जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: आज गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश राज्य को उसके पास उपलब्ध 137 क्यूसेक अधिशेष पानी जारी करने की अनुमति दी है। साथ ही हरियाणा को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेयजल संकट को कम करने के लिए हथिनीकुंड से वजीराबाद तक अधिशेष पानी को निर्बाध रूप से प्रवाहित करने की सुविधा प्रदान करे।
बताया जा रहा है कि, सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को हरियाणा को पूर्व सूचना देकर 7 जून को अधिशेष पानी छोड़ने को कहा है। इसमें ऊपरी यमुना नदी बोर्ड से हथनीकुंड में हिमाचल प्रदेश द्वारा छोड़े गए पानी को मापने के लिए कहा गया है। आगे सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि दिल्ली सरकार को पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए। वहीं, सोमवार 10 जून तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है
क्या बोले दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज?
हिमाचल प्रदेश को दिल्ली के लिए 137 क्यूसेक अधिशेष पानी छोड़ने की अनुमति देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज कहते हैं 1993 में दिल्ली के लिए पानी की जो मात्रा तय की गई थी, 30 साल बाद भी हमें उतनी ही मात्रा में पानी मिल रहा है। दिल्ली की जनसंख्या कई गुना बढ़ गई है।
#WATCH | On SC verdict to allow Himachal Pradesh to release 137 cusecs of surplus water to Delhi, Delhi Minister Saurabh Bharadwaj says “The amount of water for Delhi that was decided in 1993, even after 30 years we are getting the same amount of water even though the population… https://t.co/gBbMK98mBU pic.twitter.com/thMX22fYH2
— ANI (@ANI) June 6, 2024
हम राज्य से पानी खरीदना चाहते हैं
आगे उन्होंने कहा कि, मैं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुक्खू से दो बार मिला और हमने कहा कि हम राज्य से पानी खरीदना चाहते हैं और मुख्यमंत्री इस पर सहमत थे। हम केवल हरियाणा की भाजपा सरकार से कह रहे थे कि कम से कम हमें हिमाचल प्रदेश का पानी लेने दीजिए दिल्ली को देना चाहते हैं।
हरियाणा की बीजेपी सरकार ने कहा कि हम आपको पानी के लिए रास्ता भी नहीं देंगे। क्या केंद्र सरकार को पहल नहीं करनी चाहिए थी कि हरियाणा पानी के लिए रास्ता दे। क्या सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा, यह पहले किया जाना चाहिए था मैं सुप्रीम कोर्ट और हिमाचल प्रदेश सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं।