एसके द्विवेदी |
डॉक्टरों द्वारा लो ब्लड प्रेशर या अर्थात निम्न रक्तचाप पीड़ितों को इसे वरदान कहकर भयभीत नहीं होने एवं लंबे समय तक जीवित रहने की जानकारी देकर वापस भेज दिया जाता है एवं उन्हें इसके खतरों एवं बचाव से कदापि अवगत नहीं कराया जाता। वैसे उच्च रक्तचाप की तुलना में यह अवश्य खतरनाक नहीं है, न यह कोई खतरनाक रोग है। इसके रोगी लंबे समय तक जीवित रहते हैं एवं उच्च रक्तचाप से बचे रहते हैं।
क्यों होता है निम्न रक्तचाप
दुर्घटनाग्रस्त होने, चोट लगने एवं खून के अधिक बहने के कारण सामान्य रक्तचाप गिरकर कम हो जाता है। हृदय के वाल्वों के विकारग्रस्त होने और गुर्दों के रोगों से कुछ लोगों को निम्न रक्तचाप हो जाता है। यह वंशानुगत कारणों से भी होता है। लंबी एवं दुबली पतली महिलाएं भी इससे पीड़ित पाई जाती हैं। इन्हें अचानक बैठने या अधिक देर तक खड़े रहने पर चक्कर आने की शिकायत रहती है। ऐसी स्थिति सामने आने पर वे सिर झुका लें अथवा बैठ जाएं तो शिकायत दूर हो जाती है।
भोजन में पोषक तत्वों की मात्रा पर्याप्त नहीं मिलने की स्थिति में भी कुछ लोगों को निम्न रक्तचाप हो जाता है। रोग के कारणों का पता चलने पर आवश्यक कदम उठाना चाहिए। कुछ लोगों को अधिक समय तक गर्म पानी से स्नान करने पर भी लो ब्लडप्रेशर हो जाता है। यदि ब्लडप्रेशर नापने वाले यंत्र में यह 100 से 60 से भी नीचे आए, तब उसे कई बार की जांच के बाद निम्न रक्तचाप का रोगी माना जाता है।
निम्न रक्तचाप के लक्षण
इसके रोगी को कोई विशेष कष्ट नहीं होता किन्तु रक्त प्रवाह की कमी के कारण भ्रम, आलस्य, मस्तिष्क विस्मृति, सिर दर्द, श्रम से भय, शून्यता, बदहवासी या विश्राम करने पर मूर्छा के अलावा कमजोरी, हाथ पैर ठंडा रहने, निष्क्रियता एवं वमन की शिकायत होती है।
- निम्न रक्तचाप सामान्य कैसे हो?
- एक या दो तकिए का उपयोग करें।
- गर्म पानी से नहीं नहाएं।
- गर्म वातावरण एवं धूप में अधिक समय तक नहीं रहें।
- सो कर उठते समय सीधे बिस्तर से उतरकर चलने न लगें अपितु पहले बिस्तर पर बैठें, फिर बिस्तर के नीचे पैर लटकाएं। इस सबके बाद संभलकर पैर जमीन पर रखें और उठकर खड़ा होकर इसके बाद चलने के लिए कदम धीरे-धीरे बढ़ाएं।
- परिशोधित नमक की मात्रा बढ़ा दें।
- पोषक तत्व वाले खाद्य पदार्थों की मात्रा बढ़ा दें।
- ऐसे खाद्य पदार्थ, जिनमें प्राकृतिक सोडियम है, उनकी मात्रा बढ़ा दें जैसे दूध, जीरा, लीची, खरबूजा, सलाद, पालक, चुकन्दर, गोभी, सेम, कटहल, मेथी, मुलायम भुट्टे के दाने, सूजी, बड़ा चना, दालें, दूध, पनीर आदि।
- क्लोरीन की अधिक मात्रा वाली वस्तुओं का सेवन कम कर दें जैसे स्थानीय निकाय द्वारा मिलने वाला क्लोरीन युक्त जल।
- पोषक तत्व विहीन खाद्य पदार्थ न खाएं जैसे-केक, बिस्किट, डबलरोटी, पेस्ट्रीज, रस्क, कनफेक्शनरी, जैम, जैली, रस, अचार आदि।
- दिनचर्या सुधारें।
- मानसिक विश्राम करें।
उपरोक्त सब प्रकार के उपाय के बाद भी निम्न रक्तचाप की शिकायत हो, तब डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा का उपयोग करें। शहद, मिश्री, मेवा, खजूर, सोयाबीन, खीर आदि की मात्रा बढ़ा दें।