- शासन ने डिबार के नियम में किया बदलाव, सचल दस्तों की भी होगी निगरानी
- अब तक नकल के मामले में केंद्र को किया जाता रहा है डिबार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जिले में नकलविहीन परीक्षा सपंन कराने के लिए वैसे तो पुख्ता इंतजाम किए जा रहे है, लेकिन इस वर्ष कुछ बड़े बदलाव शासन स्तर पर परीक्षा को लेकर किए गए है। 24 अप्रैल से शुरु होने जा रही यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए शासन सख्त हो गया है। इस वर्ष नकल का मामला सामने आने पर पूरा केंद्र नहीं बल्कि केंद्र व्यवस्थापक और परीक्षकों को डिबार किया जाएगा।
क्योंकि शासन का मानना है कि नकल में केंद्र का कोई मतलब नहीं होता है। वहीं केंद्रों के औचक निरीक्षक के लिए गठित किए गए सचल दलों पर इस वर्ष कड़ी निगरानी रखी जाएगी और जिला विद्यालय निरीक्षक के स्तर पर उनकी जांच के लिए एक टीम बनाई जा रही हैं, जो उनका पीछा कर देखेगी की वह किसी केंद्र के निरीक्षण में लापरवाही तो नहीं कर रहे है या फिर उनकी निगरानी में किसी केंद्र पर नकल तो नहीं कराई जा रही है।
यदि ऐसा कोई मामला जांच के दौरान निकलकर सामने आता है तो सचल दल के लोगों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। वहीं उन्होंने बताया कि यदि किसी केंद्र पर इमला बोलकर नकल कराई जा रही है तो उस पूरे केंद्र को ब्लैक लिस्ट कर केंद्र व्यवस्थाप व ड्यूटी दे रहे शिक्षकों पर कार्रवाई होगी।
आइकार्ड के बिना नहीं होगी कक्ष निरीक्षकों की एंट्री
परीक्षा केंद्रों पर इस वर्ष बिना आईकार्ड के कक्ष निरीक्षकों की एंट्री नहीं हो पाएगी। यदि जांच के दौरान किसी कक्ष निरीक्षक के पास आइकार्ड नहीं पाया जाता हैं, तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रों पर डीवीआर खंगालेंगे डीआईओएस
जिला विद्यालय निरीक्षक गिरीजेश कुमार चौधरी ने बताया कि एक टीम बनाई जाएगी, जो केंद्रों पर नकल की सूचना मिलने पर वहां जाकर कैमरों की डीवीआर चेक करेगी और उसकी पूरी जांच पड़ताल कर संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी।
पेपर आउट की सूचना फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई
अक्सर परीक्षा के दौरान केंद्र के बाहर पेपर आउट होने की सूचना फैला दी जाती हैं, जिससे परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं, लेकिन इस वर्ष ऐसा करने वालों को नही बख्शा जाएगा। पेपर लीक होने की सूचना फैलाने वालों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होगा।