जनवाणी संवाददाता |
मेरठ/सरधना: पीएम की जनसभा के आरंभ में व्यवस्था बेहतर थी, लेकिन पीएम के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद भीड़ अनियंत्रित हो गई। जो स्थान मीडिया के लिए सुरक्षित था, उसमें भाजपा कार्यकर्ता घुस आए। पत्रकारों से भी अभद्रता करने से बाज नहीं आए। पत्रकारों की भी इनसे नोंकझोंक हो गई, लेकिन भाजपा कार्यकर्ता बेलगाम थे। नारेबाजी और हंगामा, पत्रकारों के सिर पर चढ़कर कर रहे थे।
पत्रकारों को यह सब नागवार गुजरा तथा कई भाजपा नेताओं को इसकी शिकायत भी की, लेकिन वहां सुनने वाला कौन था? बात यही नहीं, पीएम के कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं ने इतना बवाल कर दिया कि कुर्सियों को भी तोड़ दिया। कुर्सी एक-दो नहीं टूटी, बल्कि पचास से ज्यादा कुर्सियों को नेस्तानाबूत कर दिया। इसको लेकर भी भाजपा के नेता काफी नाराज दिखे, लेकिन यह कार्यक्रम पूरी तरह से चुनावी था, इसलिए भाजपा नेताओं ने बवाल करने वाले कार्यकर्ताओं को अभयदान दे दिया।
भीड़ मंच की ओर बढ़ी, लेकिन पुलिस कर्मी मूकदर्शक बने रहे। पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगी थी कि भाजपा कार्यकर्ताओं को मीडिया के लिए सुरक्षित स्थान पर नहीं जाने देंगे, लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक नहीं सुनी और पुलिस कर्मियों से भी कई बार नोंकझोंक तक हो गई। इसके बाद पुलिस कर्मियों ने रोका-टोकी भी बंद कर दी।
फिर क्या था, इस तरह से कार्यकर्ताओं ने मीडिया के कैंप में घुसकर कुर्सी कब्जा ली तथा विरोध करने पर पत्रकारों के साथ भी भाजपा कार्यकर्ता अभद्रता करने से बाज नहीं आए। एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भाषण चल रहा था, वहीं दूसरी और मीडिया गेलरी में हंगामा हो रहा था। काफी देर तक हंगामा होता रहा, जिसके बाद मीडिया कर्मियों को कवरेज करने में भी दिक्कत हुई। प्रशासन की इतनी बड़ी तैयारी पर कुछ समय के लिए भीड़ भारी पड़ती नजर आई।