- ये निर्माण रात के अंधेरे में हर रोज किया जा रहा, जेसीबी मशीन लगाकर की जा रही थी खुदाई
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पीएल शर्मा रोड को जोड़ने वाले तिलक रोड पर राहुल दास का दास भवन हैं। इसमें छह माह से बेसमेंट का बिना मानचित्र स्वीकृत कराये निर्माण चल रहा है। ये निर्माण रात के अंधेरे में हर रोज किया जा रहा था। जेसीबी मशीन लगाकर खुदाई की जा रही थी। खुदाई पूरी रात चलती थी। ट्रैक्टरों में मिट्टी भरकर शहर से बाहर भिजवायी जा रही थी। ये पूरा खेल मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों के साथ सेटिंग से चल रहा था। बिना सेटिंग तो इंजीनियर एक र्इंट भी नहीं लगाने देते हैं। फिर यहां तो 20 फीट गहरा बेसमेंट खोद दिया गया है।
यहां पर व्यवसायिक कार्य शुरू करने के लिए ये बेसमेंट का निर्माण किया गया है। निर्माण को प्राधिकरण के इंजीनियरों ने रोका तक नहीं गया। दीवार तक ऊंची-ऊंची बना दी गई, लेकिन ये सब प्राधिकरण इंजीनियरों को नहीं दिखा, बड़ी अजीब बात हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय को अनुज गोयल ने इसकी शिकायत भी की हैं, मगर इसके बावजूद इसमें कार्रवाई इंजीनियरों ने अभी तक नहीं की हैं। इससे स्पष्ट हो रहा है कि सब सेटिंग का खेल चल रहा था। प्राधिकरण उपाध्यक्ष को भी इंजीनियर गुमराह करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसमें भी यही सब देखने को मिल रहा है।
राहुल दास की जिस कोठी की हम चर्चा कर रहे हैं, इसमें करीब चार हजार वर्ग गज में निर्माण बिना मानचित्र स्वीकृति के पिछले एक साल के भीतर हो चुका है। इसका किसी तरह का मानचित्र स्वीकृत नहीं हैं, फिर भी निर्माण दर निर्माण कराये जा रहे हैं। सरकारी एक रास्ता था, जिसको तोड़कर अपनी कोठी में शामिल कर लिया गया हैं, इस बात को भी शिकायतकर्ता अनुज गोयल ने अधिकारियों से बातया हैं। फिर भी इसमें कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि कहीं न कहीं सिस्टम दबाव में काम कर रहा है। इस प्रकरण को लेकर प्राधिकरण इंजीनियरों के खिलाफ यहां के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे. से मिलेगा तथा राहुल दास के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी।
क्योंकि प्राधिकरण अफसरों से शिकायत करने के बाद भी इसमें कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई हैं, जिससे लोग खफा हैं। गौरतलब बात ये है कि गंगानगर एक्सटेंशन में बेसमेंट खुदाई की दौरान मिट्टी की ढांग के नीचे तीन मजदृरोें की दबकर मौत हो गई थी। इस घटना से भी प्राधिकरण के इंजीनियर सबक नहीं ले रही हैं, तभी तो रात के अंधेरे में बेसमेंट के निर्माण को आनन-फानन में पूरा किया जा रहा हैं। एक दीवार भी बना दी गई, जिस पर पेंट भी कर दिया गया हैं, ताकि दीवार का निर्माण पुराना दिखाई दे। इस तरह से प्राधिकरण अफसरों को गुमराह किया जा रहा है।