Saturday, June 29, 2024
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फर्जी दस्तावेज होते थे तैयार, पासपोर्ट तक बनाने का चलता है खेल

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  • बागपत नगर में जनसेवा केंद्रों पर हुई छापेमारी के बाद पूछताछ और जांच पड़ताल में कई तथ्य आए सामने
  • फर्जी जन्म प्रमाण पत्र से आधार कार्ड और आधार कार्ड से पासपोर्ट बनवाने का युवकों पर है शक
  • युवकों से जब्त मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर को जांच के लिए भेजा जाएगा लैब

जनवाणी संवाददाता |

बागपत: जनसेवा केंद्रों पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र एडिट करके उससे बड़ा खेल खेला जा रहा था। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र से लेकर पासपोर्ट तक बनवाने के शक में एटीएस ने भी बागपत में घंटों तक डेरा जमाए रखा और युवकों से पूछताछ की। जनसेवा केंद्र संचालकों से पूछताछ में कई तथ्य सामने आए हैं। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र तैयार करके आधार कार्ड तैयार किया जाता था और पासपोर्ट तक मनाए जाते थे। एक युवक के उस पासपोर्ट से अफगानिस्तान तक घूमकर आने की सूत्र जानकारी दे रहे है। युवकों से बरामद मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि को जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। यही नहीं जांच में बड़ा मामला सामने आने की भी संभावना जताई जा रही है।

गौरतलब है कि बागपत नगर में क्राइम ब्रांच ने कोर्ट रोड, सोनीपत स्टैंड पर जनसेवा केंद्रों पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान पांच युवकों को भी हिरासत में लिया था और उनके पास से मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप आदि बरामद कर जब्त किए थे। क्राइम ब्रांच शुक्रवार से ही पांचों से पूछताछ में जुटी है। शनिवार को यहां एटीएस भी पहुंची और युवकों से पूछताछ की। घंटों तक की पूछताछ मेंं अहम सुराग हाथ भी लगे हैं।

एसपी ने भी युवकों से पूछताछ की है। सूत्रों की मानें तो जांच में सामने आया है कि युवक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र तैयार करते थे। वह पुराने जन्म प्रमाण पत्र पर फोटोशॉप से एडिट करके यह खेल खेलते थे। उससे आधार कार्ड तैयार कराते थे और उस आधार कार्ड से पासपोर्ट तक तैयार कराए गए हैं। ऐसे कई मामले पूछताछ में सामने आए हैं। अब जांच पड़ताल भी की जा रही है। जिसमें से कुछ संदेह के दायरे में है।

यही नहीं एक युवक के मोबाइल में पाकिस्तान व कनाड़ा के मोबाइल नंबर तक मिलना भी बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो उन नंबरों पर बातचीत भी मिली है। पुलिस ने अभी इसे स्वीकार नहीं किया है, परंतु जांच में इस तरह के कई तथ्य सामने आने की बात भी कही जा रही है।

पुलिस ने उनसे जब्त सामानों को लैब में भेजने की तैयारी कर ली है। साथ ही युवकों से लगातार पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने भी शनिवार को इस मामले से पर्दा नहीं उठाया है। पूछताछ लगातार जारी है। इतना जरूर बताया जा रहा है कि फर्जी दस्तावेजों से पासपोर्ट बनाने के तथ्य सामने आए हैं। बाकी तस्वीर पुलिस के खुलासे के बाद साफ हो सकेगी कि आखिर क्या खेल खेला जा रहा था?

महिला के अलग-अलग आधार, पति के नाम भी अलग
एक महिला के नाम से आधार कार्ड भी मिले हैं। महिला के छह आधार कार्ड मिले हैं, जिसमें महिला के पति के नाम भी अलग-अलग है। जिससे और अधिक मामला संगीन लग रहा है। बिलौचपुरा की एक महिला का पासपोर्ट भी बनाया गया है। इस तरह के न जाने कितने मामले जांच में सामने आएंगे। अभी पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है।

जितना पुलिस पूछती है, उतना ही देते हैं जवाब
तीन जनसेवा केंद्रों पर छापेमारी करके क्राइम ब्रांच ने पांच आरोपियों को भी पकड़ा था। शुक्रवार को उन्हें पकड़कर कोतवाली में ले जाया गया था। जिसके बाद से उनसे लगातार पूछताछ की गई। परंतु पुलिस पूछताछ में वह ज्यादा बोलने को तैयार नहीं थे। आरोपियों से रातभर भी पूछताछ की गई। सूत्रों ने बताया कि आरोपियों से जितना पुलिस पूछती थी उससे कम ही वह बोलते थे, उससे अधिक वह बोलने को तैयार नहीं थे। जितना पुलिस पूछती थी उससे ज्यादा मुहं खोलने को वह तैयार नहीं थे। बाद में एटीएस व एसपी ने भी उनसे गंभीरता से पूछताछ की और कई राजफाश हुए।

