एण्डटीवी की घरेलू कॉमेडी ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में दबंग दुल्हनिया राजेश की भूमिका के लिये मशहूर गीतांजलि मिश्रा और उनके आॅन-स्क्रीन पति दरोगा हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। यह आॅन-स्क्रीन जोड़ी हाल ही में महाशिवरात्रि के दौरान इंदौर और उज्जैन पहुंची थी, जहां उन्होंने श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन किए। संयोग से यह उनके शो के पांच साल पूरे होने की कामयाबी का मौका भी था। इंदौर में उन्होंने ललचाने वाली चीजों का लुत्फ उठाने के लिए मशहूर छप्पन दुकान का दौरा किया। वहां खाने-पीने की कई चीजों का जायका लेने के बाद उन्होंने वायरल फायर पान का मजा लिया। योगेश ने पहली बार यह पान खाया था, लेकिन गीतांजलि ने उन्हें पाचन में इसके फायदे बताये। छप्पन दुकान में योगेश कई तरह की चीजें खा चुके थे और कुछ ज्यादा ही खा लेने से परेशान थे। दबंग दुल्हनिया राजेश की भूमिका निभा रहीं गीतांजलि मिश्रा ने कहा, इंदौर शहर खान-पाने के लिये जाना जाता है। और वहां तरह-तरह के पकवानों का मजा लेने से खुद को रोकना बड़ा मुश्किल होता है। पान में विभिन्न सामग्रियों को कुशलता से मिलाया गया था, जैसे कि तपता हुआ नींबू, सुपारी, मीठा गुलकंद, सौंफ, नारियल और मसाले। जब लपटें हटीं और चबाने की अनुभूति में स्वाद का विस्फोट हुआ, और उसके साथ मसालों की सुखद सनसनी महसूस हुई, तब हम मंत्रमुग्ध हो गए। पान के हर शौकीन को इसे जरूर आजमाना चाहिए। दरोगा हप्पू सिंह, ऊर्फ योगेश त्रिपाठी ने कहा, मेरे किरदार की सबसे यादगार खूबियों में तेल से सने बालों का उसके माथे पर लट बनाना और पान के धब्बों से भरी, बेहूदा हंसी है, जो उसकी खास मूछों पर छा जाती है। अब तक बनारसी पान की मेरे दिल में एक खास जगह रही है, लेकिन इंदौर के फायर पान ने भी मुझे उतना ही अच्छा अनुभव दिया। वह एक यादगार और मजेदार अनुभव था। उस पान के अलावा मैंने कई स्थानीय व्यंजन चखे और अपने परिवार के लिये इंदौर से कुछ नमकीन भी पैक करवाये।
‘भीड़’ का होगा प्रीमियर
एंड एक्सप्लोर एचडीचैनल एक बेमिसाल अनुभव का वादा करता है जो दर्शकों के लिए सिनेमा को अनबॉक्स करेगा। यह चैनल अब शनिवार, 16 मार्च को अभूतपूर्व फिल्म ‘भीड़’ का प्रीमियर करने जा रहा है। यह हर फिल्म प्रेमी की मनोरंजन की जरूरतों को पूरा करेगा जो कि अनरूटीन, अनपेक्षित और अनफॉर्मूर्ला है। चैनल के पास फिल्मों का एक विशाल भंडार है जो कहानी कहने की अभूतपूर्व खोज करता है। ‘भीड़’ कहानी कहने, सिनेमाई हदों से पार निकलने और कहानी की सीमाओं को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह फिल्म कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि पर आधारित एक अनसुनी कहानी पर रौशनी डालती है। इसकी कहानी एक समर्पित पुलिस अधिकारी के रूप में सामने आती है, जिसे संकट के बीच प्रवासी मजदूरों को सीमा पार करने से रोकने का चुनौतीपूर्ण कार्य सौंपा जाता है।