- मेडा अफसर कुंभकर्णी नींद में, कर्मचारियों की मिलीभगत का गठजोड़
जनवाणी संवाददाता |
कंकरखेड़ा: दिल्ली-देहरादून हाइवे पर गांव जटोली कट के निकट करीब डेढ़ साल से लोहे की टीनशेड द्वारा अवैध रूप से रेस्टोरेंट का निर्माण कार्य चल रहा है। डेढ़ साल से चल रहे रेस्टोरेंट के निर्माण कार्य के दौरान लोगों की शिकायत पर मेडा ने सील लगाई थी, लेकिन सील तोड़ने के बाद रेस्टोरेंट के अंदर दोबारा से रातों-रात कार्य शुरू कर दिया गया था। उसके बाद क्षेत्र के लोगों ने फिर से मेडा के उच्चाधिकारियों से निर्माण होने कार्य होने की शिकायत की थी, फिर दोबारा से मेडा टीम ने पहुंचकर निर्माणाधीन रेस्टोरेंट पर सील लगा दी थी,
लेकिन थोड़े दिनों तक तो काम रुका रहा, लेकिन उसके कुछ दिनों बाद से रात में रेस्टोरेंट के अंदर धीरे-धीरे कार्य शुरू कर दिया गया। जिसके बाद मेडा टीम ने खानापूर्ति करते हुए निर्माणाधीन रेस्टोरेंट पर जेसीबी चलवाकर पिलरों को तोड़ गिराया था, लेकिन कुछ दिन बाद रेस्टोरेंट का निर्माण कर रहे लोगों ने लगी सील को भी से दोबारा तोड़ दिया और रेस्टोरेंट में कार्य प्रगति पर है और रातों-रात अवैध रेस्टोरेंट बनाकर अब पूर्ण रूप से तैयार कर दिया और अवैध रेस्टोरेंट का नाम अमोनिया भी रख दिया गया है।
बताया जा रहा है कि रेस्टोरेंट को बनवाने में क्षेत्र के मेडा के जेई और मेट की मिलीभगत बताई जा रही है। ये भी बताया जा रहा है कि जिस व्यक्ति का यह अवैध रेस्टोरेंट बनकर तैयार हुआ है। उसकी कंकरखेड़ा सरधना फ्लाईओवर डिफेंस एन्क्लेव कॉलोनी के गेट के सामने बनी अवैध दुकान भी मेडा विभाग ने कई बार सील लगाई थी, लेकिन उसके बाद भी वह दुकान बनकर तैयार हो गई थी। जब इस संबंध में क्षेत्र की जेई पवन शर्मा से फोन करके पूछने की कोशिश की गई तो उन्होंने अपना फोन नहीं उठाया।
पंजीकरण निरस्त, फिर भी चल रहा हॉस्पिटल
मेरठ: स्वास्थ्य विभाग ने पिछले सप्ताह जिले में अनियमितताएं बरतने वाले प्राइवेट अस्पतालों और अपंजीकृत चिकित्सकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। 13 प्राइवेट अस्पतालों के पंजीकरण निरस्त किए थे और तीन प्राइवेट अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त करने के साथ-साथ उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी। तीन प्राइवेट अस्पतालों के लाइसेंस निलंबित कर दिए थे।
एक प्राइवेट अस्पताल के खिलाफ थाने में तहरीर भी दी है। इसके अलावा तीन पैथोलॉजी लैब व दो डायग्नोस्टिक सेंटर और 38 अपंजीकृत चिकित्सकों की क्लीनिक बंद कराई थी, लेकिन पंजीकरण निरस्त होने के बावजूद शास्त्रीनगर में एक प्राइवेट हॉस्पिटल संचालित हो रहा है। यहां मरीजों को भर्ती करके इलाज किया जा रहा है।
दरअसल, जिले में बड़ी संख्या में प्राइवेट अस्पतालों में अनियमितताएं बरती जा रही थी। किसी में मरीजों के उपचार में लापरवाही बरती जा रही थी तो किसी में मानकों के अनुसार संचालन नहीं किया जा रहा था। इसकी शिकायतें लगातार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से की जा रही थीं। झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ भी लोगों द्वारा सीएमओ को शिकायतें की जा रही थीं। स्वास्थ्य विभाग ने जिले में 13 प्राइवेट अस्पतालों के पंजीकरण निरस्त कर किए थे,
तीन प्राइवेट अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त करने के साथ-साथ उनके खिलाफ संबंधित थानों में एफआईआर भी दर्ज कराई थी। तीन प्राइवेट अस्पतालों के लाइसेंस निलंबित कर दिए थे। एक प्राइवेट अस्पताल के खिलाफ थाने में तहरीर दी गई थी तथा तीन पैथोलॉजी लैब व दो डायग्नोस्टिक सेंटर और 38 अपंजीकृत चिकित्सकों की क्लीनिक बंद कराई थीं। सरस्वती हॉस्पिटल, शास्त्रीनगर मेरठ का भी पंजीकरण निरस्त किया गया था, लेकिन इस कार्रवाई के बाद भी इस अस्पताल में मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
दर्ज होगी एफआईआर
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अशोक कटारिया का कहना है कि सरस्वती हॉस्पिटल, शास्त्रीनगर का पंजीकरण निरस्त किया जा चुका है। यदि पंजीकरण निरस्त होने के बाद भी उसमें मरीजों का उपचार किया जा रहा है तो उक्त अस्पताल के खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।