Wednesday, December 11, 2024
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दम घुटने के लिए मजबूर हो गए शहरवासी

  • लगातार प्रदूषण का बढ़ रहा प्रकोप, दमा सांस रोगियों के लिए खड़ी हुई समस्या

जनवाणी संवाददाता |

मोदीपुरम: दिसंबर के महीने में धीरे-धीरे ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है। वैसे-वैसे प्रदूषण भी लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में शहरवासी दम घुटने के लिए मजबूर हो गए है। लगातार बढ़ता प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रहा है। अगर समय रहते प्रदूषण के प्रति सजगता नहीं दिखाई गई तो आम जन मानस बढ़ते प्रदूषण के कारण बीमार हो जाएगा। उधर, ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। इस महीने में ठंड के ओर बढ़ने की लगातार मौसम विशेषज्ञ संभावना जता चुके हैं।

मेरठ का प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। मेरठ के प्रत्येक कोने की अगर प्रदूषण की दशा पर निगाह डाली जाए तो यहां प्रत्येक कोने पर प्रदूषण ही प्रदूषण फैला हुआ है। क्योंकि प्रदूषण के फैलने के कारण लोगों को अब सांस लेने में दिक्कते होने लगी है। बुधवार को अगर मेरठ के प्रत्येक कोने पर प्रदूषण विभाग के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो सबसे खतरनाक दिन प्रदूषण के लिहाज से बुधवार रहा है। क्योंकि इस समय मेरठ महानगर में प्रदूषण का स्तर 308 के पास है। 300 के पार पहुंचने पर प्रदूषण आम जनमानस में परेशानी खड़ी कर देता है।

जबकि मेरठ के गंगानगर में 320, पल्लवपुरम में 313 और जयभीमनगर में 304 प्रदूषण का स्तर रहा। जो मेरठ की जनता के लिए बेहद खराब अब तक आंका गया है। अगर सर्दी के मौसम में इसी तरह प्रदूषण लगातार बढ़ता रहेगा तो आने वाले दिनों में आमजन मानस में बेहद खराब स्थिति देखने को मिलेगी। मेरठ के अलावा बागपत में भी प्रदूषण बेहद खराब है। बागपत में 331, मुजफ्फरनगर में 310 और गाजियाबाद में 313 प्रदूषण का स्तर रहा है। जोकि अब तक का सबसे खराब प्रदूषण का स्तर रहा है।

लगातार बढ़ रही सर्दी

राजकीय मौसम वैधशाला पर बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान 23.6 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 89 एवं न्यूनतम आर्द्रता 32 प्रतिशत दर्ज की गई। हवा का रुख सुबह चार किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आंका गया। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि के मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही के अनुसार मौसम में लगातार ठंड का एहसास होगा। इस वर्ष अन्य वर्षो के मुकाबले अत्यधिक सर्दी पड़ने के संकेत बने हुए हैं।

प्रदूषण रोकथाम को कागजों तक ही सीमित रह गए विभाग

प्रदूषण की रोकथाम के लिए एनजीटी द्वारा 32 विभागों को शामिल करके ग्रेप सिस्टम लागू किया गया था, लेकिन यह सिस्टम सिर्फ और सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया है। किसी भी विभाग द्वारा प्रदूषण को रोकने के लिए कोई काम नहीं किया गया है। हालांकि प्रदूषण विभाग द्वारा प्रदूषण की रोकथाम के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है, लेकिन अन्य विभाग तो इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी का कहना है कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।

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