- मेरठ के 10 लाख कस्टमर हो रहे हैं ओटीपी प्लान से प्रभावित, 50 प्रतिशत कराया जा चुका है शुरू
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बिना ओटीपी बताए किसी को सिलेंडर की डिलीवरी नहीं होगी। आॅयल की कंपनियों ने घरेलू गैस की कालाबाजारी रोकने के लिए यह कड़ा कदम उठाया है। अब जिसके नाम गैस कनेक्शन होगा। उसी के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर गैस कंपनी की तरफ से ओटीपी आएगा। ओटीपी बताने पर ही गैस की डिलीवरी की जाएगी। मेरठ एलपीजी डिस्टीब्यूटर एसोसिएशन के अध्यक्ष नमो जैन का कहना है कि अभी यह 50 प्रतिशत ही लागू किया गया है। लोगों के लिय यह फायदा है। इससे गैस की कालाबाजरी कम होगी। एसोसिएशन गैस कंपनियों के इस कदम की सराहना करती है।
मेरठ में इंडियन आॅयल, बीपीसी, एचपीसी की जनपद में 150 गैस एजेंसी है। जिनमें करीब 10 लाख कस्टमर है। गैस कंपनियों को पिछले कई दिनों से सूचना मिल रही थी। घरेलू सिलेंडर को कमर्शियल में इस्तेमाल किया जा रहा है। जिससे गैस की कालाबाजारी हो रही है। आॅयल कंपनी ने कालाबाजारी रोकने के लिए कस्टमरों से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से ओटीपी मांगना शुरू कर दिया है। जिन लोगों के पास रजिस्टर्ड नंबर नहीं है। उन्हें चेतावनी दी जा रही है। तीनों गैस कंपनियों की तरफ से करीब 50 प्रतिशत गैस कस्टमर के रजिस्टर्ड नंबर पर ओटीपी बताने पर डिलीवरी की जा रही है।
जिसके नाम कनेक्शन उसे ही मिले गैस
एचपीसी कंपनी के मोहन गैस एजेंसी संचालक देवेंद्र मोहन का कहना है कि कंपनी की यह सराहनीय पहल है। कंपनी का मानना है कि जिसके नाम गैस कनेक्शन है। उसे ही गैस का सिलेंडर मिले। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग गैस का सिलेंडर लेकर कमर्शियल में इस्तेमाल करने वाले दुकानदारों को बेच देते है। यह कालाबाजारी रोकने के लिए आयल कंपनी ने कड़े कदम उठाए हैं।
ई-केवाईसी कराना है जरूरी
बीपीसी कंपनी के ब्रह्मज्योति गैस एजेंसी के मैनेजर उमेश चौहान का कहना है कि कंपनी की तरफ सेकनेक्शन धारक की ई-केवाईसी कराई जा रही है। जिससे यह पता चल जाए कि जिसके नाम कनेक्शन है। गैस उसके घर पर डिलीवरी की जा रही है या नहीं। उसके नाम पर कोई अन्य तो गैस नहीं ले रहा। उन्होंने कहा कि ई-केवाईसी कराना जरूरी है। अगर किसी ने ई-केवाईसी नहीं कराई तो उसका गैस कनेक्शन कंपनी की तरफ से बंद कर दिया जाएगा।
ऐसे काम करता है गैस का ओटीपी सिस्टम
नमो जैन का कहना है कि जिस कस्टमर के नाम गैस का कनेक्शन है। उसका मोबाइल नंबर गैस कंपनी में रजिस्टर्ड है। वह अगर गैस बुक कराता है तो गैस एजेंसी का कर्मचारी गैस डिलीवरी के समय कस्टमर के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजता है। कस्टमर को उस ओटीपी को हर हाल में बताना होता है। ओटीपी बताने पर गेस की डिलीवरी कर दी जाती है।
ओटीपी में आ रही कई समस्या
नमो जैन का कहना है कि ओटीपी बताने पर भी कई तरह के कस्टमरों को समस्या आ रही है। उनका कहना है कि अधिकतर पुरुष के नाम गैस का कनेक्शन है। वह सुबह नौकरी या अपना कारोबार करने दुकान चले जाते है। जब डिलीवरी ब्वॉय रजिस्टर्ड नंबर पर ओटीपी भेजता है, उन्हें एक दम ओटीपी बताने में दिक्कत आती है। वह एकदम ओटीपी नहीं बता पाते।
दीपावली पर्व पर गैस की नहीं होने देंगे किल्लत
मेरठ एलपीजी डिस्टीब्यूर एसोसिएशन के अध्यक्ष नमो जैन का कहना है कि दीपावली पर्व पर गैस की किल्लत नहीं होने देंगे। फिलहाल यह अभी सौ प्रतिशत लागू नहीं हुई है। यह अभी तीनों आयल कंपनियों की गैस एजेंसी पर 50 प्रतिशत ही लागू हुई है।