- यूपी रणजी टीम के कप्तान रहे रफीउल्लाह खान ने कहा क्रिकेट अब बिजनेस
- सुनील गावस्कर आदर्श रहे हैं रवि बोहरा के
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: न उम्र की सीमा और न उमंग की कमी। 80 के दशक तक रणजी ट्रॉफी खेलने वाले रफीउल्लाह खान का कहना है कि क्रिकेट अब प्रोफेशनल हो गया है इस कारण खिलाड़ियों ने सारे मानदंड बदल दिए हैं। टी ट्वेंटी ने तकनीक पर भी असर डाला है। मूलरूप से रामपुर के, लेकिन लंबे समय से भवानीपुरम में रहने वाले रफीउल्लाह खान इस वक्त 75 साल के है, लेकिन विक्टोरिया पार्क में मैच देखने अपने दोस्त रवि बोहरा के साथ आते है। खान ने बताया कि 1968 से 1981 तक क्रिकेट खेला है और पांच साल तक यूपी टीम के कप्तान रहे है।
पार्थसार्थी शर्मा और सलीम दुरार्नी को अपना आदर्श मानने वाले खान ने बताया कि पहले यूपी में सलीम शेरवानी टूर्नामेंट, स्टेट बैंक क्रिकेट टूर्नामेंट और मोहन मिकिंस जैसे टूर्नामेंट खिलाड़ियों को प्रमोट करते थे। इन टूर्नामेंट में खेलना काफी सुखद रहा। उन्होंने बताया कि आॅफ स्पिन के अलावा वन डाउन बैटिंग करता था। आॅफ स्पिन के कारण करीब 50 विकेट भी लिये। उन दिनों साल में तीन मैच भी नहीं होते थे।
आज कल स्पिनर फ्लाइटेड बाल नहीं फेंकते हैं, क्योंकि लोग सिक्स मारने से नहीं चूकते हैं। अब क्रिकेट पूरी तरह से बदल गया है और हर शॉट्स पर पैसे मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब फील्डिंग में काफी सुधार हो गया है। रणजी खिलाड़ी रवि बोहरा न्यू मोहनपुरी के रहने अप वाले है। यूपी टीम में सलामी बल्लेबाज के रूप में नाम कमाने वाले रवि बोहरा ने सेंट्रल जोन के लिए बहुत मैच खेले हैं
और उनकी कलात्मक बैटिंग काफी चर्चाओं में रही है। सुनील गावस्कर को आदर्श मानने वाले रवि बोहरा का कहना है फटाफट क्रिकेट ने क्रिकेट का स्वरूप बदल दिया है। दोनों पूर्व रणजी खिलाड़ी सुबह से शाम तक मैच देखने आते हैं और एंजॉय करते हैं।