- न्याय की आस में बीत गए 20 दिन, नहीं हुई अभी तक कोई कार्रवाई !
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भावनपुर थाना क्षेत्र के राली चौहान गांव के जिन छह लोगों की दर्दनाक मौत हाइटेंशन लाइन के कारण हुई थी। उस मामले में जिलाधिकारी दीपक मीणा की रिपोर्ट पर बीस दिन गुजर जाने के बाद भी कोई एक्शन नहीं हुआ है। रिपोर्ट में पावर कारपोरेशन की लापरवाही उजागर हुई थी।
शिवरात्रि के दिन हरिद्वार से गंगा जल लेकर आ रहे भावनपुर थाना क्षेत्र के राली चौहान गांव के छह लोगों की हाइटेंशन लाइन से डीजे के टकराने के कारण करंट लगने से मौत हो गई थी। इसमें आठ लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे। कमिश्नर ने ग्रामीणों के बवाल करने और विद्युत विभाग के एक जूनियर इंजीनियर पर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी। इस पर कमिश्नर ने डीएम दीपक मीणा को जांच करने के आदेश दिये थे।
डीएम के द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने विद्युत विभाग की लापरवाही उजागर करते हुए रिपोर्ट में कहा है कि गांव में हाइटेंशन लाइन मानक से नीचे लटक रही है जिस कारण हादसा हुआ है। डीएम ने जांच रिपोर्ट कमिश्नर को भेज दी है। इस रिपोर्ट के मिल जाने के बाद भी अभी तक कमिश्नर स्तर पर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है।
गौरतलब है कि कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे के आदेश पर डीएम ने घटना की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी प्रशासन की अध्यक्षता में एक जांच गठित की थी। इसमें अपर जिलाधिकारी प्रशासन, पुलिस अधीक्षक यातायात, एके सिंह, अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत ग्रामीण, मेरठ, अधिशासी अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग, निर्माण खंड, मेरठ शामिल थे। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है।
रिपोर्ट में शिवरात्रि पर छह कांवड़ियों की मौत के मामले में पावर कारपोरेशन की लापरवाही बताई गई। मानकों के हिसाब से हाइटेंशन की लाइन करीब एक फीट नीचे मिली है। जांच रिपोर्ट में सड़क के किनारे रखी र्इंटों का भी जिक्र किया गया है। बताया गया है कि र्इंटों के ढेर से बचने के चक्कर डाक कांवड़ का फ्रेम हाइटेंशन लाइन से टकरा गया था। इसके चलते यह हादसा हुआ।