- जनवरी से अप्रैल माह तक 380 को लगाई लाखों की चपत, 2022 में 1900 से हुई थी ठगी
- साइबर सैल ने ठगी का शिकार हुए लोगों के 84 लाख रुपये रिकवर कराये
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सावधान हो जाये। अब साइबर ठग जीमेल को हैक कर आपका डाटा या आपकी गोपनीय जानकारी चोरी कर सकते हैं। जिसके जरिये आपको लाखों की चपत लगाई जा सकती है। अकेले यूपी ही नहीं पूरे देश में साइबर अपराध दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।
साइबर ठग विभिन्न साइबर अपराध के जरिये जिनमें जिनमें हैकिंग, आॅनलाइन ठगी, फिशिग, स्पैम ईमेल, रेनसमवेयर, पोर्नग्राफी, आॅनलाइन ब्लैकमेल अपराध के माध्यमों के जरिये आम लोगों को लाखों की चपत लगाने में नहीं चूकते। इन ठगों ने सवा साल में 2200 लोगों को चूना लगाकर उनकी जेब से करोड़ रुपये से अधिक ठग लिए, लेकिन गनीमत रही साइबर सैल ने तत्परता दिखाते हुए इन ठगों के मुंह से 84 लाख रुपये रिकवर करा लिए।
वर्ष 2022 की बात करें तो साइबर ठगों ने चाहे आॅनलाइन ठगी हों या अन्य साइबर अपराध के मामले हों। साइबर ठगों ने 1900 लोगों को ठगी का शिकार बनाया। उनसे करोड़ों रुपये ठग लिए। इतना ही नहीं वर्ष 2023 में भी जनवरी माह से अप्रैल तक 380 लोगों को ठगकर लाखों रुपये का चूना लगाया गया। साइबर सैल ने सवा साल में कुल 84 लाख रुपये इन ठगों के मुंह से रिकवर कर पीड़ित लोगों को राहत दी।
साइबर ठगी के मामले में अब लोगों की जीमेल की आईडी को हैक कर उसका मोबाइल नंबर निकालकर उस पर अपने मोबाइल नंबर से उसका फोटो लगाकर वाट्सऐप पर झूठ बोलकर मैसेज भेजकर ठगी की जा रही है। वैसे ही महिलाओं को न्यूड दिखाकर लोगों को ब्लेकमेल कर उनसे रकम ऐंठने के मामले ज्यादा आ रहे हैं।
इसमें साइबर क्राइम के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के साइबर क्राइम आते हैं। जिनमें हैकिंग आॅनलाइन ठगी, फिशिंग स्पैम ईमेल रेनसमवेयर, पोर्नग्राफी, आॅनलाइन ब्लैकमेल एवं अन्य अपराध शामिल हैं। साइबर क्राइम अपराध की वह शाखा है। जिसके तहत लोगों से आॅनलाइन माध्यम से अपराध किया जाता है। आॅनलाइन ठगी करना वर्तमान में साइबर क्राइम का सबसे सामान्य रूप है।
साइबर स्टॉकिंग
आजकल सोशल मीडिया के समय में भी सभी लोग सोशल मीडिया साइटस पर अपने समय का अधिकांश भाग बिताते हैं। ऐसे में साइबर अपराधियों के द्वारा साइबर स्टॉकिंग के माध्यम से बार बार परेशान किया जाता है। जिसमें कि पीड़ित को फालो करना, धमकी भरे संदेश भेजना, बार-बार फोन करना, अश्लील तस्वीरे भेजना, बच्चे व अवयस्क यूजर प्राय साइबर स्टॉकिंग का शिकार बनते हैं।
पहचान का अनधिकृत इस्तेमाल
किसी व्यक्ति की पहचान का अनधिकृत उपयोग भी साइबर क्राइम की श्रेणी में शुमार है। आजकल विभिन्न लोगों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से अन्य व्यक्तियों की फोटो चुराकर अलग-अलग एकांउट बनाया जाता है और इसका गलत इस्तेमाल किया जाता है। साइबर सैल प्रभारी राघवेन्द्र कुमार ने बताया कि अभी तक 84 लाख रुपये इन ठगों के जाल से निकाले गये हैं। अगर समय से हमें सूचना मिल जाये। तो ठगी से बचा जा सकता है।
