जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सबसे भीड़ वाले बेगमपुल इलाके में बैक गेयर में दौड़ रहीं ई-रिक्शाएं टैफिक पुलिस के उस हलफनामे की पोल खोल रही है। जिसमें ऑल इज वेल का दावा किया गया है। महानगर के टैफिक के लिए बड़ी मुसीबत बनीं ई-रिक्शाओं में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के यहां सुनवाई चल रही है। इसको लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट मनोज चौधरी ने जनहित याचिका दायर की है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रदेश के एडीजी टैफिक, अरटीओ, डीएम मेरठ और एसएसपी को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में मेरठ टैफिक पुलिस ने जो हलफनामा दायर किया गया है बकौल मनोज चौधरी उसमें तो ऑल इज वेल बताया गया है। जबकि ई-रिक्शाओं ने मेरठ की दुर्दशा कर दी है। इसको लेकर बेगमपुल के व्यापारी नेता पुनीत शर्मा का कहना है कि यह तो वह नहीं जानते कि इलाहाबाद में चल रही सुनवाई में मेरठ ट्रैफिक पुलिस की ओर से क्या हलफनामा दायर किया गया है, लेकिन जिस प्रकार की बातें और दावे टैफिक पुलिस की ओर से किए जा रहे हैं, यहां वैसा कुछ भी नहीं है। बेगमपुल चौराहे को ई-रिक्शा फ्री जोन घोषित किया गया था, लेकिन ई-रिक्शाओं का सबसे ज्यादा गदर बेगमुपल पर ही है। बेगमपुल के हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां तो मुख्य बाजार में चालक उल्टी ई-रिक्शा दौड़ा रहे हैं। बैक गेयर में ई-रिक्शाएं दौड़ाई जा रही है।
कमिश्नर, डीएम, एसएसपी व एसपी टैफिक को भेजी वीडियो
शुक्रवार को सुबह बेगमपुल चौराहे पर उल्टी दौड़ रही ई-रिक्शाओं की वीडियो बनाकर पुनीत शर्मा ने कमिश्नर, डीएम, एसएसपी और एसपी टैफिक को भेजी है, ताकि उन्हें पता चला सके कि बेगमपुल पर ई-रिक्शाओं का किस प्रकार कहर टूट रहा है। आए दिन उनकी चपेट में आकर लोग चोटिल हो रहे हैं। हालत बद से बदतर कर दी गयी है। बेगमुपल के व्यापारियों के ईरिक्शा किसी मुसीबत से कम नहीं है। पुलिस प्रशासन के तमाम आला अफसरों से इस कहर से निजात दिलाने की मांग की गयी है। उन्होंने बताया कि इसको लेकर बेगमपुल के व्यापारी अब सांसद, मंत्री व विधायक से भी मिलेंगे। वहीं, दूसरी ओर यदि हलफनामे की बात करें तो उसमें तो सब चंगा सी यानि ऑल इज वेल है। ई-रिक्शाओं के लिए पूरे शहर को जोन में बांट दिया गया है। एक जोन के ई-रिक्शा दूसरे जोन में नहीं चलते हैं। सभी जोन के लिए ई-रिक्शाओं पर स्टीकर चस्पा कर दिए गए हैं। अवैध ईरिक्शाओं के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान छेड़ा हुआ है। बड़ी संख्या में ई-रिक्शा सीज किए गए हैं। चालान किए जा रहे हैं। इस कार्रवाई से कहीं भी ई-रिक्शा अभी मुसीबत नहीं रही हैं। शहर में सब चंगा सी, लेकिन ई-रिक्शाओं को लेकर हालत क्या कर दी गयी है। इसका अंदाजा शहर के किसी भी बाजार या इलाके में पहुंचकर लगाया जा सकता है।