Saturday, July 27, 2024
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बिना अनुमति लंगूर पालने पर डॉक्टर समेत दो के खिलाफ केस दर्ज

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  • वन विभाग की टीम ने डाक्टर के घर पहुंचकर लंगूर को कराया मुक्त
  • मामले की जांच को वन विभाग ने टीम का किया गठन

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: वन विभाग की बिना अनुमति के एक डाक्टर को लंगूर पालना महंगा पड़ गया। वन विभाग की टीम ने डाक्टर के घर पर छापेमारी कर लंगूर को मुक्त कराया। इसके बाद डाक्टर व एक अन्य के खिलाफ वन विभाग के थाने में केस दर्ज कराया।

हालांकि घर पर मौजूद डाक्टर की पत्नी ने कहा कि लंगूर को बंदर भगाने के लिए पाला गया था। फिलहाल वन विभाग ने मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया है और लंगूर को हस्तिनापुर स्थित शिवालिक वन में छोड़ दिया है।

थाना सिविल लाइन क्षेत्र के साकेत कॉलोनी में बढ़ रही बंदरों की तादाद के चलते कॉलोनी में रहने वाले डा. शलभ बसंल ने अपने घर में एक लंगूर पाल लिया। ताकि घर की छत पर आने वाले बंदरों को भगाया जा सकें। यही नहीं डा. शलभ ने लंगूर को रखने के लिए अपने मकान की छत पर एक पिंजरा भी बनवा दिया।

शुक्रवार को वन विभाग की टीम को इस बारे में पता चला तो उन्होंने साकेत कॉलोनी में डा. शलभ बंसल के घर पहुंचकर लंगूर को मुक्त कराते हुए अपने कब्जे लिया। इसके बाद उन्होंने डाक्टर की पत्नी से इस बारे में पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि बंदरों को भगाने के लिए उन लोगों ने रामसिंह नामक एक व्यक्ति से लंगूर को मंगवाया था। इसके बाद वन विभाग की टीम ने डा. शलभ बंसल व रामसिंह के खिलाफ विभागीय थाने में केस दर्ज कराया और मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया।

वन विभाग की टीम डा. शलभ बंसल व रामसिंह की तलाश कर रही है। वहीं, इस संबंध में डीएफओ राजेश सिंह का कहना है कि बिना अनुमति के लंगूर को पालना गैर कानूनी है। उन्हें जब इस बारे में पता चली तो टीम को मौके पर भेजकर लंगूर को मुक्त कराया। वहीं डा. शलभ बंसल व रामसिंह के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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