- 11 से राहत के आसार, दिन के तापमान में होेगी बढ़ोतरी सर्द रहेगी रात
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: वेस्ट यूपी में सितम ढा रही सर्दी अभी राहत देने के मूंड में नहीं दिख रही है। सुबह के समय छाया घना कोहरा शहरवासियों के लिए मुसीबत बन गया है। हाइवे पर पिछले दो दिन से वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई है। धीरे-धीरे वाहन हाइवे पर निकल रहे हैं। सुबह के समय कोहरा और दिन में चल रही सर्द हवाओं के बीच धूप भी बेअसर साबित हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो 11 जनवरी से दिन के तापमान में बढ़ोतरी के साथ थोड़ी राहत मिल सकती है।
नववर्ष से शुरू हुआ कडाके की ठंड का दौर अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। सुबह और शाम ठंड का असर ज्यादा दिख रहा है। दिन का तामपान भी सामान्य से आठ डिग्री कम होने के चलते मौसम में सर्दी का असर ज्यादा है और हल्की धूप निकलने से भी राहत नही मिल रही है। पिछले अगर नौ दिन की बात करे तो लगातार तापमान गिरने से पहाड़ों पर पड़ रही जैसी सर्दी मेरठ में भी दिखाई दे रही है। सोमवार को सुबह के समय छाया घना कोहरा धीरे-धीरे छटता चला गया, लेकिन सर्दी का असर शाम तक भी कम नही हुआ है।
मौसम कार्यालय पर दिन का अधिकतम तापमान 15.0 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 97 एवं न्यूनतम आर्द्रता 70 प्रतिशत दर्ज की गई। हवा सुबह शांत रही, लेकिन शाम को दो किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चली। मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि अभी सर्दी से राहत नही मिलेगी। 11 जनवरी के बाद थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
सांस लेना हुआ दूभर, 300 के पार पहुंचा मेरठ का प्रदूषण
बढ़ते प्रदूषण ने शहरवासियों को सांस लेने में भी दिक्कत कर दी है। पिछले चार दिन में एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स लाल श्रेणी में चल रहा है। जो बेहद खतरनाक है। अभी फिलहाल इससे राहत नहीं मिलती दिख रही है। बढ़ता एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे अधिक स्वास्थ्य के लिए खराब होता है। जब तक तेज धूप औैर बारिश नहीं होगी तब तक यहां का प्रदूषण सामान्य नहीं होगा।
300 से ऊपर होना सबसे ज्यादा खतरनाक श्रेणी में आता है। जो पिछले चार दिन से चल रहा है। हालांकि मेरठ देश में सबसे अधिक प्रदूषित वाले शहरों में तीसरे स्थान पर शामिल हुआ है। प्रदूषण से बचाव के लिए बेहद आवश्यकता है कि इसके लिए सावधानी बरतनी होगी और सबको जागरूकता का परिचय भी देना होगा। यह नागरिकों का भी कर्तव्य है।
इन शहरों में प्रदूषण की स्थिति
मेरठ 345
गाजियाबाद 387
मुजफफरनगर 329
शहर के इन स्थानों पर प्रदूषण की स्थिति
जयभीमनगर 387
गंगानगर 369
पल्लवपुरम 279
पाले से सब्जियों और फूलों को होगा नुकसान
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि के कृषि वैज्ञानिक डा. आरएस सेंगर का कहना है कि इस समय कड़ाके की ठंड पड़ने के कारण जहां मानव जीवन अस्त-व्यस्त है। वहीं, सर्दी फसलों पर पाले के रूप में कहर बरपा सकती है। सर्दी के कारण जो दलहनी तलहनी तथा सब्जियों पर फूलों एवं अनाज वाली फसलों पर पाले का काफी प्रभाव पड़ेगा।
अत्यधिक सर्दी होने के कारण पौधों की कोशिकाओं में जो पानी होता है। वह जम जाता है। जमने के कारण कोशिकाओं का आकार बढ़ता है और सेल फट जाती है। कोशिका फट जाने के कारण धीरे-धीरे पौधों की मृत्यु हो जाती है। इसी क्रिया को फसलों पर पाला पड़ने की क्रिया कहा जाता है।
ऐसे करें बचाव
इसके बचाव के लिए जरूरी है कि अपने खेत के आसपास तापमान को नियंत्रित किया जाएगा। इसके लिए खेत में हल्की सिंचाई कर ले। जिससे पानी पौधों के अंदर कोशिकाओं में पहुंचेगा और कोशिकाओं को जमने से रोके रखेगा। इससे फसल पाले से प्रभावित नहीं होगी।
किन-किन फसलों पर खतरा
इस समय अरहर, चना, सरसो, गन्ना, पत्ता गोभी, फूल गोभी, पालक, फूल वाली फसले अन्य सब्जियां एवं छोटे-छोटे पौधे नर्सरी में लगे हुए है। वह प्रभावित होंगे। सबसे ज्यादा तुलसी के पौधे प्रभावित होंगे। यह गलन अभी दो दिन ओर रहेगी। इसलिए किसानों को बेहद सावधानी बरतने की आवश्यकता है।