Saturday, July 27, 2024
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भारत बंद: किसानों का प्रदर्शन, डीएम-एसएसपी के लिए भी नही खोला रास्ता

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जनवाणी संवाददाता |

गागलहेड़ी: कृषि बिलों के खिलाफ किसान संगठनों का भारत बंद पर कस्बे के मुख्य चौराहे पर हजारो की संख्या में पहुँचे किसानों ने सड़क के चारो ओर ट्रैक्टर ट्रॉलियां लगाकर रास्ते बंद किए, जिसके बाद मुख्य चौराहे पर सड़क पर ही दरी डालकर तीन बजे तक किसान विरोधी बिल का जमकर विरोध किया।

दिल्ली में चल रहे धरने के समर्थन की बात कहते हुए किसानों ने कहा की तीनों बिल वापस नही हुए तो किसान यहां से दिल्ली कूच करेंगे। वही डीएम एसएसपी के लिए भी किसानों ने रास्ता नही खोला जिसकी वजह से डीएम एसएसपी को वापस लौटना पड़ा। तीन बजे धरना समाप्त करते हुए एसडीएम अनिल कुमार को ज्ञापन सौंपा।

मंगलवार के दिन किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया था, सुबह से कस्बे के ज्योतिबाफुले चौक पर किसानों का जत्था पहुचना शुरू हो गया था। जिसके बाद कस्बे के चारो ओर किसानों ने ट्रैक्टर ट्रॉलियां लगाकर सब राह बंद कर दिए थे। भारत बंद में नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के चक्के जाम का कस्बे व ग्रामीण क्षेत्रो में पूरा असर दिखाई दिया है। वही किसानो के धरने में एसडीएम व सीओ भारी बल नजर बनाए रखे रहे।

किसानों की तुलना में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता बंद को लेकर गयाब दिखाई दिए। वही सपा बसपा व आदि दल किसानो के धरने में नही पहुँच पाए, दिल्ली में चल रहे किसानों के धरने पर भारत बंद को लेकर किसानों ने 11 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम किया जाने की बात कही थी मंगलवार सुबह ठीक 11 बजे ही किसानो का जत्था मुख्य चौराहे पर पहुँच गया था।

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ज्योतिबाफुले चौक पर हजारो की संख्या में बैठे किसानो ने जब चक्का जाम कर दिया तो आधे नोजवानो ने भगवानपुर तिराहे पर भी कब्जा कर लिया था। ट्रैक्टरो पर लगे डीजे साउंड की गूंज के सामने मदमस्त होकर किसान युवाओ ने सड़क पर ही लेट गए थे, एसडीएम सीओ ने युवाओ को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन पुलिस की किसानो ने एक नही सुनी। कस्बे की छोटी छोटी गलिया तक बन्द कर दी गई थी।

कोई बाइक सवार भी नही निकल पा रहा था। किसान धरने में मरीजो को ले जा रही एम्बुलेंस को रास्ता दिया गया, वही स्कूल की छुट्टी होने पर किसानों ने कुछ समय के लिए रास्ता खोल दिया था। लेकिन स्कूल बस निकलने के बाद फिर रास्ते जाम कर दिए गए थे।

इस मौके पर जिलाध्यक्ष चरण सिंह, अनूप यादव, नरेश कुमार यादव, ललित यादव, रविकांत, कहर सिंह, अशोक कुमार, ताहिर मलिक, बिट्टू यादव, आशीष यादव, भरम सिंह,अनूप यादव, अंकुल, जीशान, अब्दुल रऊफ, नीटू, संदीप अन्य मौजूद रहे।

किसानों को विपक्ष ना माना जाए

भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष चौधरी चरण सिंह ने कहा कि ‘राजनीतिक लोगों में से कुछ किसानों को खालिस्तानी बता देता है, कोई पाकिस्तानी बता देता है। देश का किसान उन्हें नहीं दिख रहा है। लाखों लोग अलग-अलग हिस्सों से आ रहे हैं क्या ये किसान नहीं दिख रहे हैं। हम पर बल प्रयोग किया गया यह कहां का इंसाफ है।

यह गलत है। यह स्वतंत्र देश है। अपनी आवाज सबको उठाने का अधिकार है। वे विपक्ष से विपक्ष के तौर पर लड़ें। किसानों को विपक्ष मानकर डंडा न चलाएं, अत्याचार न करें। देश का किसान अगर बहुमत से कुर्सी पर बैठा सकता है तो गायब भी कर सकता है। राजनेता हमेशा अपना वोटबैंक तलाशते हैं। विपक्ष को उसी वक्त बात उठानी चाहिए थी जब उन्हें लगता था कि ये बिल गलत पास हो रहे हैं।

किसानों ने उखाड़ी भाजपा की झंडिया

नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों के भारत बंद प्रदर्शन में किसान युवाओ ने कस्बे में लगी भारतीय जनता पार्टी की झंडिया भी उखाड़ उखाड़कर सड़क पर फेंक दी, वही भाजपा की झंडिया भी जलाई गई। किसानों ने भाजपा सरकार का जमकर विरोध करते हुए मोदी हाय हाय के जमकर नारे लगाए।

एसएसपी डीएम की गाड़ी भी वापस लौटाई

भारत बंद किसानों का 11 से तीन बजे तक चले धरने के बीच नागल से कस्बे की ओर आ रहे डीएम व एसएसपी की गाड़ी भगवानपुर तिराहे पर लगी ट्रेक्टर ट्रॉलियां किसानों ने नही हटाई। पुलिस ने जब अधिकारीयो को निकलने के लिए किसानों से कहा तो किसानो ने रास्ता खोलने से साफ मना कर दिया। जिसके बाद डीएम व एसएसपी की गाड़ी वापस लौट गई।

राहगीरों को उठानी पड़ी बड़ी परेशानी

कस्बे में 11 बजे से तीन बजे तक चक्क जाम रहा सहारनपुर से कैलाशपुर तक ही ऑटो चलते दिख रहे थे, उसके बाद कस्बे में राहगीर पैदल आते नजर आए, कस्बे में आ रही बाईको पर भी प्रतिबंध लग गया था, बाइक सवार भी वापस लौटते नजर आए।

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