Saturday, April 20, 2024
- Advertisement -
HomeUttarakhand NewsDehradunउत्तराखंड सरकार का तुगलकी फरमान और पयर्टन उद्योग तबाह

उत्तराखंड सरकार का तुगलकी फरमान और पयर्टन उद्योग तबाह

- Advertisement -

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: एक देश में कोरोना की एक गाइड लाइन होने के बाद भी उत्तराखंड सरकार ने कोरोना को लेकर तुगलकी आदेश देकर न केवल पूरे देश में अपनी फजीहत करवाई बल्कि पर्यटन और उससे जुड़े उद्योगों को पूरी तरह से मिट्टी में मिला दिया।

हालात ये है कि कोरोना के कारण पहले से बर्बाद हो चुके उद्योग के बाद लोगों को उम्मीद थी कि नया साल उनकी जिंदगी में नई रोशनी लाएगा, लेकिन हालात इस वक्त इस कदर जुदा हैं कि हर कोई तुगलकी आदेशों को लेकर परेशान है। वहीं देश के एक अन्य राज्य गोवा ने कोरोना का बुरा वक्त गुजारने के बाद बाद के खास मौकों पर पर्यटकों के लिये पलक पांवड़े तक बिछा दिये और इस राज्य में टूरिस्टों की रिकार्ड एंट्री हुई।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पूरे देश के लिये कोरोना की गाइड लाइन तैयार की थी। इसके अलावा राज्यों ने अपने हिसाब से लॉकडाउन की व्यवस्था की थी। बाद में इसे केन्द्र सरकार ने अपने हाथों में इसे ले लिया था। इस कारण पूरे देश में कोरोना को लेकर राज्य सरकारों ने सरल नीति का सहारा लेते हुए बर्बाद हो चुके उद्योगों को पनपने का पूरा मौका दिया और राज्यों को इसमें सफलता भी मिली।

इसके ठीक विपरीत उत्तराखंड के सरकारी और राजनीतिक तंत्र ने इस ओर निराशाजनक काम ही किया। अगर किसी को गढ़वाल में प्रवेश करना है तो रुड़की में भगवानपुर और देहरादून में क्लेमनटाउन में बाहर से आने वालों की जबरदस्त चेकिंग के अलावा कोरोना के संबंध में कागजात आदि मांगे जाते हैं। इसके अलावा तमाम बाधाएं खड़ी कर दी जाती है।

जिससे परेशान होकर लोग गढ़वाल के टूरिस्ट स्पाटों से तौबा करने लगता है। यही कारण है कि कोरोना के प्रकोप के बाद जब लॉकडाउन पूरे देश में खत्म कर दिया गया तब लोगों को उम्मीद थी कि दीपावली, क्रिसमस, नये वर्ष और मकर संक्रांति पर लोग छुट्टियां लेकर हिल स्टेशनों पर जाने का कार्यक्रम बनाएंगे, लेकिन तुगलकी आदेशों ने पर्यटन और उससे जुड़े होटल, रेस्टोरेंट, घरेलू बाजारों आदि को पनपने का मौका नहीं दिया।

नववर्ष पर देहरादून, मसूरी, हरिद्वार और ऋषिकेश आदि स्थानों पर लोगों की आवाजाही काफी कम हुई क्योंकि प्रशासनिक अधिकारियों ने होटलों और रेस्टोरेंटों की तलाशी लेनी शुरू कर दी थी कि कहीं कोई पर्यटक तो नहीं रुका हुआ है। नये साल पर गुलजार रहने वाले होटलों में सूनापन भी सरकारी तंत्र के फेल होने के कारण रहा।

इस बार रिकॉर्ड बर्फबारी के कारण पर्यटकों का रुझान बढ़ रहा है, लेकिन हर कोई कड़े नियम कानूनों के कारण गढ़वाल में जाने से बच रहा है। वहीं गोवा में भी कोरोना की गाइड लाइन के अनुसार काम हुआ और वहां की सरकार ने दीपावली, क्रिसमस और नववर्ष में जमकर राजस्व कमाया और लोगो ने कोरोना के प्रकोप से मुक्त होकर जिंदगी को नई दिशा दी। जबकि उत्तराखंड सरकार अपने पुराने ढर्रे पर ही चलती रही और उसके इस रवैये ने व्यापार और उद्योग जगत की कमर तोड़ कर रख दी।

10 हजार पुरोहितों पर संकट

  • चारधाम यात्रा न होने से पुरोहितों के हाल बेहाल
  • तुगलकी आदेशों से कुंभ मेले पर भी पड़ सकता है प्रभाव

कोरोना और सरकारी तुगलकी आदेशों के कारण उत्तराखंड का पर्यटन उद्योग तो बर्बाद हुआ ही साथ में पर्यटन के अलावा धार्मिक स्थलों पर भी बुरा असर डाला है। हालात इस कदर खराब हो गए हैं कि 10 हजार से अधिक पुरोहितों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं और उनको भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है।
कोरोना के कारण चार धाम पर रोक लगाई गई तो केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के अलावा हरिद्वार और ऋषिकेश के करीब 10 हजार से अधिक पंडित और पुरोहित परेशान हाल में है। उनका कहना है कि पहले कोरोना ने और अब सरकारी आदेशों ने लोगों को मंदिरों में आने से रोक दिया है।

पुरोहितों का कहना है कि सरकार ने जिस तरह से चारधाम यात्रा पर रोक लगाई उससे उन पुरोहितों के सामने आर्थिक संकट आ गया जो पूरे साल की आय इन धार्मिक यात्राओं से कमा लेते थे। देवेन्द्र विष्ट का कहना है कि जो पैसे गत वर्ष कमाए थे वो सितंबर में ही खत्म हो गए थे। सरकार ने इस ओर जरा भी मदद नहीं की। जब भी उनकी तरफ हाथ फैलाए गए तो कह दिया गया कि चार धाम यात्रा कमेटी से बात करो।

दरअसल, कोरोना को लेकर उत्तराखंड सरकार ने गाइड लाइनों को इतनी सख्ती से लागू करवाया कि लोगों ने उत्तराखंड में आने से पहले 10 बार सोचना शुरु कर दिया। पुरोहितों का कहना है कि अगर यही रवैया रहा तो कुंभ मेले में लोगों का आना काफी कम रहेगा और हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून और मसूरी के पर्यटन, होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय पर बुरा असर पड़ेगा।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments