- एकता नगर में हाइटेंशन लाइन का खंभा टूटकर गिरा, हो सकता था बड़ा हादसा
- पूरे दिन इलाके की बत्ती रही गुल, आसपास के क्षेत्र के लोग पानी तक को गए तरस
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: गल चुके पुराने खंभों पर उलझे हुए तारों का गुच्छा और हाइटेंशन तारों के बोझ से खंभों की झुकती हुई कमर हादसों को दावत दे रही है। ऐसा ही एक हादसा आज मंगलवार को पल्लवपुरम थाना के एकता नगर इलाके में हुआ, जहां पुराना गल चुका बिजली का खंभा 11 हजार की हाइटेंशन लाइन का बोझ नहीं सह सका
और जड़ से टूट कर सड़क पर झूल गया। जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त बिजली आपूर्ति चालू थी। तारों में दौड़ रहे बिजली के करंट के साथ अचानक खंभा टूट कर जब सड़क पर झुक गया। जैसे ही खंभा टूटा तारों में से चिंगारियां निकलने लगीं।
हो जाता बड़ा हादसा
एकता नगर के जिस इलाके में यह खंभा टूटा वहां पर शहीद भगत सिंह इंटर कालेज है और समीप ही एक छोटा बाजार भी है। इस रोड पर हमेशा ही लोगों की आवाजाही रहती है। इस रास्ते से रैपिड प्रोजेक्ट के लिए काम कर रहे वाहन गुजरते हैं। गनीमत यह रही कि जिस वक्त यह खंभा टूटकर गिरा, उस वक्त उसकी चपेट में कोई आया नहीं।
लेकिन इसके टूटने से पूरे इलाके में हड़कंप जरूर मच गया। लाइट गुल हो गयी। लाइट गुल होने का नुकसान यह हुआ कि इस इलाके में जो लोग सबमर्सिबल पंप से मिलने वाले पानी पर आश्रित हैं वो पानी के लिऐ तरस गए। आनन-फानन में बिजलीघर काल कर सप्लाई बंद करायी गयी।
पुराने शहर में हालात गंभीर
पुराने शहर के खैरनगर, लाला का बाजार, शहर सराफा बाजार, बाजार बजाजा, कोटला, नील की गली, कबाड़ी बाजार आदि इलाकों में जो बिजली के खंभे लगे हैं उनमें से ज्यादातर बहुत पुराने हो गए हैं। जबकि उन पर होकर जा रहे बिजली के तारों का भार लगातार बढ़ता जा रहा है। यहां एक-एक खंभे पर जो कनेक्शन दिए गए हैं वो उसकी क्षमता से बहुत ज्यादा हैं। क्षमता से ज्यादा कनेक्शन देने के चलते ही यहां खंभों पर तारों का झुरमुट बन गया है।
कई जगह तो हालात इतने गंभीर है कि शहर के पुराने इलाकों के जिन घरों से सटकर खंभे लगे हैं, वहां अक्सर तारों से जब चिंगारी निकलती हैं तो परिवार के सदस्य घर से बाहर की ओर दौड़ते हैं। सबसे बुरा हाल खैरनगर और शहर सर्राफा इलाके का है। यहां तंग छोटी-छोटी गलियों में लगे बिजली के खंभे पुराने हो चुके हैं। उनसे कभी भी हादसा हो सकता है। इसको लेकर लोगों में हमेशा ही डर बना रहता है। लेकिन इसके बावजूद कोई इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
अनेकों बार शिकायत
मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री विजय आनंद अग्रवाल ने बताया कि शहर के पुराने बाजारों में जिनमें शहर सराफा बाजार भी शामिल है, वहां खंभों पर बिजली के तारों का जंजाल कभी भी किसी बडेÞ हादसे का कारण बन सकता है। अनेकों बार इसकी शिकायत भी की जा चुकी है, लेकिन लगता है कि प्रशासन को किसी बडेÞ हादसे का इंतजार है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कभी कोई अप्रिय घटना हो गयी तो गलियां इतनी ज्यादा तंग है कि वहां फायर ब्रिगेड भी नहीं पहुंच सकेगी।
एक लाख से अधिक लोग बूंद-बूंद पानी को तरसे
मोदीपुरम: रुड़की रोड पर विद्युत पोल टूटकर गिरने से मंगलवार को दिन भर विद्युत व्यवस्था ठप रही। सुबह 11 बजे से लेकर रात के आठ बजे तक विद्युत आपूर्ति ठप होने के कारण रुड़की रोड स्थित एक दर्जन से अधिक कालोनियों में अंधेरा छाया रहा और यहां के लोग बूंद-बूंद पानी को तरसने के लिए मजबूर हो गए। कालोनीवासी दिनभर विद्युत आपूर्ति क ी जानकारी लेने के लिए विद्युत अधिकारियों से फोन मिलाते रहे, लेकिन अधिकारियों ने एक भी फोन रिसीव नहीं किया। जिसके चलते लोगों को परेशानी से जूझना पड़ा।
सोफीपुर बिजलीघर से रुड़की रोड स्थित कालोनियों की आपूर्ति होती है। एकता नगर में विद्युत आपूर्ति के खंभे गिरने के कारण यहां की आपूर्ति ठप हो गई। दिन भर आपूर्ति को सुचारु करने का काम चलता रहा, लेकिन आपूर्ति सुचारु नहीं हो सकी। रुड़की रोड पर स्थित गोल्डन एवेंयू कालोनी, सन सिटी कालोनी, बलवंत एंक्लेव कालोनी, मेजर हरीश चंद अपार्टमेंट, कोणार्क कालोनी, एकता नगर, शांतिनगर समेत एक दर्जन से अधिक कालोनियों में दिन भर विद्युत आपूर्ति की सप्लाई न होने के कारण लोग बूंद-बूंद पानी को तरसने के लिए मजबूर हो गए।
रात में भी जब आपूर्ति सुचारु नहीं हो सकी तो कालोनी के अंदर अंधेरा छा गया। जिसके चलते लोगों को परेशानी से जूझना पड़ा। लोग बिजलीघर पर आपूर्ति सुचारु न होने की वजह जानने के लिए फोन मिलाते रहे, लेकिन किसी भी कर्मचारी न फोन रिसीव नहीं किया। हालांकि बाद में कुछ लोग बिजली घर पर हंगामा करने के लिए पहुंचे, लेकिन वहां पर भी कोई कर्मचारी नहीं मिला। सोफीपुर बिजलीघर पर पिछले कई महीनों से विद्युत आपूर्ति बाधित हो रही है। जिसके चलते घंटों तक लोगों को परेशानी से जूझना पड़ा, लेकिन उसका आज तक कोई हल नहीं निकल सका। जिसके कारण लोग अधिकारियों को शिकायत दर्ज कराते हुए ही दिखते हैं।
अधिकारियों की मनमर्जी या फिर आदेश
रुड़की रोड पर लगभग एक लाख से अधिक की आबादी निवास करती है। यहां रह रहे लोगों को आए दिन परेशानी से जूझना पड़ता है। उसका मुख्य कारण आपूर्ति बाधित रहती है। घंटों आपूर्ति की कटौती की जा रही है, लेकिन किसी भी अधिकारी पर कटौती करने का कोई आदेश या जवाब नहीं है। इस सम्बंध में सोफीपुर बिजलीघर के अधिकारियों से बात करनी चाही तो उनका मोबाइल ही बंद मिलता है।