- संभागीय परिवहन विभाग के आला अफसरों ने मूंदी हुई है अपनी आंखें
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ओवरलोड ट्रक हर रोज बड़ी तादाद में मेरठ सिटी में एंट्री कर रहे हैं, लेकिन संभागीय परिवहन विभाग के आला अफसर आंखें मूंदे हुए हैं। ओवरलोड वाहनों को रोकने के लिए लंबी चौड़ी अफसर और कर्मचारियों की फौज तैनात है, फिर कैसे अंकुश नहीं लग रहा है, ये भी बड़ा सवाल है। आखिर जिम्मेदारों को ये क्यों दिखाई नहीं दे रहे हैं? ये ओवरलोड ट्रक? कई सवाल ऐसे हैं, जिनका जवाब संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारी नहीं दे रहे हैं।
दरअसल, सरकार भी वही है और अधिकारी भी वही है। जब योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री के तौर पर प्रथम बार शपथ ली थी तो तमाम ओवरलोड ट्रक सड़कों पर दौड़ने बंद हो गए थे। इतना खौफ मुख्यमंत्री का था। यही नहीं, जो ओवरलोड डस्ट और रेत यमुना और हरिद्वार से लाया जा रहा था, वो भी बंद हो गया था, लेकिन धीरे-धीरे ट्रक यूनियन और संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार का गठजोड़ हुआ तो फिर से भ्रष्टाचार शुरू कर दिया।
अब हालात ये है कि रात हो या दिन ओवरलोड ट्रक सैकड़ों की तादाद में मेरठ सिटी में एंट्री कर रहे हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि संभागीय परिवहन अधिकारी के रजिस्टर में उनकी एंट्री हो चुकी है, जिसके चलते कोई इन्हें रोक-टोक नहीं रहा है। संभागीय परिवहन अधिकारियों की विशेष तौर पर ओवरलोड ट्रकों को रोकने की जिम्मेदारी निर्धारित की गई है, लेकिन आरटीओ अपनी जिम्मेदारी को भूल गए हैं। यही वजह है कि सड़कों पर रहने वाले आरटीओ (प्रवर्तन)ट्रकों के चालान ही नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते सड़कों पर ओवरलोड ट्रक बेखौफ होकर दौड़ रहे हैं।
हरिद्वार के रायपुर से डस्ट और रोड़ी लेकर और ओवर लोड ट्रक हर रोज शहर में बड़ी तादाद में एंट्री कर रहे हैं। एक भी ट्रक को आरटीओ की तरफ से नहीं रोका जा रहा है। इसको लेकर इतना बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है कि आरटीओ नेआंखों पर भ्रष्टाचार का चश्मा चढ़ा लिया है। इसी तरह से बागपत और कैराना में यमुना नदी से रेत की ओवरलोड ट्रकों से ढुलाई की जा रही है। इसमें भी कई जनपदों की सीमाओं को लांघते हुए ओवरलोड ट्रक मेरठ में एंट्री कर रहे हैं,
लेकिन इनकी भी कोई रोक-टोक नहीं की जा रही है, जिसके चलते ओवरलोड ट्रकों की आवाजाही बढ़ गई है। दरअसल, सरकार की तरफ से ओवरलोड ट्रकों को रोकने के लिए संभागीय परिवहन विभाग में आरटीओ प्रवर्तन का अलग से पद दिया गया है। आरटीओ (प्रवर्तन )के साथ पूरी टीम अधिकारियों की दी गई है और दर्जन भर पुलिस कर्मियों की टीम भी उनके साथ दी गई है। फिर भी ओवरलोड ट्रकों का कोई चालान नहीं किया जा रहा है।