प्रॉपर्टी डीलर पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज
जेवरी गांव निवासी एक महिला के साथ प्रॉपर्टी डीलर सहित तीन लोगों ने धोखाधड़ी कर एक प्लॉट को बेच दिया था। जब महिला प्लॉट पर कब्जा करने गई तो उस पर अन्य व्यक्ति ने अपना अधिकार बताया। इस संबंध में जब प्रॉपर्टी डीलर से बात की गई तो महिला को भुगत लेने की धमकी दी गई।
जेवरी गांव निवासी विमलेश पत्नी प्रमोद ने बताया कि उसके गांव जेवरी निवासी जमील अहमद ने उससे प्लॉट खरीदने के संबंध में मुलाकात की। जमील ने विमलेश को बताया कि जेवरी गांव निवासी बिल्डर ब्रजमोहन गुप्ता, अलाउद्दीन और जमील ने मिलकर खिर्वा रोड पर जगन्नाथपुरम के नाम से कालोनी में प्लाट काट रहे हैं।
गांव के लोगों पर विश्वास कर विमलेश ने अपनी पत्नी को बताया। बिल्डरों ने कालोनी का नक्शा दिखाया, जिसमें विमलेश ने दो प्लाट पसंद कर बुक कर दिए। दोनों प्लाट का क्षेत्रफल 305 गज था, जिसकी कीमत 44 लाख रुपये थी। मौके पर पहुंचकर प्लाट को भी देखा। प्रमोद ने बताया कि उन्होंने 18-18 लाख रुपये के दो चेक ब्रजमोहन गुप्ता और जमीन को दिए।
जबकि बाकी सात लाख रुपये नगद भुगतान किया गया। प्लाट का बैनामा विमलेश के नाम किया गया। बैनामे के बाद जब वह प्लाट पर बुनियाद भरवाने पहुंचे तो वहां पहले से ही शोभना सहारन पत्नी अनिल निवासी पेपला और निकित पुत्र दिनेश निवासी पांचली मेरठ खड़े हुए थे। दोनों ने वह प्लाट अपने बताते हुए बैनामा होना भी बताया।
मामले की जानकारी ब्रजमोहन और उसके दोनों साथियों को दी, मगर वह नानुकर करने लगे। प्रमोद ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने बिल्डरों से रुपये वापस मांगे तो वह धमकी देने लगे। जिसके बाद केस दर्ज कराया गया। इंस्पेक्टर नीरज मलिक का कहना है कि केस दर्ज की जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपितों पर सख्त कार्रवाई होगी।
लेन-देन के विवाद में व्यापारी पर पिस्टल की बट से हमला
कंकरखेड़ा: रुपयों के लेन-देन के विवाद में व्यापारी पर चार युवकों ने लाठी-डंडों से जानलेवा हमला कर दिया। टीकाराम कॉलोनी निवासी वीर सिंह ने शुक्रवार शाम थाने पर तहरीर देते हुए बताया कि उसकी मार्शल पिच के पास रोड़ी डस्ट की दुकान है। पीड़ित ने अपने परिचित को कुछ समय पूर्व 72 हजार रुपये उधार दिए थे। पीड़ित व्यापारी काफी दिनों से युवक से अपने पैसे वापस मांग रहा था।
मगर आरोपी पैसे देने में आनाकानी कर रहा था। आरोप है कि शुक्रवार शाम व्यापारी पैसे लेने के लिए युवक के घर पहुंचा। जहां युवक ने व्यापारी के साथ जमकर अभद्रता की। आरोपी ने फोन कर अपने अन्य तीन साथियों को मौके पर बुला लिया। जिसके बाद चारों हमलावरों ने पीड़ित व्यापारी पर जानलेवा हमला कर दिया। व्यापारी ने हमलावरों पर पिस्टल की बट सिर में मारकर घायल करने का आरोप लगाया है। व्यापारी ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। कंकरखेड़ा थाना प्रभारी नीरज मलिक का कहना है कि तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।