- राष्ट्रपति से नए कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग
जनवाणी संवाददाता |
कैराना: कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर लगातार आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में बार एसोसिएशन के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। अधिवक्ताओं ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर कृषि कानून रद्द कराने की मांग की।
सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में 84 दिन से किसान दिल्ली के सिंधु बार्डर, टिकरी बार्डर व गाजीपुर बार्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच सरकार व किसानों के बीच करीब 11 दौर की वार्ता विफल रही। किसानों की मांग हैं कि सरकार तीनों कृषि कानून रद्द करें तथा फसलों के समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाए। वहीं दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहें किसानों के समर्थन में गुरुवार को कैराना बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार की अध्यक्षता में बार भवन में अधिवक्ताओं की एक बैठक आयोजित हुई।
जिसमें अधिवक्ताओं ने कहा कि भारत सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर किसान करीब 84 दिन से दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के समर्थन में पश्चिम उत्तर प्रदेश के समस्त अधिवक्ता न्यायालय में न्यायिक कार्य से विरत रहकर किसानों का समर्थन करते हैं।
अधिवक्ताओं ने कहा कि जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं होती तब तक समर्थन किया जाता रहेगा। बाद में सभी अधिवक्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम उद्भव त्रिपाठी को सौंपा। इस दौरान दर्जनों अधिवक्ता मौजूद रहे।
पउप्र में हाई कोर्ट बैंच स्थापना की मांग
गुरुवार को जिला बार भवन में जिला बार एसोसिएशन की मीटिंग अध्यक्ष रामपाल सिंह पुंडीर की अध्यक्षता में हुई। मीटिंग में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पउप्र में हाई कोर्ट बैंच की अति शीघ्र स्थापना कराई जाए। जिसके चलत जिला बार एसोसिएशन के सभी अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से विरत रहे।
मीटिंग का संचालन सतेंद्र देशवाल एडवोकेट ने किया। अधिवक्ताओ ने जिलाधिकारी जसजीत कौर और अपर जिलाधिकारी अरविंद कुमार को ज्ञापन सौंपकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बैंच स्थापना की मांग की। ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष ठाकुर रामपाल सिंह पुंडीर व अध्यक्ष विजेंद्र कुमार, महासचिव सतेंद्र सिंह देशवाल, कोषाध्यक्ष केडी शर्मा एडवोकेट आदि उपस्थित रहे।