जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: मध्य पूर्व में तेजी से बिगड़ते हालातों के बीच भारत ने एक बार फिर अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए बड़ी कूटनीतिक सफलता हासिल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत प्रयासों से ईरान सरकार ने भारत के आग्रह पर अपनी ज़मीनी सीमाएं खोलने की अनुमति दे दी है। इससे ईरान में फंसे करीब 10,000 भारतीय छात्रों और नागरिकों के लिए सुरक्षित बाहर निकलने का रास्ता बन गया है।
हवाई क्षेत्र बंद, ज़मीनी रास्तों से निकासी की अनुमति
ईरान सरकार ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल हवाई क्षेत्र बंद है, लेकिन भारत के अनुरोध पर अब भारतीय नागरिक आज़रबैजान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान की सीमाओं से ज़मीनी मार्ग से बाहर निकल सकते हैं। यह निर्णय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की त्वरित, मानवीय और रणनीतिक कार्रवाई का परिणाम माना जा रहा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू, 110 छात्र सुरक्षित निकाले गए
सरकार ने ईरान में फंसे छात्रों को निकालने के लिए ऑपरेशन शुरू कर दिया है। उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी से 110 भारतीय छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालकर आर्मेनिया पहुंचाया गया है। इन्हें 18 जून को दिल्ली लाने की तैयारी की जा रही है। विदेश मंत्रालय की ओर से बाक़ी छात्रों के लिए भी निकासी प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है।
“मोदी मैजिक” फिर काम आया
इस पूरे घटनाक्रम को कूटनीतिक गलियारों में “मोदी मैजिक” का एक और उदाहरण माना जा रहा है। संकट की घड़ी में भारत ने यह दिखा दिया कि दुनिया के किसी भी कोने में अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए वह हरसंभव प्रयास करने में सक्षम है।
ट्रम्प का कड़ा बयान: “तेहरान छोड़ दो”
उधर, बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने भी ईरान पर आक्रामक रुख अपनाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने G7 बैठक को बीच में छोड़कर वॉशिंगटन लौटते ही ईरान को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए तेहरान के निवासियों से “तुरंत देश छोड़ने” का आह्वान किया। ट्रम्प ने कहा,
“ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए। यदि ऐसा हुआ, तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”
ट्रम्प के इस बयान से संकेत मिलते हैं कि अमेरिका किसी भी स्थिति में ईरान की परमाणु क्षमता को बर्दाश्त नहीं करेगा, जिससे तनाव और भड़कने की आशंका बढ़ गई है।
G7 नेताओं की अपील और समर्थन
G7 देशों ने भी अपने संयुक्त बयान में इस्राइल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है और ईरान से संयम बरतने की अपील की है। वहीं, भारत ने इन तमाम घटनाओं के बीच अपने नागरिकों को प्राथमिकता में रखते हुए आत्मनिर्भर और प्रभावी कूटनीति का परिचय दिया है।