- पीवीवीएनएल चीफ और एमडी पावर कारपोरेशन से जेई की शिकायत
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर में पीवीवीएनएल के एक जेई ने डिमांड पूरी न किए जाने से नाराज होकर कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले का चार गुना ज्यादा एस्टिमेट बना दिया। इसकी शिकायत सोमवार को चीफ इंजीनियर से की गयी है। तोफनपुर घोसीपुर जलालपुर हापुड़ रोड मेरठ निवासी फैजुद्दीन पुत्र ममदू ने घरेलू कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। इस पर लाइन मेन ने जो रिपोर्ट दी उसमें जहां कनेक्शन लगना है वहां यानि की फैजुद्दीन के घर की दूरी महज दस मीटर है। इतनी दूरी के लिए कनेक्शन शुल्क सारे खर्च मिलाकर मात्र दो हजार रुपए बनता है।
कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले फैजुद्दीन ने बताया कि उसे कई दिन तक बिजली घर के चक्कर कटाते रहे। बाद में वह जेई से मिला। बकौल फैजुद्दीन जेई को उसने सारा माजरा बताया, लेकिन जेई ने जो बताया उससे उसके पांवों तले की जमीन खिसक गई। बकौल फैजुद्दीन जेई ने उसको बोला कि ऐसे कनेक् शन नहीं मिलता है। पांच हजार रुपए खर्च करने होंगे तब कनेक्शन मिलेगा। पांच हजार की बात सुनकर गरीब का दिल बैठ गया। वह राहत के लिए इधर उधर भटकता रहा, फिर किसी ने उसको उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रदेश अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल का नाम व फोन नंबर दे दिया।
फैजुद्दीन ने लोकेश अग्रवाल से संपर्क किया। उन्हें सारा माजरा बताया। जो पेपर तैयार कराए थे वो भी दिखाए। लोकश अग्रवाल ने बताया कि जो पेपर हैं उसके हिसाब से दो हजार से ज्यादा का खर्च नहीं होना चाहिए। फिर पांच हजार किस बात के मांगे जा रहे हैं। इस मामले को लेकर उन्होंने पीवीवीएनएल अधिकारियों से बात की और पूरे मामले से अवगत कराते हुए पांच हजार की मांग करने वाले जेई की जांच कराए जाने की भी मांग की। वहीं, दूसरी ओर रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए इस मामले की शिकायत उन्होंने उच्च पदस्थ अधिकारियों को भी भेज दिए जाने की जानकारी दी है।
चीफ इंजीनियर को कराया गया अवगत
लोकेश अग्रवाल ने बताया कि इस संबंध में पीवीवीएनएल चीफ इंजीनियर लोकेश अग्रवाल से भी उन्होंने मुलाकात की है। पूरे मामले से अवगत कराते हुए कनेक्शन लगवाने के साथ ही जांच कराए जाने की भी मांग की है। उन्होंने बताया कि चीफ ने उन्हें एससी के पास भेज दिया।
कर लो पुलिस थाना और कोर्ट कचहरी
चीफ के कहने पर एससी संजीव कुमार से मिलने पहुंचे उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल का आरोप है कि एससी का व्यवहार आपत्तिजनक प्रतीत हुआ। मामले की जानकारी देने पर उन्होंने पुलिस थाना कोर्ट कचहरी कर लो जैसी टिप्पणी कर दी। हालांकि बाद में उन्होंने संयमित व्यवहार किया। लेकिन दुख रही यह मुलाकात।
ये कहना है एससी का
इस संबंध में पीवीवीएनएल के अधिशासी अभियंता ग्रामीण प्रथम संजीव वर्मा का कहना है कि उन्होंने मामले में एसडीओ अनीस से रिपोर्ट मांगी तो बताया गया है कि उपभोक्ता ने पूरे पेपर नहीं दिए थे, जिसकी वजह से प्रीपेड मीटर की कास्ट मांगी गयी थी। यदि वह पेपर पूरे कर देता तो उसका प्रीपेड मीटर पोस्टपेड में कर दिया जाता। अवर अभियंता द्वारा पैसे मांगने जैसी कोई बात नहीं है।