Thursday, March 28, 2024
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स्वच्छता की खोली पोल: खराब पड़े सफाई उपकरण

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  • जेसीबी मशीन से लेकर कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां पड़ी हैं खराब, बचे वाहन भी हुए खस्ताहाल
  • कैटल कैचर को आज तक नसीब नहीं हुआ चालक
  • भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी पोर्कलेन मशीन फांक रही धूल

जनवाणी संवाददाता |

सरधना: सरधना के विकास की जिम्मा उठाने वाली नगर पालिका खुद अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही है। स्वच्छता के नाम पर सरकारी खजाना खाली किया जा रहा है। इसके बाद भी नगर को साफ सुथरा बनाने में पालिका पिछड़ रही है। जिन मशीनों और वाहनों के दम पर पालिका नगर को स्वच्छ बनाने का दम भरती है, उनमें से अधिकांश सफाई उपकरण खराब पड़े हैं। जेसीबी मशीनें सफाई करने के नाम पर रैंग रही हैं तो आधा दर्जन से अधिक कूड़ा उठाने वाले वाहन खराब होने के कारण पालिका परिसर में धूल फांक रहे हैं।

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जो चंद वाहन चालू हैं उनकी हालत भी खस्ता है। इन सब में एक मशीन तो ऐसी है जो 24 लाख खर्च करने के बाद आज तक इस्तेमाल ही नहीं हुई है। यहीं हाल पालिका में खड़ी कैटल कैचर यानी पशुओं को पकड़ने वाली गाड़ी का है। इस गाड़ी को आज तक चालक नसीब नहीं हो सका है। कुल मिलाकर जर्जर वाहन पालिका के सफाई दावों की पोल खोल रहे हैं।

नगर को साफ सुथरा रखना पालिका प्रशासन की जिम्मेदारी है। जिसमें लिए पालिका मोटा पैसा खर्च करती है। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार से बजट अलग आ रहा है। इसके बाद भी नगर की सफाई व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। हालत यह है कि जिन मशीनों और वाहनों के दम पर पालिका नगर को स्वच्छ रखने का दम भरती है, उनमें से अधिकांश वाहन खराब पड़े हैं। जो वाहन इस्तेमाल किए जा रहे हैं, उनकी हालत भी ठीक नहीं है। कूड़ा उठाने के लिए पालिका में दो जेसीबी मशीन हैं।

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एक मशीन का आगे वाला पंजा गायब है तो दूसरी मशीन का पीछे वाला पंजा नहीं है। कूड़ा उठाने के लिए लगाए गए नौ टाटा मैजिक में तीन खराब होने के कारण लंबे समय से धूल फांक रहे हैं। इसके अलावा महज तीन ट्रैक्टर-ट्राली से नगर का कूड़ा उठाने का काम किया जा रहा है। उनकी हालत भी जर्जर है।

जो वाहन एक बार खराब हो गया, उसकी दोबारा सुध लेने वाला कोई नहीं है। उन्हें ठीक कराने के बजाय कूड़ा होने के लिए छोड़ दिया जाता है। सौ से अधिक खरीदे गए ठेलेों का तो क्या ही कहना है। इस्तेमाल के अभाव में इन ठेलों में झाड़ फूंस उग आई है। कुल मिलाकर चंद खस्ताहाल मशीन व वाहनों के दम पर पालिका नगर को साफ रखने के दावे कर रही है। सड़कों पर फैला कूड़ा और खराब पड़े सफाई उपकरण पालिका प्रशासन के इन दावों की पोल खोल रहे हैं।

पोर्कलेन मशीन आज तक नहीं हुई इस्तेमाल

गत कार्यकाल यानी पूर्व चेयरमैन असद गालिब के समय में आबादी के बीच नालों की सफाई करने के लिए पालिका द्वारा पोर्कलेन मशीन खरीदी गई थी। जिसकी कीमत 24 लाख रुपये बताई गई थी। मगर कुछ सभासदों ने इस मशीन को महज दस लाख रुपये की बताया था।

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मशीन खरीद में भ्रष्टाचार को लेकर काफी हंगामा और शिकायत बाजी हुई थी। जिसके चलते यह मशीन आज तक इस्तेमाल नहीं की गई है। जनता के 24 लाख रुपये कूड़ा हो रहे हैं।

ठेलों की सुध लेने वाला कोई नहीं

स्वच्छ भारत मिशन के तहत आठ टाटा मैजिक व करीब 125 ठेले खरीदे गए थे। ताकि घर-घर से कूड़ा उठाया जा सके। इन आठ मैजिक में तीन तो खराब हो चुके हैं। बाकी ठेलों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। देखरेख के अभाव में ठेलों में झाड़ फूंस उग आई है।

कागजों में चल रहे वाहन, डल रहा डीजल

भले ही पालिका के अधिकांश सफाई उपकरण खराब पड़Þे हों। मगर कागजों में सभी जेसीबी मशीन, मैजिक, ट्रैक्टर व अन्य वाहन दौड़ रहे हैं। इन वाहनों में खूब डीजल भी डाला जा रहा है। भले ही धरातल पर सच्चाई कुछ और ही हो।

कैटल कैचर को नसीब नहीं हो रहा चालक

करीब एक साल पहले सरकार द्वारा नगर पालिका में कैटल कैचर यानी पशुओं को पकड़ने वाला वाहन भेजा गया था। ताकि नगर में आवारा घूमने वाले पशुओं को पकड़ा जा सके। लोगों को आवारा पशुओं से निजात मिल सके। मगर आज तक यह गाड़ी पालिका से बाहर नहीं निकली है। क्योंकि इसे चलाने के लिए चालक नहीं है। जिसके चलते यह गाड़ी पालिका में खड़ी धूल फांक रही है।

नगर की सफाई के लिए पालिका में दो जेसीबी मशीन हैं। जो इस्तेमाल की जा रही है। मशीन में कुछ कमी है, उन्हें ठीक करा दिया जाएगा। इसके अलावा तीन मैजिक खराब हैं। जल्द व्यवस्था दुरुस्त करा दी जाएगी।
-सबीला अंसारी, अध्यक्ष नगर पालिका सरधना

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