Monday, July 7, 2025
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अफसरों की फौज, फिर भी मेडिकल बेहाल

  • इमरजेंसी में ड्यूटी करने वालों को मास्क और किट तक नहीं मिलती
  • अपनी जेब से पैसे खर्च कर खरीदना पड़ रहा मास्क और अन्य सामान
  • केवल कोविड आइसोलेशन में ड्यूटी के लिए ही दिए जा रहा सामान
  • पीपीई किट और मास्क है, मगर फेस शील्ड, शूज कवर, हैंड कवर को ना

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शासन प्रशासन के तमाम आला अफसरों की फौज। चिकित्सा सुविधा सुधारने के नाम पर बडे-बडे दावे ताबड़तोड़ निरीक्षण व समीक्षा बैठकें, लेकिन यह सिक्के का सिर्फ एक ही पहलू है। दरअसल दीया तले अंधेरे सरीखे मेडिकल के स्टाफ के हालात हैं।

बीमारों के इलाज का दम भरने वाला मेडिकल इन दिनों को इन दिनों अव्यवस्थाओं रोग लगा है। कोरोना संक्रमण के चलते जब मेडिकल को सबसे ज्यादा सरकारी मदद की जरूरत है, तब मेडिकल सबसे ज्यादा बेहाल है। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना संक्रमण का खतरा होते हुए भी स्टाफ को बचाव के लिए जरूरी सामान तक नहीं मुहैय्या कराया जा रहा है। बेहद कठिन और बुरे हालात में स्टाफ को ड्यूटी करनी पड़ रही है।

संक्रमण से बचने के लिए मेडिकल स्टाफ को पीपीई किट, मास्क, फेस शील्ड, कैप और शूज कवर जैसे बेहद जरूरी सामान की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। अरसे से इस सामान की खेप मेडिकल को नहीं भेजी गयी है।

सामान की कमी होने की वजह से हालात ये हो गए हैं कि जो स्टाफ कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहा है सिर्फ उन्हें ही किट व मास्क मुहैय्या कराए जा रहे हैं। फेस शील्ड व हैंड कवर उनको भी नहीं दिया जा रहा है।

इसके उलट अन्य वार्ड यहां तक कि इमरजेंसी वार्ड में जो स्टाफ ड्यूटी कर रहा है, उसको किट या मास्क स्टाक में कम होने की वजह से नहीं दिए जा रहे हैं।

हालात कितने नाजुक हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्टाफ खासतौर से सर्जरी व इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी करने वाले एसआर, जेआर, नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ को अपनी जेब से पैसे खर्च कर ये चीजे खरीदनी पड़ रही हैं।

सबसे ज्यादा मारामारी एन-95 को लेकर है। एन-95 मास्क की सबसे ज्यादा कमी है। जो मास्क स्टाक में हैं वो बेहद घटिया प्रकार हैं। उनका यूज कर संक्रमण से सुरक्षित नहीं रह सकते। इसलिए अपने पास से पैसे खर्च कर सामान खरीदकर यूज कर रहे हैं।

आईएमए ने उठायी आवाज

मेडिकल स्टाफ के लिए सामान की किल्लत के चलते अब आईएमए ने आवाज उठायी है। आईएमए के सचिव डा. अनिल नौसरान ने मंडलायुक्त व प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि मेरठ पुलिस जो पांच पांच सौ रुपए के चालान काट रही है।

उस रकम से मेडिकल के लिए एन-95 मास्क व पीपीई किट क्रय की जानी चाहिए ताकि हमारे कोरोना वॉरियर्स सुरक्षित रह सकें। यदि ये खतरे में पडे तो संक्रमितों का जीवन भी खतरे में पड़ जाएगा। उन्हें बचाया नहीं जा सकेगा।

ये कहना है प्राचार्य का

मेडिकल प्राचार्य डा. ज्ञानेन्द्र कुमार किट व मास्क सरीखी चीजो की किल्लत को स्वीकार करते हैं। उनका कहना है कि इस समय बेहद कठिन हालात में मैनेज करना पड़ रहा है। सामान की बहुत किल्लत है। इस संबंध में शासन को अवगत कराया गया है।

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