Wednesday, June 18, 2025
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कैंट में सदी के बड़े अवैध निर्माण, अफसर मौन

  • कैंट बोर्ड अफसरों ने आंखों पर चढ़ा रखा है भ्रष्टाचार का चश्मा
  • अफसरों को नहीं दिखाई देते निर्माणाधीन अवैध निर्माण
  • अनदेखी: 150 से 200 श्रमिक लगे हुए हैं अवैध बिल्डिंग बनाने में
  • एक बिल्डिंग का आंशिक मानचित्र स्वीकृत, बाकी अवैध

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कैंट बोर्ड के अफसरों ने भ्रष्टाचार का चश्मा चढ़ा लिया हैं, तभी तो कैंट के बीसी लाइन ऐरिया में दो इस सदी के सबसे बड़े अवैध निर्माण चल रहे हैं, लेकिन अफसरों की आंखों में भ्रष्टाचार का सूरमा पड़ गया हैं, जिसके चलते बड़े अवैध निर्माण भी दिखाई नहीं दे रहे हैं। निर्माण इतने बड़े है कि 150 से 200 मजदूर बिल्डिंग का निर्माण करने में लगे हुए हैं।

ट्रक और ट्रैक्टर निर्माण सामग्री का रात और दिन में ढुलाई कर रहे हैं, लेकिन ये फिर भी दिखाई नहीं दे रहे हैं। इनमें से एक बिल्डिंग का आंशिक मानचित्र स्वीकृत हैं, बाकी बिल्डिंग अवैध हैं। जिस स्थान पर अवैध बिल्डिंग बन रही हैं, उसके आसपास सैन्य अफसरों के आवास हैं। यही से सबका आवागमन हो रहा हैं, लेकिन फिर भी निर्माण को नहीं रोका जा रहा हैं।

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कैंट बोर्ड भंग हैं, फिर निर्माण कौन करा रहा हैं। ऐसे में सेना के बड़े अफसरों पर भी शक की सुंई घूम रही हैं। सेना के अफसरों का कैंट बोर्ड पर पूरा नियंत्रण चल रहा हैं, फिर भी बड़े निर्माणों को क्यों नहीं रोका जा रहा हैं, जिसके लिए सैन्य अफसरों की जवाबदेही तो बनती हैं। महत्वपूर्ण बात ये है कि कैंट बोर्ड का हथौड़ा गैंग को किसी गरीब के टायलट बनाने की सूचना मिल जाती हैं

तो हथौड़ा गैंग तत्काल सक्रिय हो जाता हैं और टायलट को तोड़ दिया जाता हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि कैंट बोर्ड के हथौड़ा गैंग को ये दो बिग अवैध निर्माण कैसे नहीं दिखाई दे रहे हैं? इतनी बड़ी हथौड़ा गैग की असफलता या फिर भ्रष्टाचार का हथौड़ा गैंग पर भी चश्मा चढ़ गया हैं। यही वजह है कि जहां पर ट्रकों व ट्रैक्टरों का खूब रात-दिन आवागमन हो रहा हैं, वो भी नहीं दिख रहा हैं।

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बिल्डिंग छोटी नहीं हैं, बल्कि इसमें 24 तो सर्वेंट क्वाटर्स बनाये गए हैं। 151 और 152 दो बिल्डिंग को पूरी तरह से तोड़कर पीलर्स खड़े कर आलीशान महल का निर्माण किया जा रहा हैं। इसमें सूत्रों का कहना है कि 151बीसी का कुछ मानचित्र स्वीकृत हैं, लेकिन ये बिल्डिंग भी आलीशान बन रही हैं। इसी के बराबर में है 152 बीसी, इसका कोई मानचित्र स्वीकृत नहीं हैं। पूरी बिल्डिंग अवैध बनाई जा रही हैं।

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पीलर्स पर बिल्डिंग खड़ी कर दी गई। लिंटर भी डाल दिया गया। प्लास्टर भी दीवारों पर कर दिया गया। इस तरह से ये बिल्डिंग कम से कम छह माह से निर्माणाधीन चल रही हैं। इसके बावजूद कैंट बोर्ड के अधिकारियों को ये कैसे दिखाई नहीं दी। डीओ आॅफिस के इंजीनियर भी सूंघते घूमते हैं, लेकिन उन्हें भी इस बिल्डिंग का बड़ा निर्माण होते हुए नहीं दिखा।

दरअसल, भ्रष्टाचार का चश्मा जब चढ़ जाता है तो शायद ही किसी को ये अवैध निर्माण दिखाई देते हो? फिर सामरिक महत्व की जगह इतनी बड़ी तादाद में प्राइवेट लोग लगे हुए है। जब से ये बिल्डिंग बन रही हैं, तभी बीसी लाइन क्षेत्र में चोरी की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। क्योंकि बिल्डिंग निर्माण में जुटे श्रमिकों की कोई जांच पड़ताल नहीं हुई, ऐसे में कैंट की गोपनीयता भी ये श्रमिक भंग कर रहे हैं।

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