- विजीलेंस टीम ने भी कई बार किया था रंगेहाथ पकड़ने का प्रयास
- पिछले कई सालों से मवाना तहसील में था तैनात
- फरियादियों से मोटी रकम वसूल फाइलों का करता था निस्तारण
जनवाणी संवाददाता |
मवाना: तहसील में पिछले कई सालों से मठाधीश बने बैठे रजिस्ट्रार कानूनगो की एसडीएम सदर द्वारा चल रही एक शिकायत में दोषी पाये जाने पर डीएम के. बालाजी ने देर शाम निलंबित कर दिया। हालांकि इससे पहले भी रजिस्ट्रार कानूनगो विवादों के घेरे में रहे, लेकिन मठाधीश बने बैठे रजिस्ट्रार कानूनगो की स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासनिक अधिकारी बिगड़ नहीं पाये थे।
रजिस्ट्रार कानूनगो का फरियादियों से मोटी रकम वसूल कर जमीन संबंधित फाइलों का निस्तारण करना एक शगल बन गया था। विजीलेंस की टीम ने कई बार फरियादियों की शिकायत पत्र पर रंगेहाथ पकड़ने का प्रयास भी किया, लेकिन सूचना लीक होने के बाद रजिस्ट्रार कानूनगो कुर्सी छोड़कर इधर-उधर हो जाता था। डीएम ने जांच में दोषी पाये जाने वाले रजिस्ट्रार कानूनगो को सस्पेंड कर एक ईमानदारी का परिचय दिया है।
तहसील में करीब लगातार छह सालों से मठाधीश बने बैठे रजिस्ट्रार कानूनगो विजेन्द्र सिंह की किसी एक मामले में गोपनीय जांच कर एसडीएम सदर द्वारा की जा रही जांच पूरी होने के बाद पूर्णतया दोषी पाए जाने पर डीएम के. बालाजी ने मवाना तहसील में मठाधीश बने बैठे रजिस्ट्रार कानूनगो विजेन्द्र सिंह को निलंबित कर दिया।
बता दें कि रजिस्ट्रार कानूनगो विजेन्द्र सिंह तहसील में आने वाले जमीन संबंधित फाइलों का निस्तारण बिना रिश्वत लिए नहीं करता था। जिसकी कई बार शिकायत फरियादियों ने विजीलेंस विभाग के अधिकारियों से भी कर चुके थे, लेकिन टीम के पहुंचने से पहले मठाधीश बने बैठे रजिस्ट्रार कानूनगो विजेन्द्र सिंह तहसील से चंपत हो जाते थे।
रजिस्ट्रार कानूनगो के इस काले कारनामों की शिकायत तहसील अधिवक्ताओं के साथ-साथ फरियादियों ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी से लेकर जिला प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार कर चुके थे, लेकिन कोई बिगड़ नहीं पाया था।
इतना ही नहीं वर्तमान में रजिस्ट्रार कानूनगो विजेन्द्र सिंह ने कमाई का जरिया बढ़ाने के लिए प्राइवेट युवकों को भी अपने कार्यालय से जोड़ रखा है। लेखपालों से काम करवाने के बजाय इन प्राइवेट कर्मचारियों से ही तहसील में रिश्वतखोरी का धंधा धड़ल्ले से चलवा जा रहा है।