बताया मोबाइल एक, मिले चार
सूत्रों ने बताया कि एक आरोपी ने पूछताछ में कहा था कि उसके पास एक ही मोबाइल है, लेकिन जांच पड़ताल में उसके पास चार मोबाइल मिले। जिनमें पाकिस्तान और कनाड़ा के मोबाइल नंबर मिले हैं और नंबरों पर बातचीत भी होती मिली। जिसके बाद पुलिस का संदेह ओर अधिक गहरा गया है। आरोपी एक मोबाइल की बात कर रहा था, जबकि उसके पास चार-चार मोबाइल मिलना संदिग्ध है। जिसको लेकर गहनता से पूछताछ की जा रही है।

मोबाइल की क्यों नहीं देना चाह रहा था जानकारी
एक युवक ने पुलिस पूछताछ में महज एक ही मोबाइल फोन की जानकारी दी थी। परंतु उसके पास से चार मोबाइल फोन बरामद होना संदेह के दायरे में पहुंचाने के लिए काफी है। उन मोबाइल नंबरों में पाकिस्तान, कनाड़ा तक के नंबर होना और उनसे बातचीत मिली है, जोकि पुलिस की जांच को तेज कर रहा है। सवाल यह है कि युवक ने आखिर पुलिस को मोबाइल की सही जानकारी क्यों नहीं दी थी?

क्यों वह मोबाइल के बारे में पुलिस से छिपाना चाहता था? पाकिस्तान व कनाड़ा के नंबरों पर बातचीत का रिकॉर्ड वह छिपाना चाहता था या फिर अन्य कोई बड़ा मामला उसके मोबाइल के अंदर छिपा है। मोबाइलों से निकल रहे राज उसके लिए जहां टेंशन भरे होंगे वहीं उन मोबाइलों से बड़े राजफाश भी होंगे। जो सख्श मोबाइल की जानकारी छिपा रहा था जाहिर है कि कहीं न कहीं बड़ा मामला उन मोबाइल में है? देखना यह है कि जांच में क्या-क्या सामने आता है?

कोतवाली पुलिस की नाक के नीचे चल रहा था खेल
बागपत नगर में फर्जी आधार, जन्म प्रमाण पत्र बनाने का खेल बागपत कोतवाली की नाक के नीचे चल रहा था। कोतवाली से चंद कदम की दूरी पर जनसेवा केंद्रों पर यह खेल खेला जा रहा था। पूर्व में तमाम बार यहां शिकायतें की गई, लेकिन कभी भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। सवाल यह है कि पुलिस की नाक के नीचे चल रहे इस खेल को आखिर कोतवाली पुलिस क्यों नहीं पकड़ पाई? क्या पुलिस को इसकी भनक नहीं लगी? या फिर अन्य कोई खेल है?

खूब हुई शिकायतें, गंभीरता से नहीं ली
बागपत नगर में फर्जी आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र आदि प्रमाण पत्रों के बनाने की शिकायतें यहां पूर्व में खूब हुई है। नगर पालिका के चुनाव के दौरान इसकी शिकायत पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को हुई थी। जिसके बाद इनमें से एक जनसेवा केंद्र संचालक पर एफआईआर भी कराई गई थी। हालांकि उस समय कंप्यूटरों में कोई सुबूत नहीं मिले थे। जिसके बाद मामला शांत हो गया था।

फर्जी आधार कार्ड बनाने की पूर्व में भी तमाम शिकायतें हुई, परंतु अभी ऐसी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया। जिस कारण जनसेवा केंद्र संचालकों का हौसला बुलंद रहा और वह फर्जीवाड़े में लगे रहे। जनसेवा केंद्रों पर फर्जीवाड़े की अगर गहनता से इस बार जांच हुई तो बड़े खुलासे होंगे। पूर्व में जिन मामलों की शिकायत हुई थी उनमें भी कुछ न कुछ सामने आ सकेगा। इसके अलावा यहां बड़ा रैकेट भी हाथ लग सकता है।

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