Wednesday, July 3, 2024
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आई फ्लू के प्रकोप से हर कोई परेशान

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  • स्कूलों की ओर से अभिभावकों को मैसेज भेज की जा रही अपील बच्चा बीमार है तो न भेजे स्कूल

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: वर्तमान में जगह-जगह हो रही बारिश ने बाढ़ की स्थिति बना रखी है। तेज बारिश की वजह से न सिर्फलोगों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, बल्कि आंखों से जुडी बीमारियां भी तेजी से बढ़ने लगी है। जिसमें आई फ्लू के केस लगातार बढ़ रहे है। सीबीएसई व आईसीएसई स्कूलों में इस समय जागरुकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें स्कूल बच्चों को आई फ्लू को लेकर जानकारी दे रहे है और कई स्कूलों की ओर से बच्चों के बीमार होने पर स्कूल न भेजने की अपील भी अभिभावकों से की जा रही है।

बता दें कि आई फ्लू को पिंक आई या कंजंक्टिवाइटिस भी कहा जाता है, जो कि बारिश के मौसम में होने वाली एक आंखों की समस्या है। आई फ्लू आंखों के सफेद हिस्से में संक्रमण हो जाता है। आई फ्लू के ज्यादातर मामले सर्दी-खांसी वाले वायरस की वजह से बढ़ते है। बरसात में फंगल इंफेक्शन समेत हवा में प्रदूषण, वातावरण में नमी जैसी समस्या बढ़ जाती है। जिसकी वजह से आंखों से जुडी परेशानियां होने लगती है।

दरअसल, बारिश के गंदे पानी मे नहाने या फिर लंबे समय तक पसीने में काम करने से आंखों में इंफेक्शन की समस्या हो जाती है। इसके अलावा आई फ्लू से पीड़ित लोंगो के साथ हाथ मिलाने और गंदे हाथों से आंखो को छुने एव पीड़ित व्यक्ति के कपडेÞ प्रयोग करने से आई फ्लू होने की आशंका बढ़ जाती है।

जिला अस्पताल में आंखों के विशेषज्ञ डा. विकास ने बताया बरसात के मौसम में आंखों में कई तरह की समस्याएं होने लगती है। इनमें आंखों से पानी आना, आंखे लाल रहना, जलन होना, पलकों में सूजन आना, आंखों में खुजली लगना व धूंधला दिखाई देनें जैसी समस्याएं होती है। इन्हीं को आई फ्लू कहा जाता है। सबसे अहम बात यह कि आई फ्लू होने पर बिना विशेषज्ञ डाक्टर की सलाह के कोई दवा बाहर से लेकर आंखों में नहीं डालनी चाहिए।

इन सावधानियों का ध्यान रखने पर आई फ्लू से बचा जा सकता है। उधर, आंखों की बीमारियों के विशेषज्ञ व मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डा. आरसी गुप्ता का कहना है गर्मी व बरसात के मौसम में आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। मेडिकल में ही इस समय 50 से 60 मरीज आई फ्लू के पहुंच रहें है।

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यह एक तरह की वायरल बीमारी है। खुजली होने पर आंखों को तेजी से नहीं खुजाना चाहिए इससे घाव होने की संभावना बन जाती है। हालांकि यह कोई ज्यादा खतरनाक बीमारी नहीं है फिर भी इसको लेकर सावधान रहना जरूरी है। आई फ्लू का यदि सही इलाज किया जाए तो यह पांच से सात दिनों में ठीक हो जाता है।

आई फ्लू फैलने के लक्षण

  • लाल सूजनयुक्त आंखे, आंखो में सफेद रंग का कीचड़ दिखाई देना।
  • आंखों से पानी बहना, आंखों मे दर्द, आंखों में जलन या खुजली होना, आंखों के आसपास की त्वचा में सफेद या लाल दाग होना।

आई फ्लू से बचने के उपाय

  • हाथों को नियमित अंतराल पर साबुन से जरूर धोए।
  • आंखो को छुने से पहले व बाद हाथ धोन से संक्रमण का खतरा कम रहता है। संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखे हाथ बिल्कुल न आंखों पर लगाए। जलन होने और लाल होने पर स्वच्छ पानी से धोएं।
  • गंदे हाथ आंखो के पास न ले जाऐ, आंखों को खुजाएं नहीं आंखों पर चश्मा जरुर लगाए।
  • आपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कास्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें।
  • अपने रुमाल तकिये के कवर, तौलिये आदि चीजों को रोज धोएं।
  • टीवी या मोबाइल देखने से बचें।

आई फ्लू होने पर क्या करें ?

  • आंखों को गुनगुने पानी से साफ करें।
  • आंखों का साफ करने के लिए किसी साफ और सूती कपड़े का प्रयोग करें।
  • आई फ्लू के लक्षण दिखते ही तुरंत चिकित्सा अधिकारी से संपर्क करें।
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