- रातोंरात तैयार की गई वेबसाइट, पोर्टल पर है पूरी फुलप्रूफ प्लानिंग
- विदेशी फंडिंग की व्यवस्था, अब जांच करेगी प्रर्वतन निदेशालय
जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: हाथरस कांड को भुनाने के लिए जिस वेबसाइट का सहारा लेकर प्रदेश भर में जातीय दंगा फैलाने की कोशिश की गई, उसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय भी कर रहा है।
प्लेटफार्म कार्ड डाट कॉम पर बनाई गई इस वेबसाइट के जरिए पीड़िता के परिजनों के नाम पर काफी धन एकत्र करने का अंदेशा है। ऐसे में जो पैसे आए वह कहां-कहां गए, इसका पता प्रवर्तन निदेशालय भी लगा रहा है।
प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह ने बताया कि इस मामले में हाथरस में सोमवार को धारा153 ए के तहत जो मुकदमा कायम किया गया है जो प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के अंतर्गत अधिसूचित अपराध है। इसके तहत अपराध करने के उद्देश्य से जितना पैसा एकत्र किया गया है उसे जब्त किया जा सकता है। आरोपी को गिरफ्तार किया जा सकता है, उस पर केस चल सकता है और सात साल की सजा हो सकी है।
उन्होंने बताया कि इस एफआईआर का परीक्षण किया जा रहा है। वेबसाइट की जांच भी की जा रही है कि इसका डोमेन किसने खरीदा, किस मेल आईडी, फोन नंबर का इस्तेमाल किया गया?
कितना पैसा इस वेबसाइट के माध्यम से आया और कहां-कहां गया? इसकी पूरी पड़ताल की जाएगी। इस डोमेन के लिए विदेशी सर्वर का इस्तेमाल किया गया है।
उक्त सर्वर व सर्विस प्रोवाइडर से भी पूरी जानकारी ली जाएगी। उक्त डोमेन के आईपी ट्रैफिक का भी पता लगाया जाएगा ताकि पता चल सके कि इस वेबसाइट को कहां-कहां से ऑपरेट किया गया है।
जांच के बाद ईडी भी दर्ज करेगा मुकदमा
इस वेबसाइट के माध्यम से जो धन आया उसे अपराध के लिए इस्तेमाल किया गया है। ऐसे में प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में जांच के बाद पीएमएलए के तहत एफआईआर दर्ज करेगा और फिर ऐसे लोगों की गिरफ्तारियां की जाएंगी जो इसमें शामिल रहे हैं। राजेश्वर सिंह ने बताया कि ऐसे मामलों में एकत्र की गई धनराशि को जब्त करने के साथ-साथ सात साल तक की सजा का प्रावधान है।