- केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के ट्विट से किसान नाराज
- मंडी में वाजिब दाम न मिलने पर नष्ट की थी गोभी फसल
जनवाणी संवाददाता |
कैराना: सब्जी मंडी में महज एक रुपये प्रति किलोग्राम के दाम मिलने पर नष्ट की 15 बीघा गोभी की फसल से जहां किसानों को काफी हानि हुई हैं, वहीं फसल नष्ट होने के बाद सीएससी ई-गवर्नमेंट की टीम के माध्यम से महज 4 हजार रुपये की चार कुंतल गोभी बिकने को बड़ा मानते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद द्वारा किए गए ट्विट को लेकर राजनीतिक गलियारों में तमाम तरह की चर्चाएं हैं। क्योंकि अभी तक प्रशासन की ओर से पीड़ित किसानों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया है।
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर दिल्ली में लगातार 26 दिन से किसानों का आंदोलन चल रहा है। किसानों का कहना हैं कि सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानून किसानों के लिए फायदेमंद नहीं है।
वहीं किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून के दायरे में लाने की मांग कर रहे हैं। इसी के बीच करीब एक सप्ताह पहले कैराना तहसील के मायापुर रोड निवासी किसान रमेश ने 30 हजार रुपये की लागत से उगाई गई 5 बीघा व गांव झाड़खेड़ी निवासी किसान तनवीर ने 60 हजार रुपये की लागत से उगाई गई 10 बीघा गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दी थी।
दोनों किसानों ने बताया था कि वह दिल्ली सहित अन्य स्थानीय मंडियों में अपनी गोभी की फसल को बेचने के लिए ले गए थे। जहां पर आढ़तियों द्वारा उनकी महज एक रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से गोभी खरीदी गई थी। गोभी किसानों द्वारा खेतों पर गोभी नष्ट करने की खबर मीडिया में आने के बाद शामली से पहुंची सीएससी किसान ई-मार्ट की टीम ने दोनों किसानों के खेतों पर पहुंचकर जांच पड़ताल की थी।
जिसके बाद सीएससी की टीम ने किसान तनवीर की अन्य खेत पर खड़ी करीब 400 किलोग्राम गोभी को आनलाइन 10 रुपये प्रति किलोग्राम बेच दिया था। जिससे किसान को 60 हजार रुपये की लागत लगाने के बाद मात्र 4 हजार रुपये ही प्राप्त हो सकें।
दूसरी ओर, सीएससी किसान ई मार्ट की टीम द्वारा गोभी किसानों की फसल बेचने की जानकारी मिलने के बाद अगले दिन शामली विधानसभा से भाजपा विधायक तेजेंद्र निर्वाल भी दोनों किसानों के खेतों पर पहुंचे थे तथा उनसे बात की थी। जिसके बाद भाजपा विधायक ने सीएससी की टीम की प्रशंसा करते हुए अन्य सभी किसानों को भी सीएससी किसान ई मार्ट के माध्यम से अपनी फसलों को उचित दामों पर बेचने के लिए प्रेरित किया था।
जिसके बाद एक दिन पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि उत्तर प्रदेश के कैराना के अलीपुर गांव के किसान नरेश कुमार बता रहें हैं कि कैसे नए कृषि कानूनों के कारण वह मंडी के बाहर सीएससी के डिजिटल प्लेटफर्म से अपनी गोभी की फसल बेच पाए हैं।
बताया कि उन्हें स्थानीय मंडी में मात्र एक रुपए प्रति किलोग्राम की कीमत मिल रही थी पर मंडी के बाहर उन्हें 10 रूपये प्रति किलोग्राम की कीमत मिली। वहीं जिस किसान तनवीर द्वारा 60 हजार रुपये की लागत लगाने के बाद मात्र 4 हजार रुपये ही प्राप्त हो सकें।
मंत्री के ट्विट से किसान नाराज
केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर द्वारा द्वारा ट्वीट कर यह नहीं बताया गया कि किसानों ने 15 बीघा फसल भी बर्बाद की थी जिससे किसान असंतुष्ट नजर आ रहें हैं। किसानों द्वारा अपने खेतों पर जो गोभी की फसल नष्ट की गई थी उसका स्थानीय प्रशासन ने निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट तो तैयार कर ली थी।
एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी वह भी किसानों को शासन व प्रशासन की ओर से मुआवजा उपलब्ध नहीं कराया गया है। किसान रमेश व तनवीर ने बताया कि उन्होंनें करीब 3 लाख रुपये की कीमत की गोभी की फसल नष्ट कर दी थी। किसानों ने प्रशासन से मुआवजा दिलाने की मांग की है।
ये कैसा आमदनी
कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज मलिक ने कहा कि केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद अगर यह भी बताते कि गोभी की फसल के सही दाम न मिलने के कारण किसानों पहले 15 बीघा फसल नष्ट कर दी थी तो बेहतर होता लेकिन उनको पता है कि ऐसा करने से सरकार की किरकिरी होती इसलिए अपने ट्विट में एक पक्ष ही दिया है।
पूर्व विधायक राव अब्दुल वारिस ने भी केंद्रीय कानून मंत्री के ट्विट को हास्यपद बताया है। उनका कहना है कि अभी तो किसानों को उनकी फसल की लागत भी नहीं मिली है जबकि उसकी मेहनत रही अलग। अगर किसान की मजदूरी ही जोड़ी जाए तो वह 30-35 हजार रुपये हो जाती है।