- प्रदेश में योजना के अंतर्गत दोगुना लक्ष्य होने से मेरठ में भी बढ़ेगी लाभार्थियों की संख्या
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पीएम कुसुम योजना सी-1 के अंतर्गत केंद्र की ओर से उत्तर प्रदेश का लक्ष्य 1000 से बढ़कर 2000 कर दिया है। इसके चलते मेरठ जनपद में योजना के लाभार्थियों की संख्या में भारी वृद्धि होने की उम्मीद बन गई है। वहीं योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए पोर्टल पर आॅनलाइन व्यवस्था लागू कर दी गई है
यूपी नोएडा के परियोजना अधिकारी प्रमोद भूषण शर्मा ने बताया कि मेरठ जनपद में पीएम कुसुम योजना सी-1 के अंतर्गत अभी तक 55 फॉर्म आ चुके हैं। जबकि इनमें से 22 किसानों की औपचारिकता पूर्ण करके उनसे अंश धनराशि जमा करा कर योजना का लाभ दिए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 15 अक्टूबर से योजना में किसानों को पोर्टल पर आॅनलाइन आवेदन करने की सुविधा दी गई है।
उन्होंने बताया कि योजना का कार्य नवंबर माह में शुरू हो जाएगा, और दिसंबर तक कुछ स्थानों पर नलकूपों को संचालित भी कर लिया जाएगा। मेरठ जिले में सबसे ज्यादा लाभार्थी राजपुरा और परीक्षितगढ़ ब्लॉक क्षेत्र से होंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पैनल मिलते हैं, जिससे वह बिजली बना सकते हैं।
उसके साथ ही जरूरत के अनुसार बिजली का इस्तेमाल कर बाकी बची हुई बिजली को वह बेच कर अतिरिक्त कमाई भी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा विभाग की ओर से 33 गांवों में 339 सौर लाइटें लगाने का काम पूर्ण कर लिया गया है। इनमें 200 लाइटें बाबू कल्याण सिंह ग्रामीण उन्नत योजना और 139 लाइटें पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण बाजार योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई हैं।
ये हैं पीएम कुसुम योजना सी-1 में प्राविधान
केन्द्र सरकार की ओर से पीएम कुसुम योजना सी-1 शुरू की गई है, जिसमें किसान न केवल अपने खेतों में सिंचाई का कार्य कर पाएंगे, बल्कि सोलर प्लांट से बिजली पैदा कर उसे बेच कर कमाई भी कर पाएंगे। इस योजना के जरिये बिजली या डीजल से चलने वाले सिंचाई पंप को सोलर एनर्जी से चलने वाले पंप में बदला जाएगा।
सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली का इस्तेमाल किसान पहले अपने सिंचाई के काम में करेंगे। इसके अलावा जो बिजली अतिरिक्त बचेगी, उसे विद्युत वितरण कंपनी (डिस्कॉम) को बेचकर कई साल तक आमदनी कर सकते हैं। इस योजना के तहत सौर एनर्जी से डीजल और बिजली के खर्च से भी राहत मिलेगी और प्रदूषण भी कम होगा। सोलर पैनल 25 साल तक चलेगा और इसका रखरखाव भी आसान है।