- सीबीसीआईडी आगरा के जांच अधिकारी करेंगे अदालत में दाखिल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम के बहुचर्चित 23 कर्मचारियों के भर्ती घोटाले में सीबीसीआईडी 5 अगस्त तक अदालत में चार्जशीट दायर करेंगी। माना जा रहा है कि चार्जशीट दायर होने के बाद इस मामले में सीबीसीआईडी ने जिनके खिलाफ थाना देहलीगेट में मुकदमे दर्ज कराए हैं, उनकी गिरफ्तारी संभव है। हालांकि भर्ती घोटाले में फंसे निगम के कुछ कर्मियों ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे लिया हुआ है, लेकिन विधि विशेषज्ञों का कहना है कि स्टे केवल चार्जशीट दायर होने तक गिरफ्तारी से बचने को है। सीबीसीआईडी के जांच अधिकारी जिस दिन भी चार्जशीट अदालत में दायर कर देंगे, स्टे उसी दिन स्वत: ही खत्म हो जाएगा। इतना ही नहीं इसके साथ ही निगम के भर्ती घोटाले के गुनाहकारों के सलाखों के पीछे जाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा।
अब तक ये हुआ
करीब तीन दशक से ज्यादा पुराने नगर निगम के 23 कर्मचारियों के भर्ती घोटाले की फाइल कई बार खुली और बंद हुईं। पूर्व में प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव नगर विकास, मंडलायुक्त, डीएम सरीखे वरिष्ठ अधिकारी न जाने कितनी बार कार्रवाई व आरोपियों रिकवरी के आदेश कर चुके हैं। लेकिन इस मामले में बड़ी कार्रवाई आरटीआई एक्टिविस्ट बीके गुप्ता की शिकायत पर अब कहीं जाकर हुई मानी जा रही है। कार्रवाई हो गई यह कहना अभी जल्दबाजी होगी। क्योंकि थाना देहलीगेट में सीबीसीआईडी आगरा की जांच अधिकारी ने केवल एफआईआर दर्ज भर कराई है। उसके बाद चार्जशीट, अदालत में पैरवी, तारीख व सुनवाई का लंबा सिलसिला और सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो तब कहीं जाकर सजा की तारीख का मुकर्रर होना हो सका। मसलन निगम भर्ती घोटाले के आखिरी सीन में काफी देरी है। हालांकि मामले को इस स्टेज पर लाने वाले बीके गुप्ता ने जान का खतरा होने की आशंका जताते हुए प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है।
विजिलेंस की चार्जशीट का इंतजार
कर्मचारी भर्ती घोटाले के एक किरदार निगम के डिपो संभाल रहे धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जी करने के मामले की बीके गुप्ता की शिकायत पर जांच के बाद बिजिलेंस कार्यालय साकेत की इंस्पेक्टर मंजूलता कुशवाह ने थाना सिविल लाइन में धर्मेंद्र कुमार पुत्र पारसनाथ निवासी हरसिंहपुर आजमगढ़ के खिलाफ गंभीर आरोप तहरीर में लगाते हुए मसलन एक अरब से ज्यादा संपत्ति अर्जी किए जाने का उल्लेख करते हुए इस साल 27 जनवरी को एफआईआर दर्ज करायी थी। इस मामले में एफआईआर के बाद आगे की कार्रवाइ और चार्जशीट में देरी को लेकर तमाम तरह की बातें निगम स्टाफ के बीच सुनने को मिल रही हैं। बड़ा सवाल यही कि कब एफआईआर तो ठीक है, मगर कोर्ट में चार्जशीट कब।
एसटीएफ ने 25 हजार का इनामी पुष्पेंद्र दबोचा
एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने 25 हजार के शातिर इनामी पुष्पेन्द्र यादव को गिरफ्तार किया है। दरअसल, अपराधियों को लेकर लगातार सुरागकशी में लगी एसटीएफ की मेरठ यूनिट को इनामी पुष्पेन्द्र यादव के बारे में सुराग मिला था।
इसके बाद एएसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने उप निरीक्षक प्रमोद कुमार, दुर्वेश डवास, संजय कुमार, हेड कांस्टेबल विकास धामा व जयवर्धन की एक टीम बना दी। शातिर की तलाश में लगी टीम को सूचना मिली कि पुष्पेन्द्र यादव गौतमबुद्ध नगर के बीकानेर स्वीट चेरी कोटी मार्केट सेक्टर-4 में फॉर्च्यूनर कार आने वाला है। जैसे ही शातिर वहां पहुंचा एसटीएफ की टीम ने जान पर खेलकर उसको दबोच लिया ओर सीधे वहां निकल गए।
बताया गया है कि इस शातिर के जुगेन्द्र यादव जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं और राज्य माफिया की श्रेणी में चिन्हित हैं और वर्तमान में एटा जेल में हैं। इसकी मां रेखा यादव वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। पुष्पेन्द्र यादव का ताऊ रामेश्वर यादव पूर्व विधायक हैं, वो भी जेल में निरुद्ध हैं। दूसरा ताऊ रामनाथ यादव जो पूर्व ब्लॉक प्रमुख भी है व वांछित है और फरार चल रहा है। 2 जून 2021 को पुष्पेन्द्र यादव व उसके पिता जुगेन्द्र यादव, ताऊ रामनाथ यादव, तहेरे भाई, विनोद यादव, विक्रांत यादव व प्रमोद यादव ने ग्राम अकबरपुर कोट के पास एक महिला को पकड़ छेड़खानी की। विरोध पर मारपीट करते हुए कपडेÞ फाड़ दिए। उससे हजारों की नकदी लूट ली। उस घटना में यह फरार चल रहा था। इन दिनों वह जगह-जगह बदल-बदल कर छिपता फिर रहा था। एटा में इस पर सात मुकदमे दर्ज हैं।