- बिना आदेश शिक्षा के नियमों को ताक पर रख बच्चों को दी गई छुट्टियां
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बिना किसी शासनादेश के बच्चों को एक दिन छोड़कर दूसरे दिन विद्यालय बुलाया गया। स्कूल न जाने पर परिजनों ने बच्चों से पूछा तो मामले का खुलासा हुआ। परिजनों ने मामले की शिकायत डीएम से की। जिसके बाद प्रकरण में विभाग द्वारा जांच करने की बात की जा रही है। वहीं, जांच अधिकारी ने शिकायतकर्ता का फोन बंद रहने का दावा भी किया है।
मामला कंपोजिट विद्यालय गगोल से जुड़ा है।
गांववासी नरेश कुमार ने डीएम से शिकायत की। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे, जिनमें उनके खुद के बच्चे भी शामिल है। उनका कहना है कि एक दिन विद्यालय जाना है और एक दिन छुट्टी रहेगी। इस बात की जानकारी की गई तो पता चला कि ऐसा कोई आदेश शासन से नहीं आया है। इसके बाद नरेश ने प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 पर शिकायत की जिसकी संख्या-92113800025512 है।
साथ ही यह भी पता चला कि विद्यालय में एक दिन आना है और एक दिन नहीं यह रूटिन दिनांक 1 से 12 अक्टूबर 2021 यानी केवल 12 दिन रहा था। इसके बाद इस तरह का कोई आदेश शासन द्वारा पारित नहीं किया गया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि यह एक साजिश है। जिसमें विद्यालय की इंचार्ज व प्रबंध समिति के अध्यक्ष ने मिलकर बच्चों के मिड-डे-मील में गबन करने की कोशिश की।
मामले में विद्यालय की इंचार्ज ने शिकायत को झूठा बताते हुए खंड शिक्षा अधिकारी को मामला निराधार बताया और शिकायत को पोर्टल पर झूठा बताकर निस्तारित कर दिया गया। इसके बाद शिकातयकर्ता ने 17 नवंबर 21 को खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से उपस्थिति रजिस्टर की प्रमाणित प्रतिलिपि मांगी जो आज तक भी उपलब्ध नहीं कराई गई।
खंड शिक्षा अधिकारी पर भी साजिश में शामिल होने का आरोप
शिकायतकर्ता नरेश का आरोप है कि यह एक बड़ी साजिश है। जिसमें विद्यालय की इंचार्ज व खंड शिक्षा अधिकारी भी शमिल है। यदि शिकायत गलत है तो शिकायतकर्ता को छात्रों के उपस्थिति रजिस्टर की सत्यापित प्रतिलिपि क्यों नहीं दी गई। इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता ने डीएम दीपक मीणा से कार्रवाई करने की मांग की है।
मैंने शिकायतकर्ता को फोन करके बुलाया था, इनका यह भी आरोप है कि खंड शिक्षा अधिकारी ने इन्हे बताया ही नहीं और मामले का निस्तारण कर दिया। मुझे इस मामले की जानकारी 14 जुलाई को ही हुई है। इसी दिन हमने शिकायतकर्ता के दोनों नंबरों पर फोन किए तो मैं बाहर हूं, आकर मिलता हूं, मिलकर सारी जानकारी देता हूं, जिसके बाद जांच करना। इसके बाद हमने 15 जुलाई को भी शिकायतकर्ता को फोन किया तो उनका नंबर स्वीच आॅफ जाता रहा। अब कांवड़ में ड्यूटी लग गई है जिस वजह से जांच अभी नहीं की जा सकी है। हमारे द्वारा मामले की पूरी गहनता से जांच की जाएगी जो भी सच होगा उसी के हिसाब से कार्रवाई होगी।
-सुदर्शन लाल, कार्यकारी खंड शिक्षा अधिकारी