- पीएल शर्मा रोड पर अवैध निर्माण का मामला
- पीड़ित से फोन मिलवाया फिर स्पीकर पर सुनी बातें फिर भड़क गए कमिश्नर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: तेज तर्रार सीनियर आईएएस कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह मुख्यमंत्री के जीरो टोलरेंस पर कार्य कर रहे हैं। इसमें गुरुवार को उन्होंने पीएल शर्मा रोड पर चल रहे अवैध निर्माण को लेकर भ्रष्ट इंजीनियरों पर त्वरित कार्रवाई करने निर्देश दिए। बार-बार आ रही शिकायतों के बाद कमिश्नर ने पीड़ित से ही एमडीए के तहसीलदार विपिन मोरल को फोन कॉल कराई तथा स्पीकर आॅन करा दिया। पीड़ित बोला कि तहसीलदार साहब! पीएल शर्मा रोड पर अवैध निर्माण जेई की मिलीभगत से चल रहा है। कार्रवाई कुछ नहीं की जा रही है।
उलटे अवैध निर्माणकर्ता से समझौता करने का दबाव बनाया जाता है। इस पर तहसीलदार ने कहा कि वो डिप्टी सीएम के कार्यक्रम में उनकी ड्यूटी लगी है। जेई को भेजकर कार्रवाई करायेंगे। फिर आपसी विवाद का भी जिक्र किया, जिसके बाद तहसीलदार ने खुद को व्यस्त बताया। यह सुनकर कमिश्नर ने पीड़ित को कहा कि फोन डिस्कनेक्ट कर दो। इसके बाद कमिश्नर ने खुद तहसीलदार विपिन मोरल के मोबाइल नंबर पर कॉल की। इसके बाद तो कमिश्नर खूब नाराज हुए तथा कहा कि बार-बार शिकायत करने के बाद कार्रवाई नहीं की जा रही है।
सेटिंग चल रही है। पीएल शर्मा रोड पर जितने भी अवैध निर्माण हुए है, उनमें शाम तक कार्रवाई करें, अन्यथा वह कार्रवाई कर देंगे। यह कहकर कमिश्नर ने फोन काट दिया। इसके बाद कमिश्नर ने अपर आयुक्त को बुलाया तथा कहा कि एमडीए तहसीलदार विपिन मोरल की जांच कराये तथा सम्पत्ति की भी जांच कराये। पीएल शर्मा रोड पर अवैध निर्माण के मामले में कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है, इसमें जो भी इंजीनियर संलिप्त रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि सबसे पहले यहां जेई देवेन्द्र सिंह, सिसौदिया और वर्तमान में अश्वनी अवैध निर्माण करा रहे हैं। यहां सब सेटिंग-गेटिंग का खेल चल रहा है।
यह सुनकर कमिश्नर ने तीनों जेई व तहसीलदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये, ताकि इनकी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जा सके। सीनियर आईएएस सुरेन्द्र सिंह बेहद ईमानदार हैं। भ्रष्ट अफसरों में उनके नाम का ही खौफ हैं। इस मामले में भी वह सख्त हो गए हैं। इसके अलावा भी कई और भी अवैध निर्माणों का संज्ञान लिया है। इसके अलावा लावड़ रोड स्थित सोफीपुर में अवैध बिल्डर अनिल चौधरी द्वारा विकसित की जा रही अवैध कॉलोनी रामकुंज को लेकर भी रिपोर्ट मांगी गयी है। इस मामले में भी एमडीए के इंजीनियरों पर गाज गिरायी जा सकती है। इसमें बिल्डर ने सील तोड़कर फिर से अवैध निर्माण आरंभ कर दिया है।