- भारत सरकार द्वारा फ्रांस का समर्थन करने पर जताया गहरा दुख
जनवाणी संवाददाता |
देवबंद: जमीयत उलमा-ए-हिंद (अ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों द्वारा मोहम्मद साहब के अपमानजनक खाकों के प्रकाशन और इसके समर्थन की घोर निंदा इसे असहनीय बताया। तथा कहा कि ऐसे लोगों का समर्थन करना जो अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर अरबों लोगों की पीड़ा का कारण बनें वे भी एक प्रकार का आतंक है।
मौलाना अरशद मदनी ने अपने एक ब्यान में भारत सरकार द्वारा फ्रांस का समर्थन किए जाने पर गहरे दुख का इजहार करते हुए कहा कि सरकार के इस कदम से देश में रहने वाले करोड़ों मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। मदनी ने कहा कि कहा कि हमारे देश की सरकार सारी दुनिया के मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठोकर मारकर फ्रांस का समर्थन कर रही है इससे ये भी मालूम होता है कि खुद अपने देश के अंदर सरकार का क्या रुख है और वह मुसलमानों के सिलसिले में क्या दृष्टिकोण रखती है।
मौलाना ने कहा कि दुनिया के जितने भी धार्मिक और महान लोग हैं उन सब का सम्मान किया जाना चाहिए। कोई भी मुसलमान नबी ए अकरम हजरत मोहम्मद सल्ल. की शान में मामूली गुस्ताखी भी सहन नहीं कर सकता। कहा कि हमें हमारे नबी ने किसी भी धर्म और किसी भी धार्मिक व्यक्ति को बुरा न कहने की शिक्षा दी है। मौलाना ने भारत सरकार से फ्रांस को दिए समर्थन पर पुर्नविचार करने की मांग की है।