लिए कहा। दिल्ली बॉर्डर उन्होंने सूटकेस वापस ट्रक में रखकर फिर लॉक लगा दिया। जितेंद्र यह सारी जानकारी वह व्हाट्सएप पर शब्बीर खान को देता रहा।
एसटीएफ की जांच में 15 ओमएआर शीटों में छेड़छाड़ होना पाया गया। पास करवाने की एवज में प्रत्येक अभ्यर्थी से तीन से चार लाख रुपये लिए गए हैं। इस मामले में जितेंद्र के अलावा साहिल निवासी कैलाश नगर लुधियाना और ब्लू डार्ट कंपनी का मैनेजर शब्बीर खान निवासी डोरिया, बिहार को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरोह का सरगना समींदर मंडी फरार चल रहा है।
लुधियाना निवासी साहिल ने एसटीएफ को बताया कि वह अपने साथ अभ्यर्थियों को लेकर गए थे। यहां उन्होंने सूटकेस का लॉक खोलकर अभ्यर्थियों के सामने ही ओएमआर शीटों में बदलाव किया। इस दौरान जिन ओएमआर शीटों में जो गोले खाली थे उन्हें मार्क किया। जहां गलत उत्तर मार्क थे उन्हें मिटाकर सही गोले मार्क किए गए।
आईलेट्स की परीक्षा साल में 48 बार होती है। परीक्षा में पास होने के बाद अभ्यर्थी दो साल के लिए वैध हो जाता है। गिरोह के सदस्य साहिल ने बताया कि समिंदर के साथ मिलकर वह 2021 से यह काम कर रहा है। अब तक उन्होंने सात बार परीक्षाओं में धांधली की है।
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