- मानदेय दिलाने की मांग व संविदा पर तैनात स्टाफ नर्स पर भी लगाए आरोप
- एसडीएम को दिया जिलाधिकारी के नाम संबोधित ज्ञापन
जनवाणी ब्यूरो |
नजीबाबाद: आशा कार्यकत्रियों ने तहसील परिसर में धरना देकर प्रदर्शन करते हुए अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए रुका मानदेय दिलाए जाने की मांग की। उन्होंने संविदा कर्मचारी के रूप में तैनात एक स्टाफ नर्स के खिलाफ भी शिकायत कर अनियमितताओं की जांच करने की मांग की।
सोमवार को आशा कार्यकत्रियों ने मातृ एवं शिशु परिवार कल्याण समिति, नजीबाबाद के बैनर तले अपनी समस्याओं को लेकर एसडीएम कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। आशाओं ने डीएम को संबोधित ज्ञापन एसडीएम बृजेश कुमार को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि उन्हें बढ़े हुए 750 रुपए मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है।
पोलियो, एनआर, राष्ट्रीय टीकाकरण, मातृत्व वंदना योजना, कोरोना में किए गए सर्वे, बच्चों के विजिट, नसबंदी योजना, प्रसव आदि का पैसा नहीं मिल रहा है। ज्ञापन में कहा गया है कि 14 सितम्बर को उनका रूका हुआ धन दिलाए जाने का वायदा किया था परंतु वह भी पूरा नहीं हो सका है।
उन्हें पल्स पोलियो अभियान का चार माह का रूका मानदेय, टीबी एवं कुष्ट रोग के सर्वे तथा डिलीवरी का वर्ष 2018 से 2020 तक का मानदेय नहीं मिला है। वहीं दूसरे ज्ञापन में समिति की ब्लाक अध्यक्ष वर्षा रानी के नेतृत्व में उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर संविदा कर्मचारी के रूप में पूर्णिमा चौधरी को स्टाफ नर्स रखा गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि आशाओं की तरफ से प्रसव के लिए महिलाओं को वहां लाए जाने पर उक्त नर्स प्रसव के लिए प्राइवेट नर्सिंग होम पर ले जाकर भर्ती करा देती है। जिससे आशाओं की ओर से लायी गयी प्रसूता का संस्थागत प्रसव नहीं हो पाने से संस्थागत प्रसव की दर घट रही है।
इसके अलावा उक्त अस्पताल में मरीजों व आशाओं के लिए पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। आशाओं के लिए बैठने तथा शौचालय की सुविधा नहीं है। सफाई आदि की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने रूका मानदेय दिलाए जाने तथा समस्याओं का निराकरण कराए जाने की मांग की है।
ज्ञापन देने वालों में कान्ती, पुष्पा देवी, नाजमीन, उषा पाल, पूनम देवी, रेखा, मंजू, ममता रानी, ललिता देवी, मंजू रानी, सर्वेश, संतोष, रूपा, संगीता, उमा, कमलेश निर्मला, नीलम, ओमवती, मनु रानी, सीमा आदि आशा कार्यकत्रियां व बीएचडब्लू शामिल रहीं।