- इकलौते भाई की हत्या के मामले में बहनें करती आ रहीं हैं पैरवी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भाई की हत्या मामले की पैरवी कर रही गगोल निवाासी दो सगी बहनों के साथ दबंगों ने क्रूरता की तमाम हदें पार कर दीं। आरोपियों के खिलाफ शिकायत लेकर थाना परतापुर पहुंची तो पुलिस ने कार्रवाई नहीं कीं। युवती पायल शर्मा पत्नी देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि 15 मई को शाम करीब पांच बजे वह अपनी बहन रिंकी के साथ मछलियों को दाना खिलाने को गगोल तीर्थ के कुंड की ओर जा रही थीं। उसी दौरान बाइक व स्कूटी पर जिन लोगों से उनका अदालत में विवाद चल रहा है वो लोग आ गए।
युवती ने आरोप लगाया कि स्कूटी से उन्हें कुचलने का प्रयास किया गया। उनके चेहरे पर घूंसे से प्रहार किये गए। पिटाई से जबड़ा टूट गया। रिंकी को सड़क पर गिराकर लात-घूंसों से पीटा गया। बाल पकड़ कर सड़क पर गोल-गोल घुमा दिया। मारपीट के दौरान जब दोनों बहनों ने मदद के लिए शोर मचाया तो कुछ लोग दौड़ कर वहां पहुंचे। पुलिस की मदद के लिए डायल 112 पर काल का प्रयास किया तो आरोपियों ने उनका फोन छीन लिया और भाग गए।
दोनों बहनों को बाईपास स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। रिंकी के सिर में काफी टांके आए हैं। पीड़िता ने आरोप लगाया कि मामले की जानारी परतापुर पुलिस को दी गयी, लेकिन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि उनके परिवार को पुलिस की मदद से झूठे मामले में फंसा दिया गया। यह मुकदमा अदालत में अभी विचाराधीन है।
अपहरण के मामले को गुमशुदगी में दर्ज करने का आरोप
मेरठ: एक सप्ताह पहले अपने दोस्तों के साथ घर से निकला किशोर वापस नहीं लौटा जिसके बाद पिता ने पुलिस में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराने का प्रयास किया। पीड़ित पिता का आरोप है कि पुलिस ने धमकाते हुए उससे अपहरण की जगह गुमशुदगी में मुकदर्मा दर्ज कराया। मामला थाना सरधना के गांव कुलंजन का है। बुधवार को कप्तान के पास मदद की गुहार लगाने पहुंचे राय सिंह ने सरधना पुलिस पर बेटे की बरामदगी को लेकर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। पीड़ित का कहना है कि उसका 15 साल का बेटा प्रिंस गांव के ही रहने वाले नाबालिग कालू पुत्र सुभाष, दीपू पुत्र पुत्र महिपाल व अबुजर पुत्र बिलाल के साथ बीती 15 मई की शाम गया था।
बेटे के दोस्त तो वापस आ गए लेकिन प्रिंस नहीं लौटा। पीड़ित का आरोप है कि उसके बेटे को तीनों दोस्त घर से बुलाकर ले गए थे। जब दोस्तो से बेटे के बारे में पूछा तो वह गोलमोल जवाब देने लगे। परिजनों ने लापता किशोर को अपनी रिश्तेदारी में भी तालाश किया, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। पीड़ित ने सरधना थाने पर बेटे के अगवा होने का मुकदमा दर्ज कराने की कोशिश की तो वहां के दरोगा दुष्यंत कुमार ने उसे धमकाते हुए कहा कि अगवा शब्द क्या होता है, गुमशुदा लिखवाओ। इसके बाद सहमे हुए पिता ने पुलिस के कहने पर गुमशुदगी में मामला दर्ज करा दिया।