Saturday, July 27, 2024
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डाक्टरों ने खोया आपा, तीमारदारों से मारपीट

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  • प्राचार्य ने आरोपी तीन डाक्टरों को किया निलंबित

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: एलएलआरएम मेडिकल के डाक्टरों के तीमारदारों से मारपीट की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। सोमवार को फिर एक बार फिर जूनियर डाक्टरों की वजह से चिकित्सकीय पेशा ओर मेडिकल प्रशासन को शर्मसार होना पड़ा।
हुआ यंू कि मेडिकल इमरजेंसी में एक परिवार छोटे बच्चे को लेकर पहुंचे थे। बीमारी की वजह से बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब हो रही थी, वह लगातार रो रहा था।

इमरजेंसी में ले जाकर बच्चे को स्ट्रेचर पर लिटा दिया गया, लेकिन आरोप है कि बच्चे को देखने में देरी की गयी। इसको लेकर परिवारजनों की वहां मौजूद जूनियर डाक्टरों से कुछ कहासुनी हो गयी। बस इतनी सी बात पर वहां मौजूद डाक्टरों ने आपा खो दिया। उन्होंने मिलकर बच्चे के परिजनों को बुरी तरह से पिटना शुरू कर दिया। इसको लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो में बच्चे के परिजनों को पीट रहे जूनियर डाक्टरों को देखकर हर एक ने उसकी निंदा की।

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वीडियो में मारपीट कर रहे डाक्टरों को देखकर हर कोई यही कह रहा था कि ये कम से कम डाक्टर तो नहीं हो सकते है। पीट रहे जूनियर डाक्टरों से खुद को बचाने के लिए एक शख्स से जान बचाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन पिट रहे जूनियर डाक्टर उस पर रहम खाने को तैयार नहीं थे। यह देखकर वहां स्ट्रेचर पर पड़ा बीमार बच्चा बुरी तरह डर गया। अपने परिजनों को बुरी तरह पिटता देखकर वह पीट रहे डाक्टरों से उन्हें छोड़ने की गुहार लगा रहा था, लेकिन जूनियरों के सिर पर मानों खून सवार था।

यह वीडियो कुछ ही देर में वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया। प्रधानाचार्य मेडिकल कालेज डा. आरसी गुप्ता ने वीडियो का संज्ञान लेते हुए तीन जुनियर रेजिडेंट चिकित्सकों को किया अग्रिम आदेशों तक निलंबित। डा. ज्ञानेश्वर टोंक की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की। समिति तीन कार्य दिवस में जांच आख्या प्रधानाचार्य को प्रेषित करेगी। दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

युवक ने ट्रेन से कटकर दी जान

कंकरखेड़ा: सोमवार सुबह एक टेंपो चालक ने ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या कर ली। नटेशपुरम निवासी सनी ने बताया कि उसके बड़े भाई लगभग 40 वर्षीय हनी कुमार पुत्र नरेश कुमार टेंपो चलाने का काम करते थे। शनि के अनुसार उसके भाई की शादी लगभग नौ साल पूर्व मोदीनगर निवासी युवती से हुई थी। लगभग चार साल से युवती मायके में रह रही थी। परिजनों के अनुसार उन्होंने लगभग 10 साल पूर्व एक युवक से मकान खरीदा था।

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मकान का मुख्य गेट रेलवे ट्रैक की तरफ खुलता है। उसके पड़ोस में अन्य दो मकान है। जिनका रास्ता गली के अंदर खुलता है। पीड़ित का आरोप है कि मकान बेचने के दौरान युवक ने रेलवे ट्रैक की तरफ का रास्ता मुख्य बताया था। लगभग 20 दिन पूर्व रेलवे के अधिकारी मकान पर पहुंचे थे। जहां उन्होंने पीड़ित परिवार को दीवार करने की बात कही थी। जिसको लेकर पीड़ित परिवार लगभग 20 दिन से अधिकारियों के चक्कर काट रहा है। मगर अधिकारियों ने पीड़ित परिवार के मामले को गंभीरता से नहीं लिया था।

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रेलवे ने उनके मकान के सामने लगभग आधी दीवार खड़ी कर दी। जिससे उनका घर के अंदर से निकलना मुश्किल हो गया है। जिसको लेकर पीड़ित का बड़ा भाई लगातार परेशान चल रहा था। परिजनों के अनुसार युवक हनी घर से चला गया था। इसके बाद युवक ने दिल्ली की तरफ से आ रही ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या कर ली थी। रेलवे ट्रैक के पास से गुजर रहे एक युवक ने परिजनों को जानकारी दी।

युवक की मौत की सूचना पर परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों की सूचना पर डायल 112, कंकरखेड़ा पुलिस व सदर थाना पुलिस सहित जीआरपी मौके पर पहुंची। जहां मामला सदर थाना क्षेत्र का निकला। पुलिस ने युवक के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी पहुंचा दिया। पीड़ित परिजनों कहना है कि वह आज थाने पर तहरीर देंगे।

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