- रामराज में प्रेमी युगल की मौत से मचा हड़कंप, जंगल में लटके मिले शव
जनवाणी संवाददाता |
बहसूमा: प्रेमी युगल के रास्ते में जब घर परिवार और समाज और जमाने की दीवारें आ गयीं तो उन्होंने अलग-अलग रहकर जिंदा रहने से एक साथ मिलकर मरने का जानलेवा फैसला कर डाला। उन्होंने किया भी वैसा ही। उनके इस फैसले ने दो हंसते खेलते परिवारों पर गमों का पहाड़ टूट गया है। परिवार वालों को समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें। पुलिस ने प्रेमी युगल के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिए हैं।
वहीं, दूसरी ओर पूरे रामराज में प्रेमी युगल के इस दर्दनाक अंत से हड़कंप मचा है। लोगों को यकीन नहीं आ रहा है कि ऐसा जानलेवा कदम भी उठाया जा सकता है। इस मामले में परिजनों ने थाने पर कोई तहरीर नहीं दी है। मृतकों की पहचान मनीष चौहान और राखी चौहान के रूप में हुई है।
लक्सर का युवक, रामराज की युवती
मौत को गले लगाने वाले प्रेमी युगल में युवक मनीष उत्तराखंड के लक्सर और युवती बहसूमा के रामराज की रहने वाली है। पुलिस ने बताया कि युवक की बहन रामराज में रहती है। मनीष का उसके यहां काफी आना जाना था। माना जा रहा है कि वहीं पर मनीष की राखी चौहान से मुलाकात हुई जो पहले दोस्ती और फिर प्यार में बदल गयी। प्यार परवान चढ़ा तो दोनों ने साथ-साथ जिंदगी बिताने का फैसला किया, लेकिन जमाने के रस्मों रिवाज की दीवारें आडेÞ आ गयीं।
दोनों साथ-साथ रहना चाहते थे, लेकिन परिजनोें को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। उनकी तमाम कोशिशें नाकाम साबित हुईं। उसके बाद वहीं हुआ जो आमतौर पर ऐसे मामलों में होता है, जमाना साथ जीने नहीं देगा तो कम से कम साथ मर तो सकते हैं और उन्होंने वैसा ही किया। रविवार को दोनों रामराज के जंगलों में पहुंचे। वहां पेड़ पर रस्सी का फंदा डाला और फिर बाइक पर खडेÞ हुए। मनीष ने राखी की मांग भरी
और फिर बाइक को पैर से धकेल कर फांसी के फंदे पर झूल गए। ग्रामीणों को जब तक जानकारी मिली, तब तक दोनों मौत को गले लगा चुके थे। उनकी मौत की खबर से परिवार में कोहराम मच गया। रोते बिलखते परिजन मौके पर पहुंचे। पेड़ पर लटके हुए शव नीचे उतारे गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम को भिजवा दिए। देर शाम शवों का पोस्टमार्टम कराया गया।
- आत्महत्या का मामला
रामराज में प्रेमी युगल ने पेड़ पर लटक कर जान दे दी है। आनरकिलिंग सरीखा कोई मामला नहीं है। पुलिस शवों का पोस्टमार्टम कर रही है। -कमलेश बहादुर सिंह, एसपी देहात