- चार माह पहले धामपुर के बड़े कारोबारी का बेटा हो गया था लापता
- परिजनों ने किसी ओर के शव का कर दिया था अंतिम संस्कार
जनवाणी ब्यूरो |
बिजनौर: धामपुर के एक व्यापारी ने दिल्ली में मिले एक शव की अपने बेटे पल्लव एरन के रूप में पहचान कर अंतिम संस्कार किया था, वह जिंदा निकला। चार माह बाद पुलिस ने पल्लव एरन को हरिद्वार से बरामद कर लिया है। पल्लव की मानसिक बीमारी के चलते तीन अभियुक्तों ने उसका अपहरण किया था और 20 लाख की रंगदारी मांग रहे थे। पुलिस ने तीनो आरोपियों का चालान कर जेल भेज दिया गया।
धामपुर में नगीना चौराहे पर अशोक कुमार अग्रवाल का होंडा का दुपहिया वाहनों का शोरूम है। उनका 42 साल का बेटा पल्लव एरन छह जुलाई को लापता हो गया था। जिसकी गुमशदी की रिपोर्ट 13 जुलाई 20 को थाना धामपुर में पंजीकृत की गयी थी। गुमशुदा की तलाश के इश्तिहार भी लगवा दिए गए।
इस दौरान दिल्ली के निजामुदीन रेलवे स्टेशन से एक शव बरामद हुआ। परिजनों ने शव की पल्लव एरन की रूप में पहचान कर 21 जुलाई को उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। सबने मान लिया कि पल्लव एरन अब जिंदा नही है। 18 नवंबर को पल्लव एरन के पिता अशोक को फोन पर 20 लाख रूपये रंगदारी के मांगे थे।
जिसकी सूचना अशोक अग्रवाल ने एसपी को दी । घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी डा.धर्मवीर सिंह ने कार्यवाही करने के लिए सर्विसलांस टीम, स्वाट टीम एवं प्रभारी निरिक्षक धामपुर को कार्यवाही के निर्देश दिए। इसी क्रम में पुलिस ने पल्लव को हरिद्वार से सकुशल बरामद कि या गया।
इस घटना में संजीव तोमर पुत्र रघुवीर सिंह निवासी मिटठेपुर, शुभम पुत्र मुकेश निवासी लाम्बाखेडा व एक अन्य काजीपुरा निवासी थाना स्योहारा की साजिश के तहत पल्लव की मानसिक बीमारी का लाभ उठाकर हरिद्वार चले गये। वहां पर उसकी एक विडियो बनाकर तीन लाख 60 हजार रूपये उसके पिता से ब्लैक मेल कर लिए। इसके बाद 20 लााख रूपये की रंगदारी दोबारा मांगी गयी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को दबोच कर जेल भेज दिया।