Saturday, July 27, 2024
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किताबें, ड्रेस, बैग और स्टेशनरी भी महंगी

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  • अभिभावकों पर लगातार बढ़ रहा है अतिरिक्त बोझ
  • बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना पड़ रहा है महंगा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कागज और स्याही की कीमतें लगातार बढ़ी हैं जिसका असर किताबों के दामों पर पड़ा है। किताबों के दाम 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गये हैं। आम आदमी के लिये अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना लगातार महंगा होता जा रहा है। किताबों के साथ साथ बच्चों की स्कूल ड्रेस, स्टेशनरी और स्कल बैग के दाम भी आसमान छू रहे हैं। इनके दामों में भी 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है जिस कारण बच्चों को पढ़ाना अब और भी महंगा हो गया है।

बच्चों को अच्छी तरह से तैयार करके स्कूल भेजना अभिभावकों के लिये अब काफी महंगा हो गया है। किताबों को छापने के लिये स्याही, केमिकल के साथ-साथ कागज की विशेष रूप से आवश्यकता होती है। स्याही पर इस समय 18 प्रतिशत की जीएसटी लग रही है और जैसे-जैसे दाम बढ़ रहे हैं, समस्याएं और भी बढ़ती जा रही है। उधर, रद्दी महंगी होने के कारण पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कापियों के दाम भी 25 से 30 प्रतिशत तक महंगे हो गये हैं। कॉपी किताबों के साथ साथ यहां अब स्टेशनरी और स्कूल बैग के दाम भी दिन ब दिन बढ़ते जा रहे हैं। जिसका असर अभिभावकों पर सीधे सीधे पड़ा है।

स्टेशनरी पर 20 प्रतिशत तक की वृद्धि

स्कूल में बच्चों के काम आने वाली स्टेशनरी की बात की जाये तो वह अब काफी महंगी हो चुकी है। स्कूली बच्चे के लिये जो पेंसिल पहले 25 रुपये में 10 आती थी उसकी कीमत अब 35 रुपये में 10 हो गई है। यही हाल रबर का है। रबर का सेट जो 12 रुपये का था वो अब 20 रुपये का हो गया है। बच्चों के कलर, पेंट शीट, कलर शीट सभी पर 20 से 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जिस कारण खर्च काफी बढ़ गया है।

स्कूल बैग पर हुई वृद्धि

बच्चों का स्कूल बैग उनके लिये सबसे बड़ी आवश्यकता है और आज स्कूल बैग के दाम ही आसमान पर पहुंच गये हैं। स्कूल बैग की बात करें तो स्कूल बैग पहले प्रथम क्लास के बच्चे के लिये 250 रुपये तक आराम से मिल जाता था, लेकिन आज वही स्कूल बैग 400 रुपये तक पहुंच गया है। जसदेवा स्पोर्ट्स के जसवंत सिंह ने बताया कि स्कूल बैग निर्माण में इस्तेमाल होने वाली मैटी (कपड़ा) काफी महंगा हो गया है। 70 रुपये मीटर तो कपड़ा पहले आता था उसके दाम बढ़कर 90 रुपये मीटर तक पहुंच गये हैं जिस कारण स्कूल बैग पर महंगाई बढ़ी है।

बच्चों की ड्रैस भी हुई महंगी

स्कूली बच्चों की ड्रेस की बात करें तो पहले जो हाउस टी-शर्ट बच्चों की 150 रुपये में मिलती थी वो टीशर्ट इस समय 250 रुपये में मिल रही है। बच्चों की पूरी किट जो पहले 500 रुपये में मिल रही थी वह बढ़कर 700 रुपये तक पहुंच गई है। स्कूली ड्रैस पर भी महंगाई आसमान छू रही है। अभी तक सिर्फ किताबों की बात की जा रही थी, लेकिन किताबों के साथ-साथ अब इन सभी चीजों पर महंगाई बढ़ने से लोग परेशान हैं और आने वाले समय में बच्चों को पढ़ाना आम आदमी के लिये काफी मुश्किल होने वाला है।

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