- बाल-बाल बची कटने से गर्दन, पीवीएस के पास मांझे से चेहरे पर गंभीर घाव, आए 20 टांके
- पुलिस के दावे खोखले, खुलकर बिक रहा मांझा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एक बार फिर चाइनीज मांझा विलेन बन कर आया और शास्त्रीनगर के एक स्कूल के छात्र को अपना निशाना बना लिया। मांझे ने भाजपा नेता के बेटे की गर्दन कटने से बाल-बाल बच गई। मांझे ने गाल पर गहरा घाव कर दिया। पीवीएस के सामने हुए हादसे में छात्र बुरी तरह लहुलुहान हो गया। उसे आनंद अस्पताल ले जाया गया, जहां उसके गाल पर बीस टांके आयें हैं।
पुलिस चाइनीज मांझे की बिक्री पर रोक लगा पाने में पूरी तरह से नाकाम हो रही है। चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगाने के लिए सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने पूरे मामले को संसद में भी उठाया था। बावजूद इसके चाइनीज मांझे की बिक्री चोरी-छिपे चल रही हैं, जिस पर पुलिस अंकुश नहीं लगा पा रही हैं।
थापर नगर में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी के पटेल नगर मंडल के उपाध्यक्ष विनीत विरमानी का बेटा नैतिक विरमानी 10वीं का छात्र है। हादसा शाम चार बजे के करीब हुआ है और स्कूल से लौटते वक्त पीवीएस मॉल के सामने जैसे ही नैतिक पहुंचा, तभी मांझा उसके गाल को चीरता हुआ निकल गया। नैतिक बुरी तरह से चीखा और उसकी स्कूटी अनियंत्रित हो गई। आसपास के लोगों ने इस हादसे को देखा और उसे उठाते हुए सीधे आनंद अस्पताल लेकर चले गए।
अस्पताल में डाक्टर ने नैतिक का इलाज करते हुए 20 टांके लगाये। उसके गाल पर काफी गहरा जख्म हुआ है। घटना का पता लगते ही भाजपा पार्षद गुलबीर सिंह, पार्षद शौकत अली , देवश अग्रवाल और भाजपा के नेताओ का आनंद हॉस्पिटल में ताता लग गया। जब बेटे के घायल होने की जानकारी घर वालों को हुई तो भागकर अस्पताल आए और बेटे के चेहरे का हाल देखकर काफी परेशान हुए।
खतरनाक है चाइनीज मांझा
चाइनीज मांझा मजबूत होने के साथ-साथ सस्ता भी है। यही वजह है की लोग इस मांझे को खरीदते हैं, लेकिन ये चाइनीज मांझा हर तरह से खतरनाक है। दरअसल, ये मांझा प्लास्टिक से बना होता है। इसके साथ-साथ इस पर लोहे का बुरादा लगा होता, जो अगर किसी बिजली के तार पर लग जाए, तो करंट भी लग सकता है। चाइनीज मांझा, जिसे कुछ लोग प्लास्टिक का मांझा भी कहते हैं। यह प्लास्टिक का मांझा या चाइनीज मांझा अन्य मांझों की तरह धागों से नहीं बनता है। यह नायलॉन और एक मैटेलिक पाउडर से मिलकर बनाया जाता है।
यह प्लास्टिक का जैसा लगता है और स्ट्रेचेबल होता है। ऐसे में जब इसे खींचते हैं तो यह टूटने के बजाय बढ़ जाता है। इसे काटना काफी मुश्किल होता है। फिर इस धागे जैसे नायलॉन पर कांच या लोहे के चूरे से धार भी लगाई जाती है, जिस वजह से यह मांझा और भी घातक हो जाता है। यह सिंपल मांझे से काफी अलग होता है और जब इस मांझे से पतंग उड़ाते हैं तो अलग-सा कंपन होता है।
पहले भी हुए हादसे
टीपीनगर थाना क्षेत्र के सरस्वती विहार कॉलोनी के रहने वाले निर्मल (42) पुत्र ओमप्रकाश राज मिस्त्री का काम करता था। निर्मल अपनी स्कूटी पर सवार होकर अपने घर लौट रहा था। रोहटा रोड स्थित जवाहर नगर के पास पहुंचते ही निर्मल चाइनीज मांझे की चपेट में आ गया। जिस कारण उसकी गर्दन बुरी तरह कट गई। जिससे उसकी मौत हो गई थी। जिस वक्त उसे उपचार के लिये उठाया गया मांझा उसकी गर्दन में फंसा हुआ था।
मोदीपुरम क्षेत्र में रुड़की रोड पर 23 सितंबर 2022 को मुजफ्फरनगर खतौली के रसूलपुर निवासी अजय की चाइनीज मांझे की चपेट में आने से मौत हो गई थी। लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के ढवाई नगर गली नंबर चार निवासी वाजिद की घर में ही पावरलूम फैक्ट्री है। वह बाइक से किसी काम से हापुड़ अड्डा चौराहे की ओर जा रहे थे। जैसे ही ग्रीन हास्पिटल के पास पहुंचे तो चाइनीज मांझा उनकी गर्दन में लिपट गया और गर्दन कट गई।
चिकित्सकों ने 18 टांके लगाए। पूठ गांव निवासी गौरव पुत्र शेर सिंह किसी काम से बाइक से मेरठ आया था। वह छावनी क्षेत्र के के पास से गुजर रहा था, तभी अचानक चाइनीज मांझा उसकी गर्दन से लिपट गया, इससे पहले की वह कुछ समझ पाता चाइनीज माझें ने उसकी गर्दन काट दी।
ससंद में उठा चुके चाइनीज मांझे का मुद्दा
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान चाइनीज मांझा अथवा इसी प्रकार के हानिकारक मांझे के भंडारण, बिक्री व उपयोग पर प्रभावी प्रतिबंध लगाने तथा इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई किये जाने की मांग की थी। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि मांझा जानलेवा होने के साथ ही साथ जहरीले व नॉन बायोडिग्रेडेबल संगठकों से निर्मित होने के कारण पर्यावरणीय दृष्टि से भी अत्यंत हानिकारक है। कुछ प्रदेशों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत चाइनीज मांझा की बिक्री व उपयोग प्रतिबंधित किया हुआ है।
इस प्रतिबंध के बावजूद मांझे से हो रही दुर्घटनाओं पर प्रभावकारी रोक नहीं लग पाई है। दुर्घटना होने पर मांझा प्रयोग करने वाले व्यक्ति को पहचानना एवं पकड़ना मुश्किल होता है तथा मांझा बेचने वाले के विरुद्ध कार्रवाई का कोई सख्त प्रावधान नहीं होने के कारण इस मांझे के विक्रेता कानूनी दायरे से बाहर चले जाते हैं। चाइनीज मांझे के कारण निरंतर दुर्घटनाएं हो रही हैं। इस मांझे की चपेट में आने वाले टू-व्हीलर पर चलने वाले व्यक्तियों की गर्दन कट जाती है तथा यह मांझा विद्युत का सुचालक होने के कारण हाइटेंशन तारों को छूता हुआ राह चलते व्यक्तियों को झुलसा देता है।