- बुआ से तलाशा जा रहा पाकिस्तानी कनेक्शन
जनवाणी संवाददाता |
सरूरपुर: सशर्त छोडेÞ गए महकार को लेकर लगता कि जरूर कुछ मिस अंडरस्टैंडिंग हुई है। हालांकि अभी क्लीनचिट जैसी कोई बात नहीं है। महकार व उसका परिवार सर्विलांस पर है, लेकिन हालात कुछ और ही बयानी कर रहे हैं। महकार की मां आशिया ने बताया कि उसके छह बेटे हैं। जिनमें से दो की शादी हो रखी है। परिवार के लालन-पालन के लिए बेटे मेहनत-मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि उनका मकान वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बना था।
बता दें कि महकार की आशिया के सात बेटों में सबसे बड़ा इमरान मजदूरी करता है। दूसरे नंबर का बाबू ईंट ढुलाई करता है। तीसरे नंबर का महकार कस्बे की बडी मस्जिद में मोअज्जिन है। जबकि चौथे नंबर का महराज गाजियाबाद के एक मदरसे में बच्चों को पढ़ाता है। पांचवें नंबर का जुबेर भी ईंट ढुलाई करता है। छठे नंबर का नूर आलम नेत्रहीन है। जबकि सबसे छोटा व सातवें नंबर का शुऐब अभी मदरसे में पढ़ रहा है। महकार के पिता जमशैद चार भाई-बहन थे। उनके अलावा उनके दूसरे भाई इलयास का परिवार भी कस्बा खिवाई में ही रहता है। उनकी बहन की शादी जहां मुजफ्फरनगर के छतेला गांव में हुई थी
तो महकार के पिता जमशैद की दूसरी बहन व महकार की फूफो कल्लो की शादी करीब 48 वर्ष पूर्व पाकिस्तान में हुई थी। इस बारे में रविवार को महकार की मां आशिया ने बताया कि शादी के बाद से उनकी ननद व महकार की फूफो कभी कस्बा खिवाई में नहीं आई है। हालांकि खुफिया विभाग की टीम भी परिवार के लोगों से पाकिस्तान में महकार की बुआ के बारे में जानकारी जुटा रहा है। जिसके चलते इसे लेकर भी इनपुट खंगाला जा रहा है कि महकार की बुआ क्या कभी भारत आई थी या नहीं।
मोबाइल में खेला गेम, मिलने आया था संदिग्ध
रविवार को बातचीत के दौरान महकार ने बताया कि उसने करीब एक वर्ष पूर्व मोबाइल खरीदा था। मोबाइल में आॅनलाइन गेम खेलने को लेकर महकार ने बताया कि मोबाइल में उसने बस एक-दो बार लीडो गैम तो खेला है। इसके अलावा ना कभी कोई गेम खेला है और ना ही कभी किसी से कोई बातचीत इस तरह की की है, जो संदिग्ध हो। इसके अलावा महकार ने बताया कि करीब 10 दिन पूर्व मस्जिद में उससे एक व्यक्ति मिलने के लिए आया था।
जिसने खुद को दिल्ली में दंगा पीड़ित बताते हुए क्षेत्र में कपड़े का कारोबार करने व सरूरपुर क्षेत्र से दिल्ली दंगे में किसी के शामिल होने के बारे में जानकारी की थी। इस दौरान महकार ने बताया कि जब उसने आने वाले व्यक्ति से इस बाबत कुछ भी मदद कर पाने से मना कर दिया था तो वह उसने दिल्ली में खुद की कपड़े की दुकान बताते हुए उपहार के रूप में कपड़े, रूमाल, टोपी देकर चला गया था। वहीं, अब महकार ने बताया कि जब जांच टीम उसे पूछताछ के लिए दिल्ली लेकर गई तो वह संदिग्ध व्यक्ति वहीं पर बैठा हुआ मिला।
एएनआईए ने खिवाई के महकार को सशर्त छोड़ा
बीते शनिवार रात करीब तीन बजे एनआईए राष्ट्रीय जांच एजेंसी और दिल्ली पुलिस ने खिवाई में महकार पुत्र जमशैद, मुस्तफा पुत्र इसरार व फैजान पुत्र तैमूर को हिरासत में लेकर पूछताछ की। करीब चार घंटों की पूछताछ के बाद जांच टीम महकार को अपने साथ ले गई। परिजनों ने बताया कि रविवार की अलसुबह महकार को खिवाई छोड़कर चली गई। बताया जा रहा है कि महकार से जांच टीम ने दिल्ली लेकर विभिन्न बिंदुओं पर पूछताछ की। इस दौरान टीम ने आगामी जांच तक निर्धारित समय पर एनआईए के सामने पेश होने व जनपद से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगाया है।
जांच एजेंसी हर किसी गतिविधि पर नजर बनाए रखेगी। हालांकि जाच एजेंसी पूरी प्रक्रिया को गोपनीय रखा रहा है। जबकि कस्बेवासियों ने बताया कि महकार कस्बे बड़ी मस्जिद में मौज्जिन है। महकार के घर में तीनों की कमरों में गहनता से तलाशी की और जरूरी दस्तावेज बरामद करते हुए भी जांच कर रही है। सशर्त एनआईए ने फिलहाल महकार को जहां क्लीन चिट दे दिया है, लेकिन उसका परिवार और बहन गहन निगरानी में रहेंगे।