Tuesday, April 16, 2024
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अब परिषदीय स्कूलों में सजेगी संस्कारों की पाठशाला

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  • प्रार्थना सभा स्थल पर ही छात्रों को दी जाएगी नैतिक मूल्यों की जानकारी

मुख्य संवाददाता |

बागपत: परिषदीय स्कूलों में बच्चों के आगमन के साथ ही तमाम नए नियम भी लागू होते नजर आएंगे। प्रार्थना सभा नहीं कराने वाले स्कूलों की अब खैर नहीं। प्रार्थना सभा जहां अनिवार्य कर दी गई है वहीं कई नियम भी लागू कर दिए गए हैं।

एक तो योगा कराना अनिवार्य रहेगा वहीं दूसरा प्रार्थना सभा स्थल पर ही छात्रों के बीच संस्कारों की पाठशाला भी सजाई जाएगी। नैतिक मूल्यों के विकास के लिए समाज में व्याप्त कुरीतियों के प्रति जागरूक कर उन्हें दूर करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

इसके अलावा देशभक्ति और सदाचार जैसे विषयों पर भी व्याख्यान दिलाना अनिवार्य रहेगा। कोरोना के चलते स्कूल-कालेजों में अभी शिक्षण कार्य प्रभावित है और छात्रों का आगमन नहीं हो रहा है।

परिषदीय स्कूलों में भी शिक्षक ही आ रहे हैं। बच्चों की अभी छुट्टी ही चल रही है, लेकिन जब वह स्कूल में आएंगे उन्हें नए नियम लागू नजर आएंगे। स्कूल की व्यवस्थाओं में बदलाव नजर आएगा।

पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर पढ़ाई का ढर्रा नजर आएगा। शिक्षक भी गंभीरता से पढ़ाते नजर आएंगे। इसका मुख्य कारण यह है कि सरकार ने अब इस ओर सख्ती कर दी है।

शिक्षा महानिदेशक वीके आनंद ने बेसिक शिक्षा व्यवस्था के ढर्रे को सुधारने के लिए तमाम नियम लागू कर दिए हैं, जो छात्र हित के लिए सर्वोपरि भी साबित हो सकते हैं।

परिषदीय स्कूलों में प्रार्थना सभा कराने के निर्देश तो बहुत आए, लेकिन सभी स्कूल इसका पालन नहीं करते हैं, क्योंकि जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई नहीं की गई। परंतु अब ऐसा नहीं होगा।

अब प्रार्थना सभा भी अनिवार्य होगी और छात्रों को योग भी सिखाना अनिवार्य रहेगा। इसके अलावा संस्कारों, देशभक्ति से छात्रों को ओतप्रोत किया जाएगा। समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने का आह्वान भी किया जाएगा। प्रतिदिन प्रात:कालीन प्रार्थना सभा कराई जाएगी। दैनिक सभा के दौरान सभा स्थल पर ही छात्रों को नैतिक मूल्यों के विकास के लिए समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे दहेज प्रथा, मद्यपान, धूम्रपान, जाति प्रथा, लिंग भेद, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता आदि दूर करने के लिए बच्चों को शिक्षकों द्वारा विस्तृत जानकारी दी जाए।
-रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव शिक्षा

इसके अलावा देशभक्ति एवं अच्छे संस्कार, शिष्टाचार, सभ्य आचरण की प्रवृत्ति विकसित करने के लिए अमर शहीदों, वीर पुरुषों, देशभक्तों एवं सदाचार जैसे विषयों पर प्रतिदिन बच्चों से व्याख्यान दिलाया जाए। बच्चों को समय से विद्यालय में उपस्थित होने तथा योग के माध्यम से बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए अभिप्रेत करेंगे। इसके अलावा बच्चों को संवैधानिक मूल्यों से अवगत कराया जाए, स्वच्छता के लिए प्रेरित किया जाए तथा विभिन्न भाषाओं, धर्मों के मूल तत्व, संस्कृति एवं सर्व धर्म समभाव से अवगत कराया जाए।

सभी हेडमास्टरों और शिक्षकों को अवगत कराया गया है। बच्चों को समाचार पत्र, पत्रिकाएं पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा एवं सम सामयिकी सामान्य ज्ञान भी दिया जाएगा। बच्चों की करियर काउंसिलिंग भी की जाएगी। बच्चों को आधुनिक टेक्नोलॉजी एवं कम्यूनिकेशन के विविध आयाम जैसे इंटरनेट, ईमेल, कंप्यूटर आदि के माध्यम से अवगत कराते हुए उनके अंदर वैज्ञानिक मनोवृत्ति का विकास किया जाएगा। शिक्षा व्यवस्था में काफी बदलाव किए जा रहे हैं। ताकि बच्चों की पढ़ाई का तरीका सरल हो सके।

-बीएसए राजीव रंजन मिश्र, बेसिक शिक्षा अधिकारी

प्रत्येक माह कराई जाएंगी विभिन्न गतिविधियां

जिस प्रकार पब्लिक स्कूलों के बच्चों कार्यों में व्यस्त रहते हैं उसी तरह से परिषदीय स्कूलों के बच्चे भी देखे जा सकेंगे। बच्चों की साहित्यिक व सांस्कृतिक सृजन क्षमताओं के विकास के लिए विद्यालय में प्रत्येक माह विविध गतिविधियां कराई जाएंगी। बीएसए ने बताया कि वाद-विवाद प्रतियोगिता, कविता पाठ, भाषण, निबंध, लेखन, कहानी लेखन, अंत्याक्षरी, समूृह गान, देशगान, मूक अभिनय, सम-सामयिक विषयों पर चर्चा आदि का आयोजन कराया जाएगा। इसके अलावा बच्चों से पोस्टर, चार्ट मॉडल, रंगोली, ग्रीटिंग कार्ड, मिट्टी के खिलौने, वॉल हैगिंग, कागज के लिफाफे, अनुपयोगी वस्तुओं से सजावटी सामान आदि का निर्माण कराया जाएगा।

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