फीचर डेस्क |
सर्दियां वैसे तो ज्यादातर लोगों को पसंद होती हैं लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि यह मौसम बच्चों में कई हेल्थ प्रॉब्लम्स भी लेकर आती है। सर्दियों के मौसम के साथ ही कोविड -19, मलेरिया, डेंगू जैसी बामारियों के चपेट में आने की संभावना बनी रहती है।
संक्रमण की वृद्धि रोकना पैरेंट्स के हाथ में नहीं लेकिन आप अपने बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के प्रयास कर सकते हैं। जिससे वे बीमारियों की चपेट में जल्दी न आने पायें और यदि संक्रमण के शिकार हो भी जायें तो उन्हें इससे उबरने में आसानी हो। सर्दियों के मौसम के दौरान बच्चों की इम्यूनिटी को सुधारने के लिए ये उपाय करें।
गर्म पानी पिएं
बच्चों में अक्सर ये प्रवृति होती है कि वे फ्रिज से सीधे बर्फ का पानी या ठंडा पानी निकाल कर पी लेते हैं।
सर्दियों में ठंडा पानी पीने से कई तरह के सांस संबंधी संक्रमण या सूजन की स्थिति हो सकती है। उन्हें या तो गर्म पानी या उबला हुआ और ठंडा पानी दे। पानी को जीरा या किसी अन्य जड़ी-बूटी के साथ भी उबाल कर दे सकते हैं।
तले-भुने भोजन से परहेज करें
सर्दियों के मौसम में ज्यादातर लोग मसालेदार और तली हुई चीजें खाना पसंद करते हैं। बच्चों को फ्रेंच फ्राइज या नगेट्स आदि जैसे डीप फ्राई खाना भी बहुत पसंद होता है. लेकिन ऐसे स्नैक्स से बचने की कोशिश करें और इसके बजाय उन्हें ओवन में भुना या बेक किया हुआ ऑप्शन उपलब्ध करायें।
अनावश्यक एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग से बचें
बच्चों को होने वाले सामान्य सर्दी और हल्के फ्लू जैसे लक्षणों का स्वाभाविक रूप से इलाज किया जाना चाहिए और बहुत अधिक एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग से बचना चाहिए जब तक कि इसकी अत्यधिक आवश्यकता न हो। बहुत अधिक एंटीबायोटिक का सेवन इम्यूनिटी को बाधित कर सकता है।
बच्चों को बाहर खेलने दें
बाहर खेलने से न केवल बच्चों के मूड और मेंटल एक्टिवटी में सुधार होता है, बल्कि धूप और नैचुरल एनवायरमेंट के संपर्क में आने का अवसर भी मिलता है। यह इम्यूनिटी को एक्टिव कर सकता है और उन्हें संक्रमण से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार करने में मदद करता है।
तिल या सरसों के तेल से शरीर की मालिश
सर्दियों में बच्चों को सप्ताह में कम से कम एक या दो बार तिल या सरसों के तेल से मालिश और फिर नमक के पानी से गर्म स्नान करवाना चाहिए। यह सर्कुलेशन में सुधार करके और इम्यूनिटी को बढ़ावा देता है जिससे बच्चे मजबूत बनते हैं।
तिल के तेल में विटामिन ई भी होता है, जो एक एंटी-ऑक्सीडेंट है। जो त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है। इसमें फेनोलिक कंपाउंड भी होते हैं। जिनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं।