- राहत भरा रहा शनिवार, कोई मौत नहीं, सिर्फ 140 नए संक्रमित केस
- एक ही परिवार के कई सदस्यों के पॉजिटिव होने का सिलसिला जारी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कंकरखेड़ा क्षेत्र में कोरोना संक्रमण का बड़ा हमला हुआ है। इस इलाके के अलग-अलग मोहल्लों में 20 से ज्यादा संक्रमण के केस पाए गए हैं। वहीं, दूसरी ओर शनिवार को राहत भरी खबर ये रही कि किसी की मौत नहीं हुई। 140 नए केस जरूर मिले हैं।
जिला सर्विलांस अधिकारी डा. प्रशांत कुमार की ओर से जारी किए गए कोरोना अपडेट में संक्रमण के 140 नए केसों की जानकारी दी गयी है। इसके साथ ही मेरठ में अब संक्रमितों की संख्या 10614 जा पहुंची है। जबकि मरने वालों का आंकड़ा 253 पर जा पहुंचा है।
शनिवार को कोई मौत नहीं हुई है। डा. प्रशांत ने बताया कि 4461 सैंपल जांच के लिए मेडिकल की माइक्रोबॉयलोजी लैब भेजे गए थे। जिनमें से मात्र 140 नए केसों की रिपोर्ट दी गयी है। हालांकि अभी 1666 सैंपल की रिपोट आना बाकि है। 1779 एक्टिव केस भी बाकी हैं, जबकि 898 संक्रमित होम आइसोलेशन में रखे गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग अब तक कुल 295304 सैंपल टेस्ट के लिए भेज चुका है। इसके अलावा अब तक कुल 8582 संक्रमित मरीज उपचार के बाद डिस्चार्ज भी किए जा चुके हैं। जारी किए गए अपडेट में संक्रमण के सबसे ज्यादा केस कंकरखेड़ा क्षेत्र में मिले हैं। यहां बादाम मंडी, फेज वन श्रद्धापुरी, गोविंदपुरी, राम नगर, डिफेंस एन्क्लेव, न्यू गोविंदपुरी, कासमपुर में मिलाकर कुल 21 संक्रमित मिले हैं।
इसके इतर कोरोना संक्रमण का एक ही परिवार के कई कई सदस्यों को डंक मारने का सिलसिला भी जारी है। कोरोना का संक्रमण अब परिवार के भीतर चेन बना रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसको गंभीर मान रहे हैं। ऐसे मामलों में राजेन्द्रपुरम निकट कोजी कालोनी एक ही परिवार के दो सदस्य, मवाना रोड अम्हेड़ा, ईशापुरम, गांव सैनी ब्लॉक रजपुरा, लालकुर्ती के बेगमबाग अशोका कालोनी, प्रेमपुरी रेलवे रोड, खिवाई गांव, सिविल लाइन विजय नगर सरीखे ऐसे इलाके हैं। जहां एक ही परिवार के दो से ज्यादा सदस्य संक्रमित पाए गए हैं।
खिवाई में तो एक ही परिवार में चार केस संक्रमण के पाए गए हैं। पल्लवपुरम फेज एक में एक ही परिवार में दो केस, गांव दंतावली में भी एक ही परिवार में दो केस। टीपीनगर के रमेश विहार साबुन गोदाम में चार परिवार संक्रमण की चपेट में आए हैं। इनके अलावा शहर के जिन इलाकों में पहले से संक्रमित मिल रहे हैं। वहां भी केसों का आना थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपनी पूरी क्षमता के साथ लगे हैं, लेकिन संक्रमितों की चेन खत्म होती नजर नहीं आ रही।
स्वास्थ्य विभाग ने 150 लोगों की कराई कोरोना जांच
क्षेत्र में कोरोना का प्रकोप कम नहीं हो रहा है। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुल 150 लोगों की जांच कराई गई। हालांकि अच्छी बात ये रही कि सभी लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई। जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने भी राहत की सांस ली। सरधना क्षेत्र में अब तक करीब दो सौ कोरोना केस सामने आ चुके हैं। इसके अलावा सात लोगों की कोरोना की चपेट में आकर जान जा चुकी है। रोजना हो रही जांच में नए केस सामने आ रहे हैं।
शनिवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुल 150 लोगों की जांच कराई गई। अच्छी बात ये रही कि सभी लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई। जांच रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने भी राहत की सांस ली। इस संंबंध में सीएचसी प्रभारी डा. राजेश कुमार का कहना है कि 150 लोगों की जांच कराई गई थी। सभी लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है।
गंगानगर थाने में कोरोना का लगातार हमला, दारोगा और कांस्टेबल संक्रमित
गंगानगर थाने में लगातार पुलिसकर्मियों के कोरोना संक्रमित निकलने से हड़कंप मचा हुआ है। शनिवार को थाने के एक दारोगा व पुलिसकर्मी में संक्रमण की पुष्टि हुई। गंगानगर थाने में तीन दिन पूर्व दो पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें होम क्वारंटाइन कर दिया। वहीं, शनिवार सुबह कसेरू बक्सर स्थित प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र पर थाने के अन्य पुलिसकर्मियों ने अपनी जांच करवाई। इस दौरान थाने के एक दारोगा व पुलिसकर्मी में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। डॉक्टरों ने उन्हें दवाई देते हुए होम क्वारंटाइन रहने की सलाह दी। वहीं, थाने में लगातार पुलिसकर्मियों के संक्रमित निकलने से हड़कंप मचा हुआ है।
कोरोना के देसी इलाज के दावे पर आईएमए ने तरेरी आंखें
जानलेवा साबित हो रहे कोरोना संक्रमण के देसी इलाज को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार के दावे पर सवाल खडे करते हुए इसके सबूत मांगे हैं। देश में चिकित्सकों की इस बड़ी संस्था ने स्वास्थ्य मंत्रालय का देसी दवाओं से कोरोना के इलाज के दावे को एक सिरे से खारिज कर दिया है। आईएमए के स्टेट सेक्रेटरी डा. शिशिर जैन ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की ओर से आयुष के माध्यम से कोरोना के उपचार का दावा किया जाना उचित नहीं।
डा. शिशिर का दो टूक कहना है कि अभी तक दुनिया के किसी भी देश में अधिकृत तौर पर कोरोना की कोई दवा इजाद नहीं की जा सकी है। ऐसी कोई वैक्सीन नहीं जिसको विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना संक्रमण के इलाज के तौर पर मान्यता दे दी हो। स्वास्थ्य मंत्री के दावे के बाद आईएमए की ओर से एक पत्र भी आयुष मंत्रालय को भेजा गया है।
दरअसल योगा, आयुर्वेदिक दवाएं और मेडिटेशन सरीखी चीजें इम्युनिटी तो बढ़ा सकती हैं, लेकिन इनसे कोरोना संक्रमण का इलाज किया जा सकता है, ये बात स्वीकार नहीं की जा सकती। आईएमए ने इसको लेकर सरकार से साक्ष्य मांगे हैं। उनका पूरा परीक्षण करने के बाद ही इस प्रकार के दावों को मान्यता दिए जाने पर विचार किया जाना संभव है।