जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और लॉ स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनौली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले वजाहत खान को अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने आदेश दिया कि 14 जुलाई तक उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। यह राहत जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर की बेंच ने दी, जो खान की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
खान ने सुप्रीम कोर्ट से अलग-अलग राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द या एक साथ जोड़ने की अपील की थी। अदालत ने असम, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली समेत 6 राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। तब तक इन राज्यों में दर्ज सभी एफआईआर पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा ‘घाव आग से नहीं, शब्दों से होते हैं’
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने वजाहत खान की टिप्पणियों पर गहरी चिंता जताई। जस्टिस केवी विश्वनाथन ने साफ कहा “नफरत भरे भाषण हमें कहीं नहीं ले जाते। हिंसा सिर्फ शारीरिक नहीं, मौखिक भी हो सकती है।” साथ ही उन्होंने एक प्रसिद्ध कहावत का उल्लेख करते हुए कहा “आग से लगे घाव ठीक हो सकते हैं, लेकिन जीभ से लगे घाव नहीं।”
सुनवाई में एक वरिष्ठ वकील ने भी टिप्पणी की कि “खान वही काट रहे हैं जो उन्होंने बोया है”—जिसे कोर्ट ने अपने आदेश में दर्ज किया।
बता दें कि, शर्मिष्ठा पनौली ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक एक वीडियो के जरिए सांप्रदायिक कट्टरता पर टिप्पणी की थी। जिसके बाद वजाहत खान ने उनके खिलाफ सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने की शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन बाद में खान के ही पुराने सांप्रदायिक ट्वीट सामने आने पर उन्हें कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
यह आदेश केवल वजाहत खान को अंतरिम राहत तक सीमित
वहीं, बताया जा रहा है कि, सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश केवल वजाहत खान को अंतरिम राहत तक सीमित है, लेकिन अदालत ने स्पष्ट किया है कि स्वतंत्र अभिव्यक्ति के नाम पर नफरत फैलाना संविधान के तहत संरक्षित नहीं किया जा सकता। अब अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी, जब सभी छह राज्यों को अपना जवाब दाखिल करना